13 दिसंबर 2022 को भारत और फ़िनलैंड ने माइग्रेशन और मोबिलिटी पर एक जॉइंट डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर किए हैं। ऐसा करने के पीछे मंशा है कि इससे अधिक मोबिलिटी को सुविधाजनक बनाने और इर्रेगुलर माइग्रेशन से निपटने के लिए व्यवस्था और सहयोग की एक सामान्य रूपरेखा विकसित करने में मदद मिलेगी।
“माइग्रेशन और मोबिलिटी पर जॉइंट डिक्लेरेशन पर विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन और फ़िनलैंड के रोज़गार मंत्री तुउला हैटेनेन द्वारा दोनों के बीच माइग्रेशन और मोबिलिटी पर पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यवस्था पर पहुंचने के लिए हस्ताक्षर किए गए थे।
इस जॉइंट डिक्लेरेशन पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, “घोषणा दोनों देशों के छात्रों, एकेडेमिक्स, रिसर्चर्स, व्यवसायियों और प्रोफेशनल्स की गतिशीलता को सुविधाजनक बनाने और इर्रेगुलर माइग्रेशन से निपटने के लिए व्यवस्था और सहयोग के एक सामान्य स्ट्रक्चर को विकसित करने की दिशा में संयुक्त रूप से काम करने के संकल्प को अंडरलाइन करता है।”
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत और फिनलैंड लोकतंत्र, स्वतंत्रता, कानून के शासन और ह्यूमन राइट्स के सम्मान के सामान्य मूल्यों पर आधारित गर्म और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करते हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री सना मारिन के बीच 16 मार्च, 2021 को आयोजित दूसरे भारत-नॉर्डिक समिट और वर्चुअल समिट के मौके पर 4 मई को हुई बातचीत ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक मजबूत गति प्रदान की है।
जॉइंट डिक्लेरेशन पर हस्ताक्षर करने के अवसर पर भारत में फ़िनलैंड के राजदूत रितवा कोक्कू-रोंडे और भारत और फ़िनलैंड सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
भारत और फिनलैंड के बीच परंपरागत रूप से मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। हाल के वर्षों में, दोनों पक्षों द्वारा रिसर्च, इनोवेशन और निवेश में सहयोग से द्विपक्षीय संबंधों में विविधता आई है।
इससे पहले, 4 मई 2022 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोपेनहेगन में दूसरे भारत-नॉर्डिक समिट के मौके पर फिनलैंड के पीएम सना मारिन से मुलाकात की और बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट, टेक्नोलॉजी और अन्य ऐसे क्षेत्रों में इस साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
इस तरह के और अपडेट के लिए, Leverage Edu News को फॉलो करें!