हाल ही में भारत यात्रा पर आए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने गुजरात की गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फिन टेक) में ऑस्ट्रेलिया की दो यूनिवर्सिटी वोलोनगोंग और डीकिन यूनिवर्सिटी का कैंपस स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस समझौते पर जल्द ही दोनों देश हस्ताक्षर करेंगे इसके साथ ही आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के साथ वोलोंगोंग यूनिवर्सिटी और मेलबर्न यूनिवर्सिटी आपस में मिलकर स्टूडेंट- टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम चलाएंगे। जिसमें स्टूडेंट्स टीचर्स के साथ मिलकर डिग्री और रिसर्च के क्षेत्र में कार्य करेंगे।
गुजरात की गिफ्ट सिटी में अपना कैंपस खोलने वाला ऑस्ट्रेलिया पहला देश है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के वेंकटेश्वर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई एजुकेशन मिनिस्टर “जैसन क्लेयर” ने घोषणा की है कि वोलोनगोंग यूनिवर्सिटी के ग्लोबल ब्रांड अंबेसेडर और पूर्व क्रिकेटर “एडम गिलक्रिस्ट” भारत में यूनिवर्सिटी का कैंपस स्थापित करने में मदद करेंगे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शुरू किया जॉइंट डिग्री प्रोग्राम
दिल्ली यूनिवर्सिटी के वेंकटेश्वर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई शिक्षा मंत्री ने भारत की नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 की सराहना की है। उन्होंने यह माना है कि भारत आगे आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी इकनॉमिक पॉवर बन जाएगा। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी से भारत की शिक्षा नीति में बहुत बदलाव आया है जिससे देश की युवा पीढ़ी एजुकेशन के साथ-साथ स्किल्स डेवलपमेंट में प्रशिक्षित किए जाएंगे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज़ मिलकर “जॉइंट डिग्री” शुरू करने जा रहे है, ताकि भविष्य में स्टडी और जॉब के लिए स्टूडेंट्स को कोई परेशानी न आए। इसके लिए दोनों देशों की यूनिवर्सिटी करीब 10 एग्रीमेंट्स करेंगे
जिसमें कैंपस स्थापित करना भी अहम समझौतों में से एक है।
डीयू की डिग्री पर मिलेगा ऑस्ट्रेलिया जाकर स्टडी का सुनहरा अवसर
दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह ने यह बताया की डीयू स्टूडेंट-टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत तीन यूनिवर्सिटीज के साथ समझौता करेगा। इसमें डीयू के विभिन्न डिग्री प्रोग्राम के स्टूडेंट्स को एक सेमेस्टर और कोर्स के दौरान रिसर्च के लिए ऑस्ट्रेलिया की तीन यूनिवर्सिटीज़ में जाकर स्टडी करने का मौका मिलेगा।
इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया के स्टूडेंट्स भी दिल्ली यूनिवर्सिटीज में स्टडी करने के लिए आएंगे लिए आएंगे। डीयू और ऑस्ट्रेलिया के टीचर्स भी एजुकेशन में नए बदलाव और नीतियों के लिए एक दूसरे के देशों में भाग लेंगे हालांकि स्टूडेंट्स की डिग्री पर डीयू का ही नाम होगा।
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