कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है?

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कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है
(A) गोपियाँ स्वयं को कृष्ण रूपी गुड़ में चिपटी हुई चींटियाँ मानती हैं।
(B) वे अपने आप को हारिल पक्षी के समान मानती हैं, जिसने कृष्ण-प्रेम रूपी लकड़ी को मजबूती से पकड़ रखा है।
(C) वे कृष्ण से दूर ले जाने वाले योग संदेश को सुनकर खुश होती हैं।
(D) वे केवल कृष्ण के शरीर रूप से प्रेम करती हैं, आत्मा से नहीं।
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सही उत्तर: (A), (B), (C) – गोपियाँ कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को विभिन्न प्रतीकों और रूपकों के माध्यम से अभिव्यक्त करती हैं, न कि केवल शारीरिक रूप से।

विस्तार से उत्तर

गोपियाँ कृष्ण के प्रति अपने प्रेम को विभिन्न रूपों में अभिव्यक्त करती हैं:

  1. कृष्ण रूपी गुड़ में चिपटी हुई चींटियाँ:
    गोपियाँ अपनी स्थिति को इस रूपक के माध्यम से व्यक्त करती हैं कि जैसे चींटी गुड़ में चिपककर उसे छोड़ नहीं सकती, वैसे ही वे कृष्ण के प्रेम में चिपकी हुई हैं। उनका प्रेम कृष्ण से जुड़ा हुआ है और वे उसे कभी भी छोड़ने का विचार नहीं करतीं।
  2. हारिल पक्षी के समान प्रेम:
    हारिल पक्षी की तरह, जो प्रेम रूपी लकड़ी को मजबूती से पकड़े रखता है, गोपियाँ भी कृष्ण के प्रेम में पूरी तरह से डूबी हुई हैं और उसे कभी नहीं छोड़ सकतीं। उनका प्रेम स्थिर और अविचल है।
  3. मन, वचन और कर्म से कृष्ण को धारण करना:
    गोपियाँ अपने मन, वचन और कर्म से कृष्ण को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानती हैं। वे मानसिक, वाचिक और शारीरिक रूप से कृष्ण से जुड़ी हुई हैं, और उनका हर कार्य कृष्ण के प्रति प्रेम से प्रेरित है।
  4. कृष्ण नाम का जाप:
    गोपियाँ कृष्ण के प्रेम में पूरी तरह दीवानी हो चुकी हैं। वे दिन-रात कृष्ण का नाम ही रटती रहती हैं, चाहे वे सो रही हों या जाग रही हों। उनके लिए कृष्ण का नाम ही सर्वोत्तम सुख और शांति का स्रोत है।
  5. योग संदेश से व्यथा:
    गोपियाँ कृष्ण से प्रेम करती हैं और योग संदेश को सुनकर अत्यधिक व्यथित हो जाती हैं क्योंकि वे कृष्ण से प्रेम संदेश की प्रतीक्षा कर रही थीं। योग संदेश ने उनके हृदय में विरह की आग को और बढ़ा दिया।

विकल्पों का विश्लेषण

(A) गोपियाँ स्वयं को कृष्ण रूपी गुड़ में चिपटी हुई चींटियाँ मानती हैं।
सही – यह प्रतीक गोपियों के गहरे और अडिग प्रेम को दर्शाता है, जो कृष्ण से अलग नहीं हो सकता।

(B) वे अपने आप को हारिल पक्षी के समान मानती हैं, जिसने कृष्ण-प्रेम रूपी लकड़ी को मजबूती से पकड़ रखा है।
सही –
यह प्रतीक गोपियों के प्रेम की स्थिरता और निष्ठा को व्यक्त करता है।

(C) वे कृष्ण से दूर ले जाने वाले योग संदेश को सुनते ही व्यथित हो उठती हैं।
सही –
यह उनके प्रेम में गहरे भावनात्मक लगाव को दर्शाता है, जहां वे कृष्ण से कोई दूरी नहीं सह सकतीं।

(D) वे केवल कृष्ण के शरीर रूप से प्रेम करती हैं, आत्मा से नहीं।
गलत –
गोपियाँ कृष्ण के शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि आत्मा और प्रेम के गहरे रूप से भी जुड़ी हुई हैं। वे केवल भौतिक रूप से कृष्ण से नहीं, बल्कि उनके पूरे अस्तित्व से प्रेम करती हैं।

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