आज के दौर में बैंकिंग न केवल पैसों के लेन-देन तक सीमित है, बल्कि यह एक ऐसा क्षेत्र बन चुका है, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ युवाओं को एक सुरक्षित और सम्मानजनक करियर भी प्रदान करता है। 12वीं के बाद बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाना उन छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो सरकारी या निजी बैंकों में नौकरी करना चाहते हैं या वित्तीय संस्थानों में अपनी पहचान बनाने चाहते हैं। 12वीं के बाद बैंकिंग कोर्स चुनकर आप इस क्षेत्र में करियर बनाने के अवसर समझ सकते हैं। इस लेख में आपके लिए बैंकिंग कोर्स से जुड़ी जरूरी जानकारी दी गई है।
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12वीं के बाद टॉप बैंकिंग कोर्सेस के विकल्प
बैंकिंग क्षेत्र आज के समय में युवाओं के लिए एक आकर्षक और स्थिर करियर का विकल्प बन चुका है। यह क्षेत्र फाइनेंशियल सर्विसेस, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, बीमा, क्रेडिट एनालिसिस, रिस्क मैनेजमेंट, डिजिटल बैंकिंग और फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज जैसी उभरती शाखाओं में तेजी से विस्तार कर रहा है। 12वीं के बाद बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश पाने के लिए छात्रों के पास डिप्लोमा कोर्सेस, सर्टिफिकेट प्रोग्राम्स और अंडरग्रेजुएट डिग्री विकल्प मौजूद होते हैं। इन कोर्सेस में प्रवेश के लिए किसी विशेष विषय की बाध्यता नहीं होती, लेकिन यदि छात्र ने 12वीं वाणिज्य संकाय से की है, तो उसे अकाउंटिंग, बिजनेस स्टडीज और इकोनॉमिक्स जैसे विषयों में पहले से समझ होने के कारण लाभ मिलता है। 12वीं के बाद टॉप बैंकिंग कोर्सेस के विकल्प इस प्रकार हैं –
- स्ट्रीम के अनुसार टॉप बैंकिंग कोर्सेस
- डिग्री के अनुसार बैंकिंग कोर्सेस
- ऑनलाइन बैंकिंग कोर्सेस
स्ट्रीम के अनुसार टॉप बैंकिंग कोर्सेस
स्टूडेंट्स अपनी स्ट्रीम के अनुसार बैंकिंग कोर्सेस करके भी इस क्षेत्र में अपने बेहतर भविष्य की आधारशिला रख सकते हैं। कॉमर्स, साइंस और आर्ट्स तीनों स्ट्रीम के स्टूडेंट्स बैंकिंग कोर्स को कर सकते हैं, जिसकी जानकारी निम्नलिखित है –
कॉमर्स के स्टूडेंट्स के लिए कोर्स
कॉमर्स के छात्र अकाउंटिंग, फाइनेंस और इकोनॉमिक्स से पहले ही परिचित होते हैं, इसलिए उनके लिए निम्नलिखित कोर्सेस बेहद लोकप्रिय हैं –
- वित्तीय सलाहकार
- विदेशी व्यापार
- वित्त और बैंकिंग में स्नातक (बीबीए)
- व्यवसाय और वाणिज्य में स्नातक
- बैंकिंग में स्नातक (बीबीए)
- बैंकिंग और वित्त में स्नातक (बीबीए)
- बैंकिंग और बीमा में स्नातक (बीकॉम)
- बैंकिंग और बीमा में स्नातक (बीकॉम ऑनर्स)
- बैंकिंग और वित्त में विज्ञान स्नातक (बीएससी)
- यह भी पढ़ें: बीएलआईएस कोर्स: योग्यता, सिलेबस, फीस, कॉलेज और करियर स्कोप
गणित के बिना कॉमर्स की स्ट्रीम के लिए कोर्स
