‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाने की शुरुआत भारत देश की ओर से की गई थी। वैसे तो प्राचीन काल से ही भारत में शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए योग किया जा रहा हैं। लेकिन योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने की थी।
जब संयुक्त राष्ट्र -UN की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसे UN में शामिल सभी 193 देशों के सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर साल 21 जून के दिन ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाए जाने की घोषणा कर दी गई। तब से वर्ष 2015 से हर साल पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है।
क्या आप जानते हैं 21 जून का दिन है बहुत खास
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जिसे ‘वर्ल्ड योगा डे’ भी कहा जाता है। इसे 21 जून को मनाये जाने के पीछे सबसे बड़ी खास वजह ये है कि 21 जून का दिन पृथ्वी के उत्तरी उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसे भारत के कुछ स्थानों पर “ग्रीष्म संक्रांति” का दिन कहकर भी बुलाया जाता हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार “ग्रीष्म संक्रांति” के बाद सूर्य का स्थान दक्षिणायन हो जाता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है इसी कारण की वजह से 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
जानिए क्या है योग का महत्व
यहां योग के महत्व को कुछ प्रमुख बिंदुओं में बताया जा रहा है:-
- योग मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- मन को शांत रखने और शरीर को दुरुस्त रखने में योग करना सबसे उपयुक्त माना जाता है।
- योग किसी भी खुले स्थान पर आसानी से किया जा सकता है।
- योग मनुष्य के स्वास्थ्य को चुनौती देने वाली बीमारियों को कम करने में भी सहायक होता है।
- योग के माध्यम से ध्यान लगाना आसान होता है।
- योग स्वास्थ्य की सुरक्षा और सतत स्वास्थ्य विकास के बीच एक कड़ी प्रदान करता है।
- रोजाना योग का अभ्यास तनाव और डिप्रेशन को कम करने में मदद करता है।
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