Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain: समास के कितने भेद होते हैं?

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Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain
A. 6
B. 5
C. 4
D. 3
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उत्तर: A, इस प्रश्न का सही उत्तर है। हिन्दी भाषा में समास के मुख्यतः 6 भेद होते हैं।

इस प्रश्न का विस्तृत उत्तर:

समास वह प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया सार्थक शब्द बनाते हैं, जिसे “समासिक पद” कहा जाता है। उदाहरण: राजा + पुत्र = राजपुत्र, जहां ‘राजा’ और ‘पुत्र’ दोनों मिलकर एक नया शब्द बनाते हैं। बताना चाहेंगे कि समास के कुल 6 भेद होते हैं, जिनकी जानकारी निम्नलिखित है –

  • अव्ययीभाव समास
  • तत्पुरुष समास
  • द्विगु समास
  • द्वन्द्व समास
  • कर्मधारय समास
  • बहुव्रीहि समास

अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं?

अव्ययीभाव समास एक ऐसा समास है जिसमें पहला पद (शब्द) अव्यय होता है और पूरा समस्त पद (समास से बना शब्द) भी अव्यय ही होता है। बताना चाहेंगे अव्यय शब्द का अर्थ होता है – जो व्याकरणिक रूप से कभी नहीं बदलता, जैसे – ‘उपरि’, ‘सदा’, ‘अधः’, ‘अभी’, ‘यथा’, ‘इतः’, ‘जहाँ’, आदि।

उदाहरण के लिए:  उपरि+गृह = उपरिगृह (जिसका अर्थ है ऊपर का घर)

बता दें कि इस उदाहरण में ‘उपरि’ अव्यय है, ‘गृह’ संज्ञा है, और पूरा समस्त पद ‘उपरिगृह’ भी एक अव्यय शब्द बन गया है।

तत्पुरुष समास किसे कहते हैं?

सरल शब्दों में कहें तो, जब दो शब्द मिलकर एक ऐसा नया शब्द बनाते हैं, जिसमें पहला शब्द दूसरा शब्द की ओर संकेत करता है, और उनमें कोई विभक्ति नज़र नहीं आती, तब वह तत्पुरुष समास कहलाता है।

उदाहरण के लिए: विद्यालय = विद्या का आलय (घर)

द्विगु समास किसे कहते हैं?

द्विगु समास वह समास होता है जिसमें पूर्वपद संख्या वाचक (संख्या बताने वाला) होता है और उत्तरपद संज्ञा होती है। बताना चाहेंगे समास के बाद बनने वाला शब्द भी प्रायः संज्ञा के रूप में ही प्रयोग होता है।

उदाहरण के लिए: पंचपात्रम् = पाँच (पंच) + पात्र (बर्तन)

अर्थात: पाँच बर्तनों वाला (एक विशेष प्रकार का बर्तन समूह)

द्वन्द्व समास किसे कहते हैं?

जब दो या दो से अधिक शब्द समान रूप से मुख्य हों और उनका एक साथ प्रयोग करके कोई नया शब्द बनाया जाए, तो उसे द्वन्द्व समास कहते हैं। इसमें शामिल सभी पद (शब्द) प्रधान होते हैं। उदाहरण के लिए: सुख-दुख – सुख और दुख

कर्मधारय समास किसे कहते हैं?

कर्मधारय समास वह समास होता है जिसमें पूर्वपद (पहला शब्द) और उत्तरपद (दूसरा शब्द) दोनों में विशेषण-विशेष्य, संज्ञा-संज्ञा या सर्वनाम-संज्ञा का संबंध होता है, और दोनों मिलकर एक विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं।

उदाहरण के लिए – “नीलकमल”। इसमें “नील” एक विशेषण है और “कमल” एक संज्ञा। दोनों मिलकर बने नीलकमल, जिसका अर्थ हुआ – नीले रंग का कमल।

बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं?

बहुव्रीहि समास वह समास होता है जिसमें समस्त पद (जो शब्द बनता है) किसी भी पूर्वपद या उत्तरपद का बोध नहीं कराता, बल्कि किसी तीसरे व्यक्ति, वस्तु या गुण की ओर संकेत करता है।

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