यदि स्टूडेंट्स गणित के बिना कॉमर्स की स्ट्रीम में हैं तो उनके लिए निम्नलिखित कोर्सेस का चयन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है-
- बैंकिंग और वित्त में विशेष डिप्लोमा
- बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम
- कंपनी सचिव (सीएस)
- प्रबंधन अध्ययन में स्नातक (बीएमएस)
साइंस स्ट्रीम स्टूडेंट्स के लिए कोर्स
साइंस के छात्र यदि गणित या कंप्यूटर साइंस की पृष्ठभूमि से हैं, तो वे:
- बैंकिंग/अकाउंटिंग में बीबीए
- बैंकिंग और वित्त में बीए
- बैंकिंग और वित्त में बीएससी
- अर्थशास्त्र में स्नातक
- वाणिज्य में स्नातक (बीकॉम)
- फिनटेक आधारित कोर्स
आर्ट्स स्ट्रीम स्टूडेंट्स के लिए कोर्स
आर्ट्स के छात्रों के लिए भी बैंकिंग क्षेत्र में उज्जवल अवसर मौजूद हैं। 12वीं में आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स निम्नलिखित कोर्स कर सकते हैं –
- बैंकिंग और वित्त में बीए
- बैंकिंग में बीबीए
- बैंकिंग में बीकॉम
- अर्थशास्त्र में स्नातक
12वीं के बाद बैंकिंग कोर्स
बैंकिंग सेक्टर में सक्सेस पाने के लिए स्टूडेंट्स को डिग्री के अनुसार बैंकिंग कोर्सेस के बारे में पता होना चाहिए, जिससे वे अपने लिए सही कोर्स का चयन कर सकें। बता दें कि स्टूडेंट्स डिग्री के अनुसार बैंकिंग के लिए सर्टिफिकेट कोर्सेस, डिप्लोमा कोर्सेस और अंडरग्रेजुएट कोर्सेस में से किसी का भी चयन कर सकते हैं, जो इस क्षेत्र में उनकी पहचान बनाने के लिए आवश्यक होते हैं –
सर्टिफिकेट के अनुसार बैंकिंग कोर्सेस
सर्टिफिकेट कोर्सेस, स्टूडेंट्स को 12वीं के बाद कम समय में बैंकिंग सेक्टर की जानकारी प्रदान करते हैं। साथ ही इसके माध्यम से स्टूडेंट्स शॉर्ट टाइम में इस फील्ड को समझने में सक्षम हो सकते हैं, इन कोर्सेस की समय अवधि अक्सर 6 माह होती है।
| कोर्स का नाम | समय अवधि |
| बैंकिंग और सेल्स मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट | 6 माह |
| जनरल इंश्योरेंस में सर्टिफिकेट | 6 माह |
| इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में सर्टिफिकेट | 6 माह |
| एडवांस्ड सर्टिफिकेट इन बैंकिंग | 6 माह |
डिप्लोमा के अनुसार बैंकिंग कोर्सेस
इसके लिए 12वीं के बाद कई ऐसे डिप्लोमा कोर्सेस भी उपलब्ध कराए जाते हैं, जिनके माध्यम से स्टूडेंट्स इस फील्ड का ज्ञान अर्जित कर पाते हैं। डिप्लोमा कोर्सेस ही स्टूडेंट्स को बैंकिंग और फाइनेंस की बुनियादी से लेकर उन्नत जानकारी प्रदान करते हैं। ये आमतौर पर 6 महीने से 1 साल की अवधि के होते हैं और इन्हें किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किया जाता है।
| कोर्स का नाम | समय अवधि |
| बैंकिंग सेवाओं में डिप्लोमा | 1-2 साल |
| बैंकिंग और बीमा में डिप्लोमा | 1-2 साल |
| बैंकिंग कानून में डिप्लोमा | 1-2 साल |
| बैंकिंग और वित्त में डिप्लोमा | 1-2 साल |
| एडवांस्ड बैंकिंग और वित्त में डिप्लोमा | 1-2 साल |
डिग्री के अनुसार बैंकिंग कोर्सेस
