चाइल्ड वेलफेयर एंड प्रोटेक्शन कमिटी देगी वात्सल्य स्कीम के बच्चों को शिक्षा, ये रहेंगी सुविधाएं

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Child welfare and protection committee degi vatsalya scheme se bacho ko shiksha

5 जुलाई 2023 को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अनाथों, सड़क पर रहने वाले बच्चों और कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को अब फाइनेंशियल एड दी जाएगी। इसके साथ-साथ शिक्षा, पालन-पोषण देखभाल और पुनर्वास प्रदान किया जाएगा। 

अधिकारी ने आगे कहा, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत चाइल्ड वेलफेयर एंड प्रोटेक्शन कमिटी (CWPC) को सहायता की आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान करने का काम सौंपा गया है।

मंत्रालय की मिशन वात्सल्य योजना के तहत बेनेफिशियरी को स्पॉन्सरशिप, पालन-पोषण देखभाल और गोद लेने में सहायता की जा रही है, जिसका उद्देश्य कॉन्टिनियस डेवलपमेंट लक्ष्यों के हिसाब से चाइल्ड प्रोटेक्शन और डेवलपमेंट प्रदान करना है।

अधिकारी ने आगे बताया कि स्पॉन्सरशिप प्रोग्राम के तहत, बच्चों को गैर-संस्थागत देखभाल के विभिन्न तरीकों के माध्यम से समर्थन दिया जाएगा, जिसमें दो प्रकार की फाइनेंशियल एड शामिल है। जहां एक सरकारी सहायता प्राप्त स्पॉन्सरशिप होगी, वहीं दूसरा प्राइवेट होगा। 

बायोलॉजिकल रूप से दी जाएगी फाइनेंशियल एड

पालन-पोषण देखभाल में, बच्चे की ज़िम्मेदारी एक असंबंधित परिवार द्वारा ली जाएगी। अधिकारी के मुताबिक कहा, इस मामले में, बच्चे के पालन-पोषण के लिए बायोलॉजिकल रूप से अनरिलेटेड फोस्टर माता-पिता को फाइनेंशियल एड प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही, कानूनी रूप से मुक्त इन बच्चों को गोद लेने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।

इसके अलावा इन बच्चों की देखभाल की व्यवस्था भी की जाएगी। जो बच्चे 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर बाल देखभाल संस्थान छोड़ रहे हैं, उन्हें समाज में बच्चे के पुन: इंटीग्रेशन की सुविधा के लिए फाइनेंशियल एड प्रदान की जा सकती है। ऐसी सहायता 18 से 21 वर्ष की आयु के बच्चों को दी जा सकती है। हालाँकि, बच्चे को आत्मनिर्भर बनने में मदद करने के लिए इस आयु सीमा को 23 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।

बच्चे को समर्थन

विस्तारित परिवारों या बायोलॉजिकल रिलेटिव्स के साथ रहने वाले कमजोर बच्चों को उनकी टीचिंग, पोषण और स्वास्थ्य आवश्यकताओं के समर्थन के लिए फाइनेंशियल एड दी जा सकती है। 

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पालन-पोषण देखभाल में, बच्चे की जिम्मेदारी एक असंबंधित परिवार द्वारा ली जाएगी, ऐसी स्थिति में, बच्चे के पालन-पोषण के लिए जैविक रूप से असंबंधित पालक माता-पिता को सहायता प्रदान की जाएगी।

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