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उत्तर: मैंने अपने जीवन में कई अवसरों पर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है। उनमें से दो घटनाएँ विशेष रूप से यादगार हैं –
- विद्यालय में निर्धन छात्र के साथ अन्याय का प्रतिकार
हमारे विद्यालय में एक निर्धन छात्र पढ़ता था, जो आर्थिक कठिनाइयों के कारण विद्यालय की पूरी पोशाक सही ढंग से नहीं पहन पाता था। एक दिन शारीरिक शिक्षक ने उस छात्र को जूते की जगह चप्पल पहनने पर पचास रुपये का जुर्माना लगाया। यह सुनकर मैं और अन्य छात्र बहुत दुखी हुए, क्योंकि वह छात्र जुर्माना देने में असमर्थ था। मैंने प्रधानाचार्य के पास जाकर इस अन्याय की शिकायत की और उसे माफ करने की अपील की। परिणामस्वरूप उस छात्र का जुर्माना माफ कर दिया गया। - बस यात्रा में अन्याय का सामना और प्रतिकार
एक बार मैं बस में यात्रा कर रहा था। एक यात्री मेरे पास वाली खाली सीट पर बैठ गया। जब मैंने उससे किराया माँगा, तो उसने कंडक्टर को पैसे दे दिए, लेकिन कंडक्टर ने उसे टिकट नहीं दी। जब उसने बाद में टिकट माँगी, तो कंडक्टर ने कहा कि टिकट की कोई आवश्यकता नहीं, क्योंकि वह भी इसी बस में चल रहा है और दुबारा किराया नहीं माँगेगा। यह देख मैं उस अन्याय का विरोध करने लगा। मैंने कंडक्टर से आग्रह किया कि वह यात्री को टिकट दे। अंततः कंडक्टर को मानना पड़ा और यात्री को टिकट दी गई।
इन घटनाओं से मैंने यह सीखा कि अन्याय के सामने चुप रहना उचित नहीं है। अन्याय का प्रतिकार करना हमारा कर्तव्य है ताकि समाज में न्याय और समानता बनी रहे।
इस पाठ के अन्य प्रश्न
- ‘बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी॥ पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू॥’ का भाव स्पष्ट कीजिए।
- ‘इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं॥ देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना॥’ का भाव स्पष्ट कीजिए।
- पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा-सौन्दर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।
- इस पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौन्दर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।
- निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए- (क) बालकु बोलि बधाँ नहि तोही। (ख) कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा।
- “सामाजिक जीवन में क्रोध की ज़रूरत बराबर पड़ती है…” इस कथन के आधार पर क्रोध के पक्ष या विपक्ष में अपना मत स्पष्ट कीजिए।
- अपने किसी परिचित या मित्र के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।
- दूसरों की क्षमताओं को कम नहीं समझना चाहिए इस विषय पर कहानी लिखिए।
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