हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा शैली और साहित्यिक योगदान 

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हरिवंश राय बच्चन

Harivansh Rai Bachchan Ka Jeevan Parichay: हरिवंशराय बच्चन आधुनिक हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध समादृत कवि-लेखक और अनुवादक थे। वे हिंदी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख तथा व्यक्तिवादी गीत कविता या हालावादी काव्य के अग्रणी कवियों में से एक थे। श्री बच्चन की आत्मकथा ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ साहित्य जगत में बेमिसाल मानी जाती है। वहीं उमर ख़ैय्याम की रूबाइयों से प्रेरित सन 1935 में प्रकाशित उनकी मधुशाला (Madhushala) सबसे लोकप्रिय कृति है। उन्होंने और भी बहुत सी कविताएं लिखी हैं जैसे कि मधुकलश, चार खेमे चौंसठ खूंटे, तेरा हार, मधुबाला, हलाहल, एकांक-संगीत, प्रणय-पत्रिका, सूत की माला आदि। 

हरिवंशराय बच्चन जी ने काव्य कृतियों के सृजन के अतिरिक्त सुमित्रानंदन पंत की कविताओं और पंडित जवाहरलाल नेहरू के राजनीतिक जीवन पर भी किताबें लिखी हैं। उन्होंने विलियम शेक्सपीयर के नाटकों का भी अनुवाद किया है जिनमें मैकबेथ, ओथेलो हेमलेट आदि प्रमुख है। श्री बच्चन जी को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 1976 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था। वहीं काव्य-संग्रह ‘दो चट्टानें’ (Do Chattanein) के लिए उन्हें वर्ष 1968 में प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। 

बता दें कि हरिवंशराय बच्चन जी रचनाओं को भारत के विभिन्न विद्यालयों के अलावा बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET और UPSC परीक्षा में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय और उनकी साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। 

आइए अब इस लेख में हालावादी काव्य के अग्रणी कवि हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय (Harivansh Rai Bachchan Ka Jeevan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नाम हरिवंशराय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan)
उपनाम ‘बच्चन’ 
जन्म 27 नवंबर, 1907 
जन्म स्थान प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 
शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय, पीएचडी-कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी 
कार्य क्षेत्र कवि, लेखक, प्राध्यापक
भाषा अवधी, हिंदी, अंग्रेजी 
साहित्यकाल आधुनिक काल  (उत्तर छायावाद काल)
विधाएँ कविता, अनुवाद व अन्य लेखन 
प्रमुख रचनाएँ ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’  (आत्मकथा)  मधुशाला (काव्य संग्रह)
पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव (Pratap Narayan Shrivastav)
माता का नाम सरस्वती देवी (Saraswati Devi)
पत्नी का नाम श्यामा देवी (पहली पत्नी), तेजी बच्चन ( दूसरी पत्नी)
संतान अमिताभ बच्चन, अजिताभ बच्चन
पुरस्कार एवं सम्मान ‘पद्म भूषण’ (1976), साहित्य अकादमी पुरस्कार (1968) व सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
निधन 18 जनवरी, 2003 मुंबई 
जीवनकाल 95 वर्ष 

इलाहाबाद में हुआ था जन्म – Harivansh Rai Bachchan Ka Jeevan Parichay

हरिवंशराय बच्चन का जन्म 27 नवंबर, 1907 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के नजदीक प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गांव ‘पट्टी’ में एक साधारण मध्यवर्गीय कायस्थ परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम ‘प्रताप नारायण श्रीवास्तव’ एवं उनकी माता का नाम ‘सरस्वती देवी’ था। बचपन में उनके माता-पिता उन्हें प्यार से ‘बच्चन’ कहकर पुकारते थे। हालांकि हरिवंशराय बच्चन का सरनेम असल में ‘श्रीवास्तव’ था, पर उनके बचपन से पुकारे जाने वाले नाम की वजह से उनका सरनेम ‘बच्चन’ हो गया। आगे चल कर यही उपनाम दुनियाभर में प्रसिद्ध हुआ। 

हरिवंश राय बच्चन

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि ली 

हरिवंशराय बच्चन की आरंभिक शिक्षा-दीक्षा गांव की पाठशाला में हुई। फिर उच्च शिक्षा के लिए वे इलाहाबाद गए और वर्ष 1925 में हाई स्कूल पास किया तथा साल 1929 में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में बी.ए. की डिग्री हासिल की। इस दौरान कई तरह की नौकरियाँ करने के बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 1941 से 1952 के बीच अंग्रेजी के प्राध्यापक के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे रिसर्च के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए, जहाँ उन्होंने अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवि डब्लू बी यीट्स (W.B. Yeats) की कविताओं पर शोध किया और  डॉक्टरेट की उपाधि ली। 

हरिवंश राय बच्चन का कार्य क्षेत्र 

हरिवंशराय बच्चन वर्ष 1955 में कैम्ब्रिज से वापस आने के बाद एक साल तक प्रोड्यूसर के पद पर रहे। इसके बाद भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में विशेष अधिकारी (हिंदी) के रूप में नियुक्त हुए। उन्होंने 10 साल तक इस पद पर कार्य किया था। वह हमेशा सरल भाषा में लिखने पर बड़ा जोर देते थे क्योंकि जितनी सरल भाषा होगी , उतनी ही लोगों को समझ आएगी। वहीं बच्चन जी ने बोलचाल की भाषा का प्रयोग अपनी काव्य-कृतियों में भी किया। 

हरिवंश राय बच्चन का व्यक्तिगत जीवन 

वर्ष 1926 में हरिवंश राय बच्चन जी का विवाह ‘श्यामा’ से हुआ। किंतु टीबी की लंबी बीमारी के बाद साल 1936 में  श्यामा का देहांत हो गया। फिर पांच वर्ष बाद 1941 में हरिवंश राय बच्चन ने ‘तेजी सूरी’ से विवाह किया, जो रंगमंच तथा गायन से जुड़ी हुई थीं। वहीं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दिग्गज फ़िल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन और उद्योगपति अजिताभ बच्चन उनके पुत्र हैं। तेजी बच्चन भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की काफी करीबी दोस्त थीं। 

हरिवंश राय बच्चन

हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं – Harivansh Rai Bachchan Ki Rachnaye

हरिवंश राय बच्चन ने आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया हैं। बच्चन जी व्यक्तिवादी गीत कविता या हालावादी काव्य के अग्रणी कवि थे। उन्हें हिंदी का उमर ख़य्याम (Omar Khayyam) और जन कवि भी कहा गया है। उन्होंने लगभग एक लाख चिट्ठीयां अपने चहेते प्रशंसकों को लिखीं थीं, जो कालांतर में विशिष्ठ साहित्यिक धरोहर बन गई। ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ (आत्मकथा) व मधुशाला (काव्य-संग्रह) हिंदी साहित्य जगत की अमूल्य निधि मानी जाती है। यहाँ हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय (Harivansh Rai Bachchan Ka Jeevan Parichay) के साथ ही उनकी प्रमुख रचनाओं के बारे में बताया गया है:-

काव्य-संग्रह

काव्य-संग्रहप्रकाशन 
तेरा हार1929
मधुशाला1935
मधुबाला1936
मधुकलश1937
आत्म-परिचय1937
निशा निमंत्रण1938
एकांत संगीत 1939
आकुल अंतर1943
सतरंगिनी1945
हलाहल1946
बंगाल का काल1946
खादी के फूल1948
सूत की माला1948
मिलन यामिनी1950
प्रणय पत्रिका1955
धार के इधर-उधर1957
आरती और अंगारे1958
बुद्ध और नाचघर1958
त्रिभंगिमा1961
चार खेमे चौंसठ खूंटे1962
दो चट्टानें – साहित्य अकादमी से पुरस्कृत- 1968 1965
बहुत दिन बीते1967
कटती प्रतिमाओं की आवाज़ 1968
उभरते प्रतिमानों के रूप1969
जाल समेटा1973
नई से नई-पुरानी से पुरानी1985

हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा

हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा चार खंडों में प्रकाशित हुई हैं:-

क्या भूलूँ क्या याद करूँ1969
नीड़ का निर्माण फिर1970
बसेरे से दूर1977
दशद्वार से सोपान तक1985

निबंध-संग्रह

निबंध-संग्रहप्रकाशन 
कवियों में सौम्य संत1960
नए-पुराने झरोखे1962
टूटी-छूटी कड़ियाँ1973

अनुवाद 

अनुवादप्रकाशन 
खैयाम की मधुशाला1938
मैकबेथ1957
जनगीता1958
उमर खैयाम की रूबाइयाँ 1959
ओथेलो1959
नेहरू: राजनैतिक जीवन चरित1961
चौंसठ रूसी कविताएँ1964
मरकत द्वीप का स्वर (येट्स की कविताएँ)1965
नागर गीत 1966
हैमलेट1969
भाषा अपनी भाव पराए1970
किंग लियर1972

पुरस्कार एवं सम्मान 

हरिवंश राय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan Ka Jeevan Parichay) को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • वर्ष 1966 में हरिवंश राय बच्चन जी को हिंदी साहित्य जगत में अपने अविस्मरणीय योगदान देने के लिए राज्यसभा में मनोनीत किया गया। 
  • भारत सरकार द्वारा हरिवंश राय बच्चन जी को वर्ष 1976 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 1965 में प्रकाशित काव्य-संग्रह ‘दो चट्टानें’ के लिए उन्हें सन 1968 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। 
  • के. के बिरला फाउंडेशन का प्रथम सरस्वती सम्मान 
  • सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार 
  • एफ्रोएशियन राइटर्स कॉन्फ्रेंस का लोटस पुरस्कार 
  • हिंदी साहित्य सम्मलेन का वाचस्वति सम्मान भी मिला।    

मुंबई में ली आखिरी सांस

हरिवंश राय बच्चन का 95 वर्ष की आयु में 18 जनवरी, 2003 को मुंबई में निधन हुआ। लेकिन साहित्य जगत में वे आज भी अपनी लोकप्रिय कृतियों के लिए विद्यमान् हैं। 

कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ

हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध रचनाएँ नीचे दी गई:

  • कोई पार नदी के गाता / हरिवंश राय बच्चन
  • अग्निपथ / हरिवंश राय बच्चन
  • क्या है मेरी बारी में / हरिवंशराय बच्चन
  • लो दिन बीता लो रात गयी / हरिवंशराय बच्चन
  • क्षण भर को क्यों प्यार किया था? / हरिवंशराय बच्चन
  • ऐसे मैं मन बहलाता हूँ / हरिवंशराय बच्चन
  • आत्‍मपरिचय / हरिवंशराय बच्‍चन
  • मैं कल रात नहीं रोया था / हरिवंशराय बच्चन
  • नीड का निर्माण फिर-फिर / हरिवंशराय बच्चन
  • त्राहि त्राहि कर उठता जीवन / हरिवंशराय बच्चन
  • इतने मत उन्‍मत्‍त बनो / हरिवंशराय बच्चन
  • स्वप्न था मेरा भयंकर / हरिवंशराय बच्चन
  • तुम तूफान समझ पाओगे / हरिवंशराय बच्चन
  • रात आधी खींच कर मेरी हथेली / हरिवंशराय बच्चन
  • मेघदूत के प्रति / हरिवंशराय बच्चन
  • साथी, साँझ लगी अब होने / हरिवंशराय बच्चन
  • गीत मेरे / हरिवंशराय बच्‍चन
  • लहर सागर का श्रृंगार नहीं / हरिवंशराय बच्चन
  • आ रही रवि की सवारी / हरिवंशराय बच्‍चन
  • चिडिया और चुरूंगुन / हरिवंशराय बच्‍चन
  • पतझड़ की शाम / हरिवंशराय बच्चन
  • राष्ट्रिय ध्वज / हरिवंशराय बच्चन
  • साजन आ‌ए, सावन आया / हरिवंशराय बच्चन
  • प्रतीक्षा / हरिवंशराय बच्चन
  • चल मरदाने / हरिवंशराय बच्चन
  • आदर्श प्रेम / हरिवंशराय बच्चन
  • आज फिर से / हरिवंशराय बच्चन
  • आत्मदीप / हरिवंशराय बच्चन
  • आज़ादी का गीत / हरिवंशराय बच्चन
  • बहुत दिनों पर / हरिवंशराय बच्चन
  • एकांत-संगीत (कविता) / हरिवंशराय बच्चन
  • ड्राइंग रूम में मरता हुआ गुलाब / हरिवंशराय बच्चन
  • इस पार उस पार / हरिवंशराय बच्चन
  • जाओ कल्पित साथी मन के / हरिवंशराय बच्चन
  • जो बीत गई सो बात गयी / हरिवंशराय बच्चन
  • कवि की वासना / हरिवंशराय बच्चन
  • किस कर में यह वीणा धर दूँ / हरिवंशराय बच्चन
  • साथी, सब कुछ सहना होगा / हरिवंशराय बच्चन
  • जुगनू / हरिवंशराय बच्चन
  • कहते हैं तारे गाते हैं / हरिवंशराय बच्चन
  • क्या भूलूं क्या याद करूँ मैं / हरिवंशराय बच्चन
  • मेरा संबल / हरिवंशराय बच्चन
  • मुझसे चांद कहा करता है / हरिवंशराय बच्चन
  • पथ की पहचान / हरिवंशराय बच्चन
  • साथी साथ ना देगा दुख भी / हरिवंशराय बच्चन
  • यात्रा और यात्री / हरिवंशराय बच्चन
  • युग की उदासी / हरिवंशराय बच्चन
  • आज मुझसे बोल बादल / हरिवंशराय बच्चन
  • क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी / हरिवंशराय बच्चन
  • साथी सो ना कर कुछ बात / हरिवंशराय बच्चन
  • तब रोक ना पाया मैं आंसू / हरिवंशराय बच्चन
  • तुम गा दो मेरा गान अमर हो जाये / हरिवंशराय बच्चन
  • आज तुम मेरे लिये हो / हरिवंशराय बच्चन
  • मनुष्य की मूर्ति / हरिवंशराय बच्चन
  • हम ऐसे आज़ाद / हरिवंशराय बच्चन
  • उस पार न जाने क्या होगा / हरिवंशराय बच्चन
  • रीढ़ की हड्डी / हरिवंशराय बच्चन
  • हिंया नहीं कोऊ हमार / हरिवंशराय बच्चन
  • एक और जंज़ीर तड़कती है, भारत माँ की जय बोलो / हरिवंशराय बच्चन
  • जीवन का दिन बीत चुका था छाई थी जीवन की रात / हरिवंशराय बच्चन
  • हो गयी मौन बुलबुले-हिंद / हरिवंशराय बच्चन
  • गर्म लोहा / हरिवंशराय बच्चन
  • टूटा हुआ इंसान / हरिवंशराय बच्चन
  • मौन और शब्द / हरिवंशराय बच्चन
  • शहीद की माँ / हरिवंशराय बच्चन
  • क़दम बढाने वाले: कलम चलाने वाले / हरिवंशराय बच्चन
  • एक नया अनुभव / हरिवंशराय बच्चन
  • दो पीढियाँ / हरिवंशराय बच्चन
  • क्यों जीता हूँ / हरिवंशराय बच्चन
  • कौन मिलनातुर नहीं है ? / हरिवंशराय बच्चन
  • है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है? / हरिवंशराय बच्चन
  • तीर पर कैसे रुकूँ मैं आज लहरों में निमंत्रण! / हरिवंशराय बच्चन
  • क्यों पैदा किया था? / हरिवंशराय बच्चन

मधुशाला की कुछ पंक्तियां

हरिवंश राय बच्चन
मधुशाला की कुछ पंक्तियाँ

मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला,
प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला,
पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा,
सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।।१।

प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला,
एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर प्याला,
जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका,
आज निछावर कर दूँगा मैं तुझ पर जग की मधुशाला।।२।

प्रियतम, तू मेरी हाला है, मैं तेरा प्यासा प्याला,
अपने को मुझमें भरकर तू बनता है पीनेवाला,
मैं तुझको छक छलका करता, मस्त मुझे पी तू होता,
एक दूसरे की हम दोनों आज परस्पर मधुशाला।।३।

भावुकता अंगूर लता से खींच कल्पना की हाला,
कवि साकी बनकर आया है भरकर कविता का प्याला,
कभी न कण-भर खाली होगा लाख पिएँ, दो लाख पिएँ!
पाठकगण हैं पीनेवाले, पुस्तक मेरी मधुशाला।।४।।

चल मरदाने ….

चल मरदाने, सीना ताने,

हाथ हिलाते, पांव बढाते,

मन मुस्काते, गाते गीत ।

एक हमारा देश, हमारा

वेश, हमारी कौम, हमारी

मंज़िल, हम किससे भयभीत ।

चल मरदाने, सीना ताने,

हाथ हिलाते, पांव बढाते,

मन मुस्काते, गाते गीत ।

हम भारत की अमर जवानी,

सागर की लहरें लासानी,

गंग-जमुन के निर्मल पानी,

हिमगिरि की ऊंची पेशानी

सबके प्रेरक, रक्षक, मीत ।

चल मरदाने, सीना ताने,

हाथ हिलाते, पांव बढाते,

मन मुस्काते, गाते गीत ।

जग के पथ पर जो न रुकेगा,

जो न झुकेगा, जो न मुडेगा,

उसका जीवन, उसकी जीत ।

चल मरदाने, सीना ताने,

हाथ हिलाते, पांव बढाते,

मन मुस्काते, गाते गीत ।

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है …

हरिवंश राय बच्चन
दिन जल्दी- जल्दी ढलता है की कुछ पंक्तियाँ

हो जाय न पथ में रात कहीं,

मंजिल भी तो है दूर नहीं –

यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

बच्चे प्रत्याशा में होंगे,

नीड़ों से झाँक रहे होंगे –

यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

मुझसे मिलने को कौन विकल?

मैं होऊँ किसके हित चंचल? –

यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

लो दिन बीता, लो रात गई (Lo Din Beeta Lo Raat Gayi)

मैं कितना ही भूलूँ, भटकूँ या भरमाऊँ,
है एक कहीं मंज़िल जो मुझे बुलाती है,
कितने ही मेरे पाँव पड़े ऊँचे-नीचे,
प्रतिपल वह मेरे पास चली ही आती है,
मुझ पर विधि का आभार बहुत-सी बातों का।
पर मैं कृतज्ञ उसका इस पर सबसे ज़्यादा –
नभ ओले बरसाए, धरती शोले उगले,
अनवरत समय की चक्की चलती जाती है,
मैं जहाँ खड़ा था कल उस थल पर आज नहीं,
कल इसी जगह पर पाना मुझको मुश्किल है,
ले मापदंड जिसको परिवर्तित कर देतीं
केवल छूकर ही देश-काल की सीमाएँ
जग दे मुझपर फैसला उसे जैसा भाए
लेकिन मैं तो बेरोक सफ़र में जीवन के
इस एक और पहलू से होकर निकल चला।
जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ
जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा भला।

लो दिन बीता, लो रात गई,
सूरज ढलकर पच्छिम पहुँचा,
डूबा, संध्या आई, छाई,
सौ संध्या-सी वह संध्या थी,
क्यों उठते-उठते सोचा था,
दिन में होगी कुछ बात नई।
लो दिन बीता, लो रात गई।

धीमे-धीमे तारे निकले,
धीरे-धीरे नभ में फैले,
सौ रजनी-सी वह रजनी थी
क्यों संध्या को यह सोचा था,
निशि में होगी कुछ बात नई।
लो दिन बीता, लो रात गई।

चिड़ियाँ चहकीं, कलियाँ महकी,
पूरब से फिर सूरज निकला,
जैसे होती थी सुबह हुई,
क्यों सोते-सोते सोचा था,
होगी प्रातः कुछ बात नई।
लो दिन बीता, लो रात गई।

FAQ

हरिवंश राय बच्चन का जन्म कहां हुआ था?

हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर 1907 को इलाहाबाद के पास प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था।

हरिवंश राय बच्चन के कितने बेटे हैं?

हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के दो बेटे हैं- अमिताभ बच्चन और अजिताभ बच्चन। 

हरिवंश राय बच्चन की पहली पत्नी कौन थी?

हरिवंश राय बच्चन की पहली पत्नी का नाम श्यामा बच्चन था।

हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध रचना कौन सी है?

‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ (आत्मकथा) व मधुशाला (काव्य-संग्रह) उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति है। 

क्या भूलूँ क्या याद करूँ किसकी रचना है?

यह हरिवंश राय बच्चन जी की लोकप्रिय आत्मकथा है। 

हरिवंश राय बच्चन की कितनी आत्मकथाएँ हैं?

हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा चार खण्डों में प्रकाशित हुई हैं- क्या भूलूँ क्या याद करूँ, नीड़ का निर्माण फिर, बसेरे से दूर और दशद्वार से सोपान तक। 

हरिवंश राय बच्चन की आखिरी कविता क्या थी?

हरिवंश राय बच्चन ने 1984 में अपनी आखिरी कविता लिखी “एक नवंबर 1984” जो इंदिरा गाँधी हत्या पर आधारित थी।

क्या भूलूं क्या याद करूं का प्रकाशन वर्ष?

यह आत्मकथा वर्ष 1969 में प्रकाशित हुई थी। 

मधुशाला किसकी रचना है?

मधुशाला हरिवंश राय बच्चन का बहुचर्चित काव्य-संग्रह है। 

दो चट्टानें किसकी रचना है?

यह हरिवंश राय बच्चन का प्रमुख काव्य संग्रह है। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध कवि एवं लेखक हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय (Harivansh Rai Bachchan Ka Jeevan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीजाबिर हुसैन
विष्णु खरे उमाशंकर जोशी आलोक धन्वा 
घनानंद अयोध्या सिंह उपाध्यायबिहारी 
शिवपूजन सहायअमीर खुसरोमधु कांकरिया 
घनश्यामदास बिड़लाकेदारनाथ अग्रवालशकील बदायूंनी
मधुसूदन दासमहापंडित राहुल सांकृत्यायनभुवनेश्वर 
सत्यजित रेशिवप्रसाद मिश्र ‘रुद्र’ भगवती चरण वर्मा
मोतीलाल नेहरू कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ श्री अरबिंदो 
अमर गोस्वामीशमशेर बहादुर सिंहरस्किन बॉन्ड 
राजेंद्र यादव गोपालराम गहमरी राजी सेठ
गजानन माधव मुक्तिबोधसेवा राम यात्री ममता कालिया 
शरद जोशीकमला दासमृणाल पांडे
विद्यापति पदुमलाल पुन्नालाल बख्शीश्रीकांत वर्मा 
यतींद्र मिश्ररामविलास शर्मामास्ति वेंकटेश अय्यंगार
शैलेश मटियानीरहीमस्वयं प्रकाश 

आशा है कि आपको हालावादी काव्यधारा के प्रमुख कवि हरिवंशराय बच्चन का जीवन परिचय (Harivansh Rai Bachchan Ka Jeevan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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6 comments
    1. पूजा जी धन्यवाद, ऐसे ही बने रहिए हमारी वेबसाइट पर।

    1. नेहा जी आपका साभार, ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर बनें रहिये।

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