Essay on Daisy Flower in Hindi: प्यार, शांति या फिर किसी नई शुरुआत में दिए जाने वाले गुलबहार के फूल अकसर मन को लुभाते हैं, जून और अप्रैल के महीने में उगने वाले ये सफ़ेद-पीले फुल आपको अपनी खूबसूरती और भीनी सी खुसबू से रिझा लेंगे। इस ब्लॉग में हम गुलबहार फूल पर निबंध (Essay on Daisy Flower in Hindi) 100, 200 और 500 शब्दों में आपके साथ साँझा करेंगे।
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गुलबहार फुल पर निबंध 100 शब्दों में
Essay on Daisy Flower in Hindi: गुलबहार अपनी सुंदरता, कोमलता अथवा अपनी सादगी के लिए जाना जाता है। वह आकर्षक फूलों की श्रेणी में आता है। गुलबहार एक सुंदर, कोमल और आकर्षक फूल होता है, जो सफेद पंखुड़ियों और पीले केंद्र के कारण बहुत प्यारा लगता है। यह फूल आमतौर पर अप्रैल से जून के बीच खिलता है और बाग-बगीचों में इसके होने से वातावरण में ताज़गी फ़ैल जाती है। गुलबहार फूल को नई शुरुआत, सादगी और मासूमियत का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसे सजावट, उपहार और धार्मिक आयोजनों में भी प्रयोग किया जाता है। इसकी भीनी खुशबू और कोमलता इसे बेहद खास बनाती है।
गुलबहार फुल पर निबंध 200 शब्दों में
गुलबहार फूल (Daisy Flower) अपनी सादगी और चमकदार रंगों के कारण लोगों को बहुत पसंद आता है। यह फूल विशेष रूप से सफेद रंग की पंखुड़ियों और पीले केंद्र से बना होता है, लेकिन कई प्रकारों में यह गुलाबी और नीले रंगों में भी मिलता है। गुलबहार का वैज्ञानिक नाम बेलिस पेरेनिस (Bellis perennis) है, और यह डेज़ी परिवार का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह फूल मुख्य रूप से न तो ज्यादा गर्मी और न ही ज्यादा ठंडी जलवायु में उगता है और यह फुल वसंत से गर्मियों तक खिला रहता है। इसे सजावटी पौधों में गिना जाता है और गार्डनिंग में इसकी बहुत मांग होती है। गुलबहार फूल को शांति, मासूमियत और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह फूल न केवल देखने में सुंदर होता है बल्कि इसका उपयोग कई प्रकार के तेलों और हर्बल उपचारों में भी किया जाता है।
गुलबहार के फुलों को स्किन पर लगाने से सेंसिटिव से सेंसिटिव स्किन भी मॉइस्चराइज और चमक जाती है, क्यूंकि इसमें टार्टरिक ऐसिड होता है जो स्किन को पॉजिटिव इफ़ेक्ट देता है। बच्चों की किताबों और कहानियों में भी इसका उल्लेख अकसर किया जाता है। गुलबहार के फूल को अच्छी और ताज़ी हवा देने के लिए भी जाना जाता है।
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गुलबहार फुल पर निबंध 500 शब्दों में
प्रस्तावना
गुलबहार फूल को डेज़ी फूल के नाम से भी जाना जाता है। यह फूल अपनी सौम्यता और सुंदरता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसकी विशेषता है इसकी सफेद पंखुड़ियाँ और पीले केंद्र, जो किसी भी वातावरण को आकर्षक बना सकते हैं। यह फुल जहां उगते हैं वहाँ की सुंदरता बड़ा देते हैं। अलग-अलग प्रकार से गुलदाउदी (Chrysanthemum) के फुल को भी डेज़ी कहा जाता है। गुलबहार फुल का पौधा शाहकारी होता है। गुलबहार का पौधा अलग-अलग प्रजातियों के अनुसार 4 से 5 फ़ीट तक की ऊंचाई तक बढ़ जाता है।
वहीं इस पौधे की पत्तियां बारहमासी रहती है। इसके फुल का तना चिकना और इसके ऊपरी हिस्से में फुल होता है जिसके डंठल 3-4 इंच ऊँचे होते हैं। इसकी पत्तियों का आकर प्रजाति के अनुसार अलग होता है। पत्तो की सतह चिकनी होती है। जिसके ऊपर हलके रुएँ वाले बाल होते है। गुलबहार के पौधे के डंठल पत्तियों की तुलना में ज्यादा बड़े होते है।
गुलबहार फुल की विशेषताएं
