अगर आप सरकारी नौकरी में करियर बनाना चाहते हैं और प्रशासनिक क्षेत्र में काम करने का सपना देखते हैं, तो तहसीलदार का पद आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यह नौकरी न केवल सम्मान और स्थिरता देती है, बल्कि अपने जिले या तहसील में प्रशासन में योगदान करने का मौका भी देती है। इस लेख में तहसीलदार बनने की पूरी जानकारी दी गई है।
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तहसीलदार कौन होता है?
तहसीलदार एक सरकारी अधिकारी होता है जो अपने जिले या तहसील के प्रशासन को संभालता है। वह लोगों की समस्याओं का समाधान करता है और सही तरीके से संचालन करता है। तहसीलदार का काम होता है जमीन और संपत्ति से जुड़ी जानकारी रखना, सरकारी कर वसूलना, सरकारी योजनाओं को लागू करना और अपने क्षेत्र में चुनाव से संबंधित कार्यों में प्रशासन की सहायता करना। जरूरत पड़ने पर आपदा या किसी खास स्थिति में तुरंत कदम उठाने का अधिकार भी तहसीलदार के पास होता है।
तहसीलदार बनने के लिए योग्यता
तहसीलदार बनने के लिए कुछ अनिवार्य योग्यताएं इस प्रकार है:-
शैक्षिक योग्यता
तहसीलदार की परीक्षा पास करने के लिए सबसे पहले मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री कंप्लीट होनी चाहिए।
आयु सीमा
तहसीलदार बनने के लिए उम्मीदवार की आयु आमतौर पर 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। कुछ राज्यों में आयु सीमा में छूट भी होती है जैसे SC/ST, OBC और अन्य विशेष श्रेणियों के लिए।
आवश्यक कौशल
तहसीलदार के लिए केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि कुछ खास कौशल भी जरूरी हैं, जो कि निम्नलिखित है;
- अपने क्षेत्र में प्रशासनिक फैसले लेने और टीम को मार्गदर्शन देने में सक्षम होना।
- लोगों से प्रभावी ढंग से संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं को संवेदनशीलता एवं समझदारी के साथ सुनने व समझने की क्षमता।
- जमीन, कर और प्रशासनिक मामलों में समस्या आने पर तुरंत और सही निर्णय लेने की क्षमता।
- सरकारी दस्तावेज़ों और रिकॉर्ड्स को व्यवस्थित रखने की क्षमता।
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तहसीलदार के लिए चयन प्रक्रिया
तहसीलदार बनने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया होती है, जिसे सफलतापूर्वक पूरा करने पर यह पद प्राप्त किया जा सकता है:-
कौनसी परीक्षा देनी होती है?
भारत के अधिकांश राज्यों में राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सिविल सेवा परीक्षा (RAS, MPPSC, UPPSC आदि) के माध्यम से तहसीलदार का चयन किया जाता है।
परीक्षा की प्रक्रिया
तहसीलदार बनने की प्रक्रिया आमतौर पर तीन चरणों में होती है:
- लिखित परीक्षा: इसमें सामान्य ज्ञान, रीजनिंग, गणित और भाषा का ज्ञान (हिंदी और अंग्रेजी) पूछा जाता है।
- इंटरव्यू / साक्षात्कार: लिखित परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया जाता है।
- मेडिकल और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन: चयन के बाद उम्मीदवार का मेडिकल और डाक्यूमेंट्स की जांच की जाती है।
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तहसीलदार की सैलरी और अलाउंस
तहसीलदार की सैलरी राज्य और एक्सपीरियंस के अनुसार बदल सकती है। सामान्यतः नायब तहसीलदार के रूप में जॉइनिंग पर इनकी अनुमानित सैलरी 9,300 से 34,800 हजार रूपये तक होती है, जिसमें 4800 ग्रेड पे शामिल रहता है। वहीं प्रमोशन के बाद तहसीलदार बनने पर सैलरी 15,600 से बढ़कर 39,100 हजार रूपये तक पहुंच जाती है और ग्रेड पे 5400 हो जाता है। सैलरी के अलावा इन्हें DA, HRA, TA, मेडिकल अलाउंस और पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं। कई राज्यों में तहसीलदार को सरकारी आवास, गाड़ी, ड्राइवर और चौकीदार भी प्रदान किए जाते हैं।
FAQs
तहसीलदार बनने के लिए किसी विशेष विषय की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि आप किसी भी स्ट्रीम से स्नातक होकर राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा देकर यह पद प्राप्त कर सकते हैं।
तहसीलदार बनने के लिए संबंधित राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सिविल सेवा परीक्षा देनी पड़ती है।
तहसील में सबसे बड़ा पद तहसीलदार का होता है।
हमें आशा है कि इस लेख में आपको तहसीलदार कैसे बनें की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य करियर से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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