लोकतंत्र पर छात्र ऐसे लिख सकते हैं निबंध

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Loktantra par Nibandh

लोकतंत्र दुनिया की सबसे प्रभावी और लोकप्रिय शासन प्रणालियों में से एक है, जिसे जनता की, जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसमें सभी नागरिकों को अपने विचारों, अधिकारों और कर्तव्यों का पालन करने की स्वतंत्रता होती है। लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि यह स्वतंत्रता, समानता, और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित जीवन का एक तरीका है। इस प्रणाली में नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों का चयन करने का अधिकार होता है, जो उनके हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोकतंत्र के महत्व को बताने के लिए कई बार विद्यार्थियों को लोकतंत्र पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। ऐसे में लोकतंत्र पर एक सूचनात्मक निबंध कैसे लिखें, आईये इस लेख में जानते हैं। यहाँ आपको 100, 200 और 500 शब्दों में कुछ सैम्पल्स दिए गए हैं।

लोकतंत्र क्या है?

मूलतः लोकतंत्र भिन्न-भिन्न सिद्धान्तों के मिश्रण से बना हैै। अब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है। लोकतंत्र में ऐसी व्यवस्था रहती है कि जनता अपनी मर्जी से विधायिका चुन सकती है। लोकतंत्र एक प्रकार की शासन व्यवस्था है, जिसमें सभी व्यक्तियों को समान अधिकार होता हैं। लेकिन अलग-अलग देश में इसके अलग-अलग अर्थ निकलते हैं।

लोकतंत्र पर निबंध 100 शब्दों में

लोकतंत्र पर निबंध ((Loktantra Par Nibandh) 100 शब्दों में कुछ इस प्रकार से है :

आज सारे विश्व भी मे लोक तंत्र की अपनी अलग परिभाषा है इनमे सबसे सटीक और जटिल परिभाषा पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकलन द्वारा दी गयी लोकतंत्र की परिभाषा सबसे मान्य मालूम जान पड़ती है। लिंकलन के अनुसार जनता के द्वारा, जनता का शासन एवं जनता के लिए शासन ही प्रजातंत्र है। प्राचीन काल में शासन व्यवस्था काफी अधीन हुआ करती थी क्युंकि राजतंत्र होने के कारण जनता की भागीदारी ना बराबर थी और साथ ही साथ जनता को कोई भी अधिकार प्राप्त नहीं थे। समय ढलने के कारण जनता अपने हक़ के लिए आवेदना की और पूरे विश्वभर में शासन व्यवस्था लागू हुई। इस व्यवस्था में ताकत किसी एक आदमी के पास न होकर जनता के पास होती है। लोकतंत्र की नींव इस विश्वभर में बहुत पहले ही स्थापित हो गयी थी परंतु कई कारणों से इसकी हानि भी होती आ रही है। लोकतंत्र का जन्म भारतवर्ष में हुआ था जहाँ प्राचीन जनपद में राजा और जनता के बीच चुनाव हुआ था। इसके अलावा प्राचीन यूरोप के कुछ देशों में संसद के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा हुआ करता था परंतु इन नियमों से राजा वंछित रहता था।आधुनिक काल में लोकतंत्र की पूर्ण स्थापना अमेरिका के किसी राज्य में हुई। 

लोकतंत्र पर निबंध 200 शब्दों में

लोकतंत्र पर निबंध (Loktantra Par Nibandh) 200 शब्दों में कुछ इस प्रकार से है :

लोकतंत्र प्राचीन काल से ही भारत एवं यूरोप जैसे कई देशों में विध्यमान है। पिछले दो हज़ार वर्षों से लोकतंत्र का इतिहास ऊँच नीच होते रहा है। जब नागरिकों ने अपनी सोच से समाज निर्माण की स्थापना की जिसके चलते अधिक मात्रा में लोगों को भागीदारी का मौका मिला। विश्व के सबसे प्राचीन शहरों में शुमार एथेंस एक यूरोपीय देश की राजधानी है जहाँ लोकतंत्र पिछले 3000 सालों से स्थापित है। ऐसे ही भारत उपमहाद्वीपों का सबसे प्राचीन और बड़ा देश होने के कारण लोकतंत्र व्यवस्था पिछले 2000 सालों से स्थापित है। कई विद्रोह और युद्ध के कारण ब्रिटिश सरकार ने इसकी इमारत गिरा दी परंतु 1947 में आज़ादी के बाद इसकी पुनः स्थापना की गई। आज भारत दुनिया का सबसे विशाल लोकतांत्रिक देश है जहाँ हित एक आदमी के हाथों में न होकर पूरी जनता के हाथों में है। 
लोकतंत्र प्राचीनकाल से दो प्रकार के होते हैं-

  • प्रत्यक्ष लोकतंत्र- जब किसी देश में राजकीय संपदानों के लिए शासक के साथ साथ नागरिक भी भाग लेता है तो उस प्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते हैं। जनता से विचार विमर्श कर लेने के बाद ही फैसला किया जाता है। 
  • अप्रत्यक्ष लोकतंत्र- जब कभी लोगों के विचारों की अभिव्यक्ति जनता द्वारा चयनित प्रतिनिधियों द्वारा की जाती है तो उसे अप्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते हैं। आजकल अधिकतर राष्ट्रों में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का ही बोलबाला है।