गुलबहार का वैज्ञानिक नाम Bellis Perennis है। यह फूल मुख्य रूप से यूरोप में पाया जाता है, लेकिन ये भारत सहित कई अन्य यूरोपीय देशों में भी पाया जाता है और कुछ देशों में इसकी खेती भी होती है। यह एक बहुवर्षीय फूल है, जो वसंत ऋतु से लेकर गर्मियों तक खिलता है। गुलबहार के कई आयुर्वेदिक फायदे हैं जैसे माना जाता है कि गुलबहार को चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे गायब हो जाते हैं। कब्ज़, पीरियड का दर्द, लीवर से जुडी समस्या हो या सांसों से जुडी बीमारी, माउथ फ्रेशनर इसे सभी के लिए कारीगर माना जाता है। खुशबू, खूबसूरती के साथ साथ गुलबहार अपने औषधीय गुणों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है।
गुलबहार फुल का महत्व
गुलबहार अपनी सुंदरता और सादगी से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में कभी असफल नहीं होते। गुलबहार फुल अपनी सुंदरता के साथ-साथ प्रेम, मासूमियत, शांति और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। गुलबहार फूल को किसी भी छोटे-बड़े अवसरों पर सजावट और चढ़ावे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण इन्हें विवाह समारोह, पूजा-पाठ और शुभ अवसरों पर प्रयोग किया जाता है।
गुलबहार फूल का उपयोग
गुलबहार फुल को मुख्यतः निम्नलिखित चीज़ों के लिए उपयोग किया जाता है:-
- सजावट के लिए: गुलबहार फूल बगीचों, वास और गमलों की सजावट में इस्तेमाल होता है।
- उपहार में देने के लिए: यह फूल गुलदस्तों और ग्रीटिंग कार्ड्स के साथ देना आम है।
- हर्बल उपयोग के लिए: गुलबहार के अर्क को त्वचा संबंधित समस्याओं में उपयोग किया जाता है।
- औषधि के रूप में: लीवर , कब्ज़ और पीरियड्स क्रैंप्स जैसी समस्याओं के लिए।
गुलबहार फुल की कृषि और देखभाल
गुलबहार फूल को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती। यह फूल धूप वाली जगह में अच्छा खिलता और बढ़ता है। उचित जल निकासी और हल्की मिट्टी में यह अधिक खिलता है। गुलबहार की रोपाई से पहले खेत को चार से पांच बार जोता जाता है। गुलबहार को केवल 6-7 घंटे की धूप चाहिए होती है। जब गुलबहार 5 इंच तक बढ़ जाता है तो इसे खाद दिया जाता है। ध्यान दें कि इस फूल को हमेशा पानी देते रहना चाहिए।
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गुलबहार फुल पर 10 लाइन्स
Essay on Daisy Flower in Hindi के अतिरिक्त गुलबहार के फुल पर दस लाइन्स इस प्रकार हैं:-
- गुलबहार फूल एक सुंदर और कोमल फूल है।
- इसे अंग्रेजी में Daisy Flower कहा जाता है।
- यह फूल सफेद पंखुड़ियों और पीले केंद्र से बनता है।
- इसका वैज्ञानिक नाम Bellis perennis है।
- गुलबहार फूल अप्रैल से जून के बीच खिलता है।
- यह फूल नई शुरुआत, मासूमियत और शांति का प्रतीक है।
- इसका उपयोग सजावट और उपहार में किया जाता है।
- यह फूल बाग-बगीचों की सुंदरता बढ़ाता है।
- गुलबहार फूल से त्वचा के इलाज में भी सहायता मिलती है।
- यह फूल बच्चों और बड़ों सभी को आकर्षित करता है।
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FAQs
गुलबहार के फूल का अर्थ है वसंत का फुल।
इसका वैज्ञानिक नाम Bellis perennis है।
यह फूल वसंत और गर्मी के मौसम में, विशेषकर अप्रैल से जून तक खिलता है।
इसे मासूमियत, नई शुरुआत और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
हां, इसका उपयोग हर्बल उपचारों और त्वचा संबंधी दवाओं में किया जाता है।
जी हां, यह फूल अब भारत में भी कई स्थानों पर उगाया जाता है।
गुलबहार फुल का नाम इंग्लिश में डेज़ी फ्लावर है।
डेज़ी के बीज को वसंत, गर्मी या पतझड़ में लगाएं।
आशा है कि आपको गुलबहार फूल पर निबंध (Essay on Daisy Flower in Hindi) का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य निबंध पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।