12वीं के बाद बैंकिंग में प्रवेश पाने के लिए कई अंडरग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध हैं जो छात्रों की रुचि और भविष्य के लक्ष्य के अनुसार चुने जा सकते हैं। इन कोर्सों में छात्रों को बैंकिंग के मूल सिद्धांतों, अकाउंटिंग, इन्वेस्टमेंट, फाइनेंशियल प्लानिंग, इंश्योरेंस सेक्टर और आर्थिक नीतियों की गहरी जानकारी दी जाती है। कई संस्थान इन कोर्सों में इंटर्नशिप, लाइव प्रोजेक्ट्स और इंडस्ट्री एक्सपोजर भी प्रदान करते हैं, जिससे छात्रों को वास्तविक बैंकिंग माहौल का अनुभव मिलता है।
| कोर्स का नाम | समय अवधि |
| बैंकिंग और वित्त में बी.कॉम (B.Com) | 3 साल |
| अंतरराष्ट्रीय वित्त और बैंकिंग में बी.ए. (BA) | 3 साल |
| बैंकिंग में बैचलर ऑफ बिज़नेस | 3 साल |
| बैंकिंग और वित्त में बी.ए. (BA) | 3 साल |
| बैंकिंग में बीबीए (BBA) | 3 साल |
| फाइनेंस और बैंकिंग में बीबीए ऑनर्स | 3 साल |
| बैंकिंग मैनेजमेंट में बी.कॉम (B.Com) | 3 साल |
| बैंकिंग और वित्त में बैचलर ऑफ बिज़नेस | 3 साल |
यह भी पढ़ें: MLT कोर्सेस: एडमिशन, सिलेबस, फीस, करियर स्कोप
ऑनलाइन बैंकिंग कोर्सेस
भारतीय बैंकिंग सेक्टर तेजी से टेक्नोलॉजी-ड्रिवन के कारण वर्तमान समय में ऑनलाइन बैंकिंग कोर्सेस स्टूडेंट्स के लिए एक बेहतरीन विकल्प के रूप में उभर कर आए हैं। यह कोर्स न केवल उन्हें बैंकिंग इंडस्ट्री की बुनियादी और व्यावसायिक समझ देते हैं, बल्कि इनके माध्यम से स्टूडेंट्स डिजिटल फाइनेंस, ग्राहक सेवा, लोन प्रोसेसिंग, इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट जैसे आधुनिक विषयों में भी प्रशिक्षित हो सकते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग कोर्सेस इस प्रकार हैं –
- बेसिक फाइनेंशियल अकाउंटिंग कोर्स
- फाइनेंशियल अकाउंटिंग क्या होता है – शुरुआती कोर्स
- फॉरेंसिक अकाउंटिंग और फ्रॉड जांच कोर्स
- डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक का शुरुआती मास्टरक्लास
- इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और फाइनेंशियल रेशियो समझने का पूरा कोर्स
- बिज़नेस बैंकिंग कोर्स
- अकाउंटिंग और फाइनेंस कोर्स
- बिज़नेस अकाउंटिंग बेसिक्स
- फाइनेंशियल अकाउंटिंग की बुनियाद
- आज के समय में अकाउंटिंग कैसे होती है – अपडेटेड कोर्स
बैंकिंग कोर्स की अवधि और फीस
बैंकिंग कोर्स की अवधि और फीस की जानकारी नीचे दी गई तालिका में देख सकते हैं, जिससे सही कोर्स चुनने में आसानी होगी।
| कोर्स का नाम | कोर्स की अवधि | कोर्स की फीस (अनुमानित) |
| बैंकिंग और फाइनेंस में बी.कॉम | 3 साल | INR 50,000 – 1.5 लाख |
| बैंकिंग में बैचलर ऑफ बिज़नेस | 3 साल | INR 1 लाख – 2 लाख |
| फाइनेंस और बैंकिंग में बीबीए ऑनर्स (BBA Hons) | 3 साल | INR 1.5 लाख – 4 लाख |
| अंतरराष्ट्रीय वित्त और बैंकिंग में बी.ए. (BA) | 3 साल | INR 1 लाख – 3 लाख |
| बैंकिंग और फाइनेंस में बी.ए. (BA) | 3 साल | INR 1 लाख – 1.5 लाख |
