सही उत्तर (C) 4,
4 प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं: A, B, AB और O। प्रत्येक ब्लड ग्रुप को Rh फैक्टर (Positive या Negative) के आधार पर 8 प्रकारों में बाँटा जाता है।
विस्तार से:
मानव शरीर में रक्त को उसके विशेष गुणों के आधार पर विभिन्न समूहों में बाँटा गया है, जिन्हें हम ब्लड ग्रुप कहते हैं। मुख्यतः चार प्रकार के ब्लड ग्रुप होते हैं — A, B, AB और O। इन चारों ब्लड ग्रुप को एक और आधार पर बाँटा जाता है, जिसे Rh फैक्टर कहते हैं। यदि रक्त में Rh प्रोटीन पाया जाता है तो वह ब्लड ग्रुप पॉजिटिव (+) कहलाता है, और यदि नहीं पाया जाता तो नेगेटिव (−) कहलाता है। इस प्रकार ब्लड ग्रुप को मिलाकर कुल 8 प्रकार बनते हैं — A+, A−, B+, B−, AB+, AB−, O+ और O−।
ब्लड ग्रुप का निर्धारण रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) पर उपस्थित विशेष प्रकार के प्रोटीन एंटीजन के आधार पर होता है। प्रत्येक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप जन्म से ही तय हो जाता है और जीवन भर एक ही रहता है।
ब्लड ग्रुप की खोज 1901 ईस्वी में ऑस्ट्रिया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टीनर ने की थी। उनकी इस महत्वपूर्ण खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी प्रदान किया गया। उनकी खोज के कारण रक्तदान और रक्त संचार (Blood Transfusion) सुरक्षित तरीके से संभव हो पाया, जिससे लाखों लोगों का जीवन बचाया जा सका।
ब्लड ग्रुप का चिकित्सा विज्ञान में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यदि रक्त चढ़ाते समय सही ब्लड ग्रुप का मिलान नहीं होता है तो शरीर उस रक्त को अस्वीकार कर सकता है, जिससे गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, गर्भावस्था के समय भी माँ और बच्चे के ब्लड ग्रुप का मिलान आवश्यक होता है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के अनुसार, संसार में सबसे सामान्य ब्लड ग्रुप O+ है, जबकि सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप AB− है। इसके अतिरिक्त, एक अत्यंत दुर्लभ रक्त समूह जिसे Bombay Blood Group (hh ग्रुप) कहते हैं, बहुत ही कम लोगों में पाया जाता है।
इस प्रकार, रक्त समूह न केवल हमारे शरीर की पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में जीवन रक्षक भूमिका भी निभाते हैं।
अतिरिक्त जानकारी
Blood Group Systems:
- हम मुख्यतः ABO और Rh प्रणाली के बारे में पढ़ते हैं,
- लेकिन दुनिया में लगभग 43 से ज्यादा Blood Group Systems मौजूद हैं, जैसे — MN System, Kell System, Duffy System आदि।
- लेकिन चिकित्सा में सबसे ज़्यादा महत्व ABO और Rh सिस्टम को दिया जाता है।
ब्लड ग्रुप और प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) का संबंध:
- कुछ रिसर्च बताते हैं कि अलग-अलग ब्लड ग्रुप वाले लोगों में अलग-अलग बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) हो सकती है।
- उदाहरण के लिए, O ब्लड ग्रुप वालों में हृदय रोग का खतरा थोड़ा कम होता है, जबकि AB ग्रुप वालों में कुछ बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है।
Organ Transplant में भी भूमिका:
- केवल रक्त चढ़ाने में ही नहीं, बल्कि किडनी, लीवर, हार्ट ट्रांसप्लांट जैसे ऑपरेशनों में भी ब्लड ग्रुप मिलाना अनिवार्य होता है।
- सही ब्लड ग्रुप मिलान के बिना अंग प्रत्यारोपण सफल नहीं हो सकता।
DNA और Blood Group:
- ब्लड ग्रुप हमारे माता-पिता से आनुवांशिक रूप से (genetically) प्राप्त होता है।
- इसलिए ब्लड ग्रुप का उपयोग DNA टेस्टिंग और पितृत्व परीक्षण (Paternity Test) में भी किया जाता है।
ब्लड डोनेशन के बारे में तथ्य:
- O− (O Negative) ब्लड ग्रुप को “Universal Donor” कहा जाता है क्योंकि इसे किसी भी ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति को दिया जा सकता है।
- AB+ (AB Positive) को “Universal Recipient” कहा जाता है क्योंकि यह सभी प्रकार के ब्लड ग्रुप ले सकता है।
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