Gopal Singh Nepali Ka Jivan Parichay : गोपाल सिंह नेपाली आधुनिक हिंदी साहित्य के छायावादोत्तर कवियों में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं। वहीं ‘छायावादोत्तर हिंदी कविता’ के साथ ही उन्होंने पत्रकारिता और सिनेमा जगत में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अपने जीवनकाल में ‘सुधा’ मासिक पत्र, ‘रतलाम टाइम्स’, ‘चित्रपट’, ‘पुण्य भूमि’ तथा ‘योगी’ पत्रिकाओं के संपादन में सहयोग किया था। इसके अलावा गोपाल सिंह नेपाली ने लगभग 60 हिंदी फिल्मों के लिए गीत लिखे थे जिसको हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध गायक ‘मुकेश’, ‘किशोर कुमार’, ‘लता मंगेशकर’ और ‘मोहम्मद रफ़ी’ ने आवाज दी थीं।
वहीं वर्ष 1962 के चीनी आक्रमण के समय उन्होंने कई देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताओं की रचना कर देशवासियों में देशभक्ति और आशा का संचार किया था जिनमें ‘नवीन कल्पना करो’, ‘कल्पना’, ‘सावन’ और ‘नीलिमा’ आदि अत्यंत लोकप्रिय हुए। आइए अब प्रख्यात कवि एवं गीतकार गोपाल सिंह नेपाली का जीवन परिचय (Gopal Singh Nepali Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मूल नाम | गोपाल बहादुर सिंह |
उपनाम | गोपाल सिंह नेपाली (Gopal Singh Nepali) |
जन्म | 11 अगस्त, 1911 |
जन्म स्थान | बेतिया, बिहार |
पिता का नाम | रेलबहादुर सिंह |
माता का नाम | वीणारानी |
पेशा | लेखक, कवि, पत्रकार, गीतकार |
भाषा | हिंदी व नेपाली |
साहित्य काल | आधुनिक काल (छायावादोत्तर युग) |
मुख्य रचनाएँ | ‘उमंग’, रागिनी, पंचमी, नवीन, नीलिमा तथा हिमालय ने पुकारा (कविता संग्रह) |
संपादन | द मुरली (अंग्रेजी), सुधा, चित्रपट, रतलाम टाइम्स व योगी (हिंदी) |
निधन | 17 अप्रैल, 1963 भागलपुर, बिहार |
जीवनकाल | 51 वर्ष |
This Blog Includes:
बिहार के बेतिया शहर में हुआ था जन्म – Gopal Singh Nepali Ka Jivan Parichay
हिंदी और नेपाली भाषा के प्रसिद्ध कवि गोपाल सिंह नेपाली का जन्म 11 अगस्त, 1911 को बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित बेतिया शहर में हुआ था। बता दें कि इनका वास्तविक नाम ‘गोपाल बहादुर सिंह’ था। लेकिन बाद में उन्होंने ‘नेपाली’ उपनाम रख लिया। इनके पिता का नाम ‘रेलबहादुर सिंह’ जबकि माता का नाम ‘वीणारानी’ था। बताया जाता है कि अल्प आयु में ही इनकी माता का देहांत हो गया था। वहीं पिता के सेना में रहने के कारण उनकी शिक्षा कई सैनिक छावनियों में संपन्न हुई। जहाँ उन्हें विभिन्न प्राकृतिक एवं मनोरथ स्थानों का भ्रमण करने का अवसर मिला।
साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण
गोपाल सिंह नेपाली (Gopal Singh Nepali) हिंदी साहित्य में उत्तर छायावाद के श्रेष्ठ कवियों में से एक हैं। बताया जाता है कि उनका स्कूली शिक्षा के दौरान ही साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो गया था। उनकी पहली कविता ‘भारत गगन के जगमग सितारे’ वर्ष 1930 में ‘रामवृक्ष बेनीपुरी’ द्वारा संपादित बाल पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद वर्ष 1933 में उनका पहला कविता संग्रह ‘उमंग’ प्रकाशित हुआ।
साहित्य सृजन के साथ ही गोपाल सिंह नेपाली का लंबा पत्रकारीय जीवन भी रहा। उन्होंने प्रसिद्ध कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के साथ वर्ष 1939 में ‘सुधा’ मासिक पत्र के अलावा ‘प्रभात’, ‘द मुरली’ (अंग्रेजी पत्रिका), ‘चित्रपट’ (हिंदी सिने पत्रिका) और ‘रतलाम टाइम्स’ (मध्य भारत) में प्रधान संपादक के रूप में कार्य किया।
फ़िल्मी दुनिया का सफर
गोपाल सिंह नेपाली ने प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों के कारण वर्ष 1944 में मुंबई का रुख किया और तकरीबन 60 हिंदी फिल्मों के लिए अनेकों गीत लिखे। सर्वप्रथम उन्होंने ‘मजदूर’ फिल्म के लिए गीत लिखा था। उन्होंने वर्ष 1944 से 1956 तक फ़िल्मी जगत में कई लोकप्रिय गीत दिए। इसके बाद वह वर्ष 1956 से 1963 तक स्वतंत्र रूप से लेखन एवं विभिन्न स्थानों पर कविता पाठ करने लगे।
गोपाल सिंह नेपाली की प्रमुख रचनाएं – Gopal Singh Nepali Ki Rachnaye
गोपाल सिंह नेपाली (Gopal Singh Nepali Ka Jivan Parichay) की कविताओं का मुख्य स्वर राष्ट्रीय चेतना का है। वहीं उनकी रचनाओं में गांधीवाद का प्रभाव भी विशेष रूप से देखने को मिलता हैं। यहाँ गोपाल सिंह नेपाली की प्रमुख काव्य रचनाओं के बारे में बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं :-
कविता संग्रह
कविता संग्रह | प्रकाशन |
उमंग | वर्ष 1934 |
रागिनी | वर्ष 1935 |
पंचमी | वर्ष 1942 |
नवीन | वर्ष 1944 |
नीलिमा | वर्ष 1944 |
हिमालय ने पुकारा | वर्ष 1963 |
संपादन
- प्रभात
- द मुरली – अंग्रेजी पत्रिका
- सुधा
- चित्रपट
- रतलाम टाइम्स
- योगी
भागलपुर में हुआ निधन
गोपाल सिंह नेपाली ने कई वर्षों तक साहित्य, पत्रकारिता और फ़िल्म जगत में अपना रचनात्मक योगदान दिया था। किंतु 17 अप्रैल, 1963 को बिहार के भागलपुर रेलवे स्टेशन पर अचानक हृदयगति रुक जाने से उनका निधन हो गया।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ सुप्रसिद्ध कवि-गीतकार गोपाल सिंह नेपाली का जीवन परिचय (Gopal Singh Nepali Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
गोपाल सिंह नेपाली का जन्म 11 अगस्त, 1911 को बिहार के पश्चिम चंपारण स्थित बेतिया शहर में हुआ था।
उनकी माता का नाम वीणारानी जबकि पिता का नाम रेलबहादुर सिंह था।
उनका मूल नाम ‘गोपाल बहादुर सिंह’ था।
उन्होंने सुधा, रतलाम टाइम्स, योगी तथा चित्रपट आदि पत्रिकाओं का संपादन किया था।
17 अप्रैल 1963 को बिहार के भागलपुर रेलवे स्टेशन पर अचानक ह्रदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया।
आशा है कि आपको प्रख्यात कवि गोपाल सिंह नेपाली का जीवन परिचय (Gopal Singh Nepali Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।