हिंदी व्याकरण में हम समास, संधि, मुहावरे, क्लॉज़ इन हिन्द (उपवाक्य), पर्यायवाची शब्द, सर्वनाम आदि विषयों का अध्यन करते हैं। इन्हीं विषयों से एक विषय वर्ण विच्छेद (Varn Viched in Hindi) भी है, जिसके बारे में छोटी कक्षाओं से लेकर बड़ी कक्षाओं तक पूछा जाता है। सबसे पहले जान लेते हैं कि शब्द को रचना को समझने के लिए शब्द के वर्णों को अलग- अलग करके दिखाने की प्रक्रिया ही ‘वर्ण विच्छेद’ कहलाती है। जैसे- तुलसी =त्+ उ+ल्+ अ+ स्+ ई , किनारा= क्+इ+न्+आ+र्+आ आदि। वर्ण विच्छेद से संबंधित अन्य जानकारी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से विस्तार से बताएंगे।
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वर्ण-विच्छेद की परिभाषा
Varn Vichhed यानी वर्णों को अलग-अलग करना। किसी शब्द (वर्णों के सार्थक समूह) को अलग-अलग लिखने की प्रक्रिया को वर्ण-विच्छेद कहते हैं। दूसरे शब्दों में – स्वर या व्यञ्जन को अलग-अलग करना वर्ण-विच्छेद है। इसके लिए हमें स्वरों की मात्राओं (स्वर चिह्न) की जानकारी होना बहुत आवश्यक है।
उदाहरण – निधि शब्द का मात्रा विच्छेद होगा – न् + ि + ध् + ि
निधि शब्द का वर्ण विच्छेद होगा – न् + इ + ध् + इ
वर्ण के प्रकार
आपको बता दें कि वर्ण दो तरह के होते हैं –
1) स्वर
2) व्यंजन
कुमार शब्द का मात्रा विच्छेद करने पर – क् + ु + म् + ा + र् + अ प्राप्त होता है और जब इसी शब्द का वर्ण-विच्छेद किया जाए तो क् + उ + म् + आ + र् + अ प्राप्त होता है।
स्वर | मात्रा (स्वर चिह्न) | उदाहरण |
अ | इसकी कोई मात्रा नहीं होती। | अनार , अजगर , अचकन , गरम |
आ | ा | आम , काम , नाम , कार , नाक |
इ | ि | इमली , किला , किशमिश , किसान, किताब |
ई | ी | लकड़ी , बकरी, लड़की, पीता |
उ | ु | पुल, सुन, झुमका, तुम, चुहिया |
ऊ | ू | फूल , मूली , फूलदान , सूरज , दूध |
ऋ | ृ | ