आजकल हर दूसरा व्यक्ति तनाव से पीड़ित हैं। लोग छोटी-छोटी बातों के बारे इतना सोचते हैं कि अन्य जरुरी बातों पर उनका ध्यान ही नहीं जाता है। बढ़ा हुआ तनाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हानिकारक होता है। अगर वक्त रहते इस स्ट्रेस और चिंता को कम ना किया जाए तो इसका बुरा असर हमारी ऑफिसियल लाइफ के साथ पर्सनल लाइफ पर भी पड़ता है। आज के हमारे ब्लॉग में हम तनाव से जुड़े सभी पहलुओं के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि stress management in Hindi कैसे किया जा सकता है।
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तनाव क्या है?
तनाव मन की स्थिति से उपजा विकार है। मन की स्थिति एवं परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असमंजस के कारण तनाव उत्पन्न होता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश द्वार है। सामान्य भाषा में समझें तो तनाव एक मानसिक बीमारी है।
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तनाव क्यों होता है?
जीव के प्रमुख लक्षणों में से डर तथा सुरक्षा प्रमुख है। तनाव, भय तथा डर के बीच का अंतर है अर्थात जब हम दुनिया में उपस्थित प्रत्येक प्रकार के भय तथा उससे सुरक्षा के मध्य तालमेल स्थापित करने में असफल हो जाते हैं तो तनाव उत्पन्न होता है।
ऐसे में घबराया हुआ असुरक्षित मनुष्य सुरक्षित होने के लिए सदैव तत्पर रहता है, बेताब व बैचैन रहता है और यही मनोस्थिति तनाव (stress management in hindi) है और हमारा जटिल जीवन, सामाजिक, राजनीतिक तथा प्रशासनिक व्यवस्था संतुलन स्थापित करने में नाकामयाब रहती है वह स्थिति तनाव कहलाती है।
- हमारे शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन हैं जो तनाव को बढ़ाते हैं जैसे एड्रेलिन और कॉर्टिसोल। तनाव की स्थिति में इन हार्मोन का उत्सर्जन बढ़ जाता है।
- स्ट्रेस या तनाव होना आजकल सामान्य बात है ये तब महसूस होता है जब हमारा किसी स्थिति से निपटना मुश्किल हो जाता है।
- टेंशन होने पर एड्रेनालाईन (Adrenaline) का उत्सर्जन हमारे शरीर में बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति में दिल की धड़कन और मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
- अगर तनाव (stress management in hindi) लंबे वक्त तक रहे तो ये हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा बाहरी बीमारियों से निपटने की हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमता भी प्रभावित होती है।
तनाव के प्रकार
हैंस – शैले के अनुसार “तनाव शब्द शारीरिक तथा वैज्ञानिक आधार पर किसी आवश्यकता की पूर्ति के लिए हार्मोन की प्रतिक्रिया है।” इन्होंने तनाव के दो प्रकार बताएं हैं:
- यूस्ट्रेस जो इच्छित तनाव है तथा यह खतरनाक नहीं होता बल्कि आवश्यक होता है जो व्यक्ति को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रखता है।
- दूसरा डिस्टेंस जो अनैच्छिक होता है तथा इस पर व्यक्ति नियंत्रण नहीं रख सकता और कई परेशानियां खड़ी करता है इसे नेगेटिव स्ट्रेस (stress management in hindi) भी कहा जा सकता है।
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तनाव के लक्षण क्या है?