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लोकतंत्र पर निबंध 500 शब्दों में

लोकतंत्र पर निबंध (Loktantra Par Nibandh) 500 शब्दों में कुछ इस प्रकार से है :

प्रस्तावना

भारतीय लोकतंत्र भारतीय जनता के हेतु, भारतीय जनता द्वारा निर्वाचित जनता का शासन है। इसलिए भारतीय लोकतंत्र भारतीय लोकेच्छा और लोक-कल्याण का प्रतीक है। जब-जब जनता ने केन्द्रीय या प्रांतीय सत्ता को पसंद नहीं किया, उसे उसने सत्ता से ख़ारिज कर दिया।

लोकतंत्र के स्तम्भ

लोकतंत्र के चार स्तम्भ हैं न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और समाचार- पत्र। इन चारों स्तम्भों की स्वतंत्र सत्ता है, इन्हें स्वायत्तता प्राप्त है। लोकतांत्रिक भारत (डेमोक्रेट इंडिया) में चारों स्तम्भों का सुचारु रूप से संचालन भारतीय लोकतंत्र की पाँचवीं विशेष उपलब्धि है।

लोकतंत्र की समस्याएं

भारतीय लोकतंत्र की जहाँ अनेक महती उपलब्धियाँ हैं, वहाँ उसकी समस्याएं भी बहुत हैं। ये समस्याएं स्थयं राजनीतिज्ञयों के सत्ता मोह और स्वार्थ से उपजी हैं। उनके व्यक्तिहित, दलहित से पुष्पित-पललवित हुई हैं और अब भस्मासुर बनकर उनको ही नहीं भारत के लोकतंत्र को डस रही हैं, भारत माता के शरीर को शव में परिणित करने की तैयारी से कर रही हैं।

हमारे लोकतंत्र की प्रथम समस्या है भारतीय- भारतीय में भेद । यह भेद-विष दो रूपों में लोकतंत्र को विषाक्त कर रहा है। पहला है “अल्पसंख्यकवाद तथा बहुसंख्यकवाद” । तथा दूसरा है “जातिवाद”। अल्पसंख्यकवाद तथा बहुसंख्यकवाद ने लोकतंत्र राष्ट्र को धर्म-निरपेक्ष छवि को धूमिल ही नहीं किया, देश को खंड-खंड करने का रास्ता भी प्रशस्त कर दिया है । दूसरी ओर, जातिवाद ने तो घर-घर में लड़ाई का बीज बो दिया है । एडमीशन, चुनाव तथा नौकरियों में उनके लिए पदों (सीटों) के आरक्षण ने लोकतंत्र के ‘समानता’ के सिद्धान्त को ही जल-समाधि ही दे दी है ।

उपसंहार

भारत विशाल राष्ट्र है। जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा महान राष्ट्र है। इस विशाल देश के प्रारम्भिक कर्णधारों द्वारा लोकतंत्रात्मक शासन को अपनाना उदार दृष्टिकोण का परिचायक है। उसमें भारत के कल्याण की दूरदर्शिता है। हाँ, सत्ता-मोह से उत्पन्न राजनीतिज्ञों का चरित्र-संकट तंथा चुनाव में भ्रष्टाचरण भारतीय लोकतंत्र की प्रबल समस्याएं आज भी हैं।

लोकतंत्र पर निबंध तैयार करने के टिप्स 

लोकतंत्र पर निबंध कैसे लिखें, इसके बारे में नीचे बताया गया है-

  • निबंध लिखने के लिए सबसे पहले स्ट्रक्चर बनाएं। 
  • स्ट्रक्चर के अनुसार जानकारी इक्कठा करें। 
  • कोई भी जानकारी निबंध में लिखने से पहले उसकी अच्छी तरह से पुष्टि कर लें। 
  • निबंध लिखने से पहले ध्यान रखें कि भाषा सरल हों। 
  • निबंध का शीर्षक आकर्षक बनाएं। 
  • निबंध की शुरुआत प्रस्तावना से करें और निबंध का अंत निष्कर्ष से। 
  • निबंध में शब्द चिन्ह का खास ध्यान रखें। 
  • अलग-अलग अनुच्छेद को एक-दूसरे से जोड़े रखें। 

FAQ

लोकतंत्र क्या है? 

जनता के द्वारा, जनता का शासन एवं जनता के लिए शासन ही लोकतंत्र है।

लोकतंत्र कितने प्रकार के होते हैं? 

प्राचीनकाल से लोकतंत्र दो प्रकार की होती है-
विशुद्ध या प्रत्यक्ष लोकतंत्र
प्रतिनिधि सत्तातमक या अप्रत्यक्ष लोकतंत्र

लोकतंत्र की शुरुआत कैसे हुई? 

15 अगस्त 1947 में भारत को आज़ादी मिलने के बाद लोकतंत्र की समिति का चुनाव हुआ और विश्वभर में सबसे बड़ी लोकतंत्र की नींव रखी। 

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