| बैंकिंग मैनेजमेंट में बी.कॉम (B.Com) | 3 साल | INR 50 हजार – 2 लाख |
| सर्टिफिकेट प्रोग्राम | 6 माह | INR 10 हजार – 20 हजार |
| डिप्लोमा प्रोग्राम | 1 – 2 साल | INR 10 हजार – 50 हजार प्रति वर्ष |
बैंकिंग कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
बैंकिंग कोर्स के लिए कुछ अनिवार्य एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया नीचे दिए गए हैं, लेकिन कुछ यूनिवर्सिटी अतिरिक्त योग्यता या शर्तें भी रख सकती हैं:
- न्यूनतम योग्यता 12वीं कक्षा (किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से) पास होनी चाहिए।
- कुछ डिप्लोमा या अंडरग्रेजुएट बैंकिंग कोर्स के लिए 50% से ज्यादा अंकों की आवश्यकता होती है।
- बैंकिंग के प्रोफेशनल कोर्स जैसे B.Com (Banking & Finance), BBA in Banking, या BA Economics आदि में प्रवेश के लिए 12वीं में Commerce स्ट्रीम होना लाभकारी होता है।
- अधिकतर संस्थानों में मेरिट बेसिस पर प्रवेश होता है। हालाँकि कुछ नामी विश्वविद्यालयों में एंट्रेंस टेस्ट (जैसे IPU CET आदि) भी होते हैं।
12वीं के बाद बैंकिंग कोर्स चुनने में होने वाली आम परेशानियां
12वीं के बाद बैंकिंग कोर्स चुनते समय स्टूडेंट्स को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनमें से कुछ मुख्य समस्याएं इस प्रकार हैं –
- सही समय पर सही कोर्स की जानकारी न मिलना सबसे बड़ी चुनौती है।
- स्कूलों और ग्रामीण इलाकों के कॉलेजों में करियर काउंसलिंग और मार्गदर्शन की कमी रहती है।
- इंटरनेट पर कई ऑनलाइन और ऑफलाइन कोर्स उपलब्ध हैं, लेकिन उनकी मान्यता और वैधता को लेकर भ्रम रहता है।
- महंगी फीस और आर्थिक समस्याएं स्टूडेंट्स के लिए बड़ा अवरोध बनती हैं।
- इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की पर्याप्त सुविधा न मिलना भी एक बड़ी परेशानी है।
- प्रवेश प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज़ समझने में कठिनाई आती है।
- सीमित सीटों के कारण प्रतियोगिता का दबाव बढ़ जाता है।
- कोर्स के बाद नौकरी और भविष्य को लेकर असमंजस बना रहता है।
- कई बार परिवार का सहयोग न मिलने से सही निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है।
- ऑनलाइन जानकारी में भ्रम और आत्मविश्वास की कमी से स्टूडेंट्स परेशान रहते हैं।
सही बैंकिंग कोर्स चुनने के लिए सुझाव
12वीं के बाद बैंकिंग सेक्टर में अपना करियर शुरू करने के लिए सही कोर्स चुनना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप निम्नलिखित सुझावों पर ध्यान दें, जो आपको कोर्स की जानकारी के साथ-साथ इस क्षेत्र के लिए आवश्यक कौशल भी बताएंगे –
- बैंकिंग क्षेत्र में आर्थिक समझ, गणितीय क्षमता, संचार कौशल और डिजिटल साक्षरता की अहम भूमिका होती है। इसलिए अपनी रुचि और योग्यता को ध्यान में रखते हुए कोर्स का चयन करें।
- बैंकिंग में करियर बनाने के लिए डिप्लोमा, अंडरग्रेजुएट डिग्री या प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स जैसे विकल्पों पर विचार करें।
- 12वीं के बाद बैंकिंग कोर्स करने का उद्देश्य स्पष्ट करें — क्या आप सरकारी बैंक में नौकरी करना चाहते हैं या प्राइवेट बैंक में करियर बनाना चाहते हैं।
- ऐसे कोर्स को प्राथमिकता दें जो इंडस्ट्री एक्सपोजर, इंटर्नशिप और प्लेसमेंट जैसी सुविधाओं के साथ आते हों, ताकि आपको व्यवहारिक अनुभव और बेहतर अवसर मिल सकें।
- डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते ट्रेंड को समझें और फिनटेक से जुड़ी स्किल्स से खुद को अपडेट करें, जिससे आप भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार रह सकें।
बैंकिंग कोर्स करने के बाद करियर ऑप्शंस और सैलरी
12वीं के बाद बैंकिंग कोर्स करने के बाद आपके सामने कई करियर विकल्प आते हैं, जहाँ अच्छी सैलरी मिलने की संभावना रहती है। नीचे दी गई अनुमानित सैलरी (स्रोत – Payscale) की जानकारी इस क्षेत्र के विकल्पों को समझने में आपकी मदद करेगी –
| संभावित करियर ऑप्शंस | आरंभिक औसत सैलरी (INR) |
| क्लर्क, कस्टमर सर्विस एग्जीक्यूटिव | ₹15,000 – ₹25,000 प्रति माह |
| अकाउंटेंट, बैंक ऑफिस असिस्टेंट | ₹18,000 – ₹30,000 प्रति माह |
| टेलर, सेल्स ऑफिसर | ₹12,000 – ₹20,000 प्रति माह |
| रिलेशनशिप मैनेजर, क्रेडिट एनालिस्ट | ₹25,000 – ₹40,000 प्रति माह |
| सरकारी बैंक क्लर्क/पीओ | ₹30,000 – ₹45,000 प्रति माह |
FAQs
12वीं के बाद बैंक जॉब के लिए आप अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार कोर्स का चयन कर सकते हैं। शॉर्ट टर्म में सर्टिफिकेट कोर्स एक अच्छा विकल्प होता है। इसके अलावा डिप्लोमा और ऑनलाइन कोर्स भी कर सकते हैं, जो बैंकिंग क्षेत्र की बेसिक जानकारी और स्किल्स विकसित करने में मदद करते हैं।
बैंकिंग कोर्स की फीस आपके द्वारा चुने गए कोर्स पर निर्भर करती है, इसमें सर्टिफिकेट से लेकर ग्रेजुएट डिग्री तक के कोर्स की फीस ₹15,000 से ₹2,00,000 के बीच ही होती है। यह फीस आपके द्वारा चुने गए इंस्टीट्यूट पर भी निर्भर करती है।
बैंकिंग से जुड़े कोर्स की समय अवधि अलग‑अलग स्तर पर भिन्न-भिन्न होती है। बैंकिंग के लिए शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स 6 माह से 1 साल तक की अवधि में पूरे होते हैं। साथ ही डिप्लोमा कोर्स को 1 से 2 साल तक की अवधि में पूरा किया जा सकता है, जबकि अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स 3 से 4 साल और पोस्टग्रेजुएट डिग्री कोर्स की अवधि 1 से 2 साल की होती है।
हमें आशा है कि इस ब्लॉग में दी गई 12वीं के बाद बैंकिंग कोर्स से जुड़ी जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अन्य कोर्स-सम्बंधित जानकारियों के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।
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8 comments
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