थोड़ी देर के लिए जीवन में उतार-चढ़ाव आना बहुत आम बात है लेकिन अगर ये लंबे वक्त तक बना रहे तो यह जिंदगी से जुड़ी बाकी चीजों को भी खराब कर सकता है। आजकल होने वाले तनाव के कुछ सामान्य कारण/लक्षण निम्नलिखित हैं:
- काम
- बेरोजगारी
- पैसा
- अलगाव और कुछ अन्य कारणों से घर छोड़ना
- पार्टनर से ब्रेकअप
- नौकरी में बदलाव होना
- बच्चों का घर छोड़ना
- आपका स्वास्थ्य और मूड
- मौसम
- पार्टनर का निधन होना या करीब न होना
- तलाक के कारण परिवार टूट जाना
- नशाखोरी और ड्रिंक करना
- बुरी आदतों का शिकार होना
- हिंसा या बुरे व्यवहार का शिकार होना
टेंशन से पहले होने वाले सामान्य लक्षण
टेंशन से पहले होने वाले सामान्य लक्षणों की सूची नीचे दी गई है:
- सामान्य से ज्यादा या कम भूख लगाना।
- तेजी से मूड बदलना।
- आत्मसम्मान में कमी आना।
- हर वक्त टेंशन या बेचैनी महसूस करना।
- ज्यादा या कम सोना।
- कमजोर याददाश्त या भूलने की समस्या।
- जरूरत से ज्यादा शराब या ड्रग्स लेना।
- जरूरत से ज्यादा थकान या ऊर्जा में कमी होना।
- परिवार और दोस्तों से दूर-दूर रहना।
- चरित्र से दूर हो जाना।
- ध्यान केंद्रित न करना और काम में संघर्ष करना।
- उन चीजों में भी मन न लगना जो पहले आपको पसंद थीं।
- विचित्र अनुभव होना, उन चीजों का दिखना जो वहां हैं ही नहीं।
स्ट्रेस को दूर करने के उपाय
stress management in Hindi को दूर करने के कुछ समान्य उपाय नीचे दिए गए हैं:
- तनाव होने पर हमेशा चीजों को सकारात्मक तरीके से देखने की कोशिश करनी चाहिए ।
- कुछ मामलों में हो सकता है कि आपको फ्रेश स्टार्ट की भी जरूरत पड़े।
- हर कार्य में अपना उत्साह बरकरार रखे।
- रोजाना किसी भी कार्य को करने पर उसे सर्वश्रेष्ट तरीके से करने का भाव रखे तथा स्वयं की सोच को भी सकारात्मक रखे तो कुछ हद तक उत्साहित रहा जा सकता है।
- पर्याप्त नींद व आराम मिलने से हमारा शरीर व मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। समय पर नींद लेने से व्यक्ति की कार्यक्षमता तो बढ़ती ही है साथ ही तनाव में भी कमी लाने में मदद मिलती है।
- अपने मित्रों के साथ अच्छा व्यवहार करे तथा अच्छे लोगों के साथ दोस्ती रखना, तनाव को कम करने या समाप्त करने में सबसे अधिक मददगार हो सकता है।
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तनाव से होने वाले नुकसान
ज्यादा तनाव लेने से होने वाले नुकसान के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है :
- तनाव से हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंच सकता है।
- तनाव से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- तनाव के कारण इंसान की उम्र कम हो जाती है। खेती के चेहरे पर उम्र से पहले ही झुर्रियां आदि दिखना शुरू हो जाता है।
- परिवार में लड़ाई झगड़े बढ़ जाते हैं।
- तनाव के कारण इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है जिसके कारण वह अपने रिश्तो में अनबन कर बैठता है और उसके रिश्ते बिगड़ते चले जाते हैं।
मानसिक तनाव से मुक्ति के उपाय
मानसिक तनाव को दूर करने के कुछ कारणों के बारे में नीचे विस्तार बताया गया है:
खूब व्यायाम करें
जब भी आप मानिसक तनाव से जूझ रहे होते हैं तो हमेशा अपने आप को किसी ना किसी ऐसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें ताकि आपको मानसिक तनाव के बारे में ध्यान ही ना जाएं। इसके लिए आप कई सारी एक्टिविटी से लेकर योगा तक का सहारा ले सकते हैं। कहा जाता है कि मानसिक तनाव से निजात पाने के लिए आप नियमित रूप से योगा कर सकते है। इसके अलावा कई सारी इनडोर और आउटडोर एक्टिविटी में भाग ले सकते हैं। योगा के साथ आप कई ऐसी मुद्रा का भी प्रयोग कर सकते है। जिनके द्वारा आपको मानसिक तनाव खत्म करने में काफी मदद मिलेगी।
दिन का टाइम टेबल बनाएं
अगर आप शरीर और मस्तिष्क को शांत रखना चाहते हैं, तो सोने से कम से कम एक घंटे पहले आराम करें। अपने स्मार्टफोन को ना ही चलाए। इसके अलावा आप गर्म पानी से ना सकते है गर्म पानी से नहाएं, किताब पढ़े, म्यूजिक सुने और ध्यान करें। मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ये सभी आदतें बहुत प्रभावी साबित हो सकती है।
कुछ भी खाने से बचें
आधी रात के बाद निकोटीन या कॉफी जैसे उत्तेजक पदार्थों के सेवन करने से बचें, खासकर अगर आपको अनिद्रा की परेशानी है। शराब का सेवन बिलकुल नहीं करें। शराब और कॉफी आपका स्ट्रेस दूर नहीं कर सकती, इसलिए इन चीजों का परहेज करें।
कमरे के तापमान का ध्यान रखें
आपका बेड सोने के लिए आरामदायक होना चाहिए, खासकर आपका तकिया और बिस्तर नर्म हो, जिसपर आपको सुकून से नींद आ सके। इसके अलावा, कमरे का तापमान 60 और 67 डिग्री के बीच रखें। यह तापमान शरीर के लिए सबसे अच्छा है। अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग बहुत हल्का महसूस करें तो आप बेडरूम में टेलीविजन न देखें।
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स्ट्रेस मैनेजमेंट के टिप्स
हर व्यक्ति तनाव मुक्त रहना चाहता है लेकिन पूर्ण रूप से तनाव मुक्त रहना न तो स्वाभाविक है और न ही संभव क्योंकि ऐसी स्थिति में व्यक्ति निष्क्रिय हो जाएगा। परंतु कुछ तनाव ऐसे होते हैं जिन से बचकर रहना व्यक्ति के लिए अति हितकारी सिद्ध हो सकता है। कुछ ऐसी तकनीक या विधियां या सरल शब्दों में तरीके जिनके द्वारा स्ट्रेस (Stress Management in Hindi) से बचा जा सकता है अथवा अगर तनाव ग्रस्त हैं तो उसे कम किया जा सकता है-
- तनाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका अपने समय का बेहतर प्रबंधन करना है। इसके अंतर्गत अपने दैनिक दिनचर्या को व्यवस्थित करते हुए तनाव के लिए उत्तरदाई कार्यों को नजरअंदाज किया जा सकता है।
- कार्यों की प्राथमिकता की सूची बनाएं। सभी कार्यों को एक ही दिन में पूरा करने का दबाव महसूस न करें। जो कार्य ज्यादा जरूरी न हो, उसे बेझिझक छोड़ दें।
- किसी योग विशेषज्ञ से सीखकर कुछ नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
- दूसरों की हर बात पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने की आदत से बचें अगर किसी की कोई बात आपको नापंसद हो तब भी उस पर ओवर रिएक्ट न करें।
- ज्यादा परफेक्शन की आदत से बचें क्योंकि इसकी वजह से व्यक्ति को बहुत स्ट्रेस होता है।
FAQ
तनाव प्रबंधन का अर्थ है मानसिक तनाव में कमी लाना और मानसिक स्थिति में सुधार करना।
तनाव के लक्षण
सर में दर्द
दांत और जबड़े पीसना
शरीर में थरथराहट होना
उदास रहना
किसी काम में दिल ना लगना
ज्यादा सोना या कम सोना
ज्यादा खाना या कम खाना
किसी बात पर ध्यान ना देना
बहुत अधिक सोचने से दिमाग अपने नियंत्रण को खोने लगता है, जिससे कि दिमाग की नसों पर दबाव पड़ता है। इसके कारण ही आपके सिर में दर्द होने की समस्या उतपन्न होती है। जब भी आपको किसी काम का ज्यादा स्ट्रेस होता है तो वहीं आप खुद के ऊपर काफी बर्डन जैसा महसूस करने लगते हैं।
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