Aate Daal Ka Bhav Maloom Hona Muhavare Ka Arth होता है मुसीबत के समय होने वाली दिक्कत या कष्ट, तो उसके लिए आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ क्या है?
Aate Daal Ka Bhav Maloom Hona Muhavare Ka Arth होता है, मुसीबत के समय होने वाली दिक्कत या कष्ट।
आटे दाल का भाव मालूम होना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ” है की जब तक मैं घर पर मां-बाप के साथ रहता था तब तक मुझे आटे दाल का भाव नहीं मालूम था।
आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है :
- जब तक मैं घर पर मां-बाप के साथ रहता था तब तक मुझे आटे दाल का भाव नहीं मालूम था।
- अंबानी का लड़का आटे दाल के भाव जान कर क्या करेगा।
- विवाह से पहले तो मोहित को आटे दाल के भाव तक नहीं मालूम थे।
- जब मेरी बीमारी मैं मुझे किसी ने साथ नहीं दिया तभी मुझे आटे दाल का भाव मालूम हुआ।
- कोरोना के समय उनको भी आटे दाल के भाव का ज्ञान हो गया जिन्हें पहले नहीं था।
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आशा है कि आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ (Aate Daal Ka Bhav Maloom Hona Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।