घिग्घी बँधना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Ghigghi Bandhna Muhavare Ka Arth) भय के कारण मुँह से आवाज न निकलना होता है। जब भय के कारणवश किसी व्यक्ति का कंठ अवरुद्ध हो जाता है और वह कुछ नहीं बोल पाता तब घिग्घी बँधना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप ‘घिग्घी बँधना मुहावरे का अर्थ’ (Ghigghi Bandhna Muhavare Ka Arth) और इसके वाक्यों में प्रयोग के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
घिग्घी बँधना मुहावरे का अर्थ क्या है?
घिग्घी बँधना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Ghigghi Bandhna Muhavare Ka Arth) भय के कारण मुँह से आवाज न निकलना होता है।
घिग्घी बँधना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
घिग्घी बँधना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग निम्नलिखित है :-
- उच्च अधिकारी के सामने सोहन की घिग्घी बंध जाती है।
- घर के बाहर सियार को देखकर राजेश की घिग्घी बंध गई।
- विद्यालय में प्रधानाचार्य को देखकर शरारती छात्रों की घिग्घी बंध जाती है।
- सड़क पर भीषण हादसे को देखकर मनोज की घिग्घी बंध गई और वह कुछ क्षण बोल न सका।
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आशा है कि आपको घिग्घी बँधना मुहावरे का अर्थ (Ghigghi Bandhna Muhavare Ka Arth) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।