चौकड़ी भूल जाना मुहावरे का अर्थ (Chaukadi Bhool Jaana Muhavare Ka Arth) होता है, घबरा जाना। जब कोई व्यक्ति किसी भी स्थिति में घबराने लगता है, तो उस स्थिति के संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप चौकड़ी भूल जाना मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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चौकड़ी भूल जाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
चौकड़ी भूल जाना मुहावरे का अर्थ (Chaukadi Bhool Jaana Muhavare Ka Arth) होता है- घबरा जाना। आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति छोटी-छोटी बात पर घबराने लगता है।
चौकड़ी भूल जाना पर व्याख्या
“चौकड़ी भूल जाना” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- घबरा जाना। जैसे – परीक्षा के परिणामों के जारी होने की खबर रितिका के लिए चौकड़ी भूल जाने जैसी थी।
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चौकड़ी भूल जाना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
चौकड़ी भूल जाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- देवांग ने स्तुति को जैसे ही आते देखा, वैसे ही वो चौकड़ी भूल जाने लगा।
- जीत ना मिलने के भय से नेता जी चौकड़ी भूल गए।
- चौकड़ी भूल जाना एक ऐसा मुहावरा है, जिसका अर्थ है घबरा जाना।
- नए काम को करने से पहले नरेश भय के कारण चौकड़ी भूल गया।
- जिम्मेदारियां के बढ़ने पर जयराम अकसर चौकड़ी भूल जाने की बात को नकारता रहता है।
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आशा है कि आपको चौकड़ी भूल जाना मुहावरे का अर्थ (Chaukadi Bhool Jaana Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।