मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तीन साल के पेंडमिक कंट्रोल के बाद चीन और दुनिया की बाकी कंट्रीज़ के बीच एकेडेमिक एक्सचेंज में वृद्धि देखने को मिली है। स्टूडेंट्स जिन्होंने अपने स्टडी अब्रॉड डेस्टिनेशन की लिस्ट में चीन को कंसीडर करना लगभग कम कर दिया था, वह अब दोबारा अपने स्टडी अब्रॉड प्लान में चीन को शामिल कर रहे हैं।
एनालिस्ट के अनुसार चीन के ज़ीरो COVID पॉलिसी को हटाने के बाद, ज़्यादा से ज़्यादा चाइनीज़ स्टूडेंट्स अपनी आगे की पढ़ाई के लिए अब्रॉड कंट्रीज़ को चुन रहे हैं। इसके साथ, द साउथ चाइना पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़ सख्त क्वारेंटाइन रूल्स के हटने के बाद, फॉरेन स्टूडेंट्स भी चीन में दुबारा आएंगे इसकी उम्मीद बनती नज़र आ रही है।
इस खबर पर एक बीजिंग बेस्ड थिंक टैंक, CCG यांनी सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइज़ेशन के फाउंडर और प्रेज़िडेंट वांग हुइयाओ ने कहा कि ऑब्स्टैकल्स के हटने के बाद चाइनीज़ स्टडी अब्रॉड रिकवरी की तरफ बढ़ता नज़र आएगा। इसके साथ यह जानकारी भी सुनने को मिल रही है कि जनवरी 8 के बाद चीन जाने वाली इंटरनेशनल पैसेंजर फ्लाइट्स की संख्या को भी लिफ्ट किया जाएगा। जिससे अराईविंग ट्रैवेलर्स को क्वारेंटाइन होने की आवश्यकता भी नहीं होगी।
सिर्फ यही नहीं, SCMP की रिपोर्ट अनुसार फॉरेनरस जो अपनी पढ़ाई के लिए या बिज़नेस के लिए चीन आ रहे हैं उनके वीज़ा एप्लीकेशन प्रोसेस में कम दुविधाएं देखने को मिलेंगी। यह बदलाव स्टेट कौंसिल की पिछले हफ्ते की गई पॉलिसी अनाउंसमेंट के कारण देखने को मिलेंगे।
चीन और दुनिया की बाकी कंट्रीज़ के बीच इन बदलावों के दुनिया भर में काफी बेहतरीन असर देखने के आसार नज़र आ रहे हैं। यह बदलाव न सिर्फ बच्चों और यूनिवर्सिटीज पर असर डालते हैं बल्कि पेरेंट्स जो अपने बच्चों को इन्फेक्शन से बचाने के लिए उन्हें अब्रॉड भेजने से कतरा रहे थे वह अब थोड़े राहत में नज़र आ रहे हैं।
इन सभी हालातों के चलते ऑब्स्टैकल्स के हटने के साथ फ्लाइट टिकेट्स भी किफायती होती दिखेगी जो चीन अब्रॉड जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए और अब्रॉड से चीन आने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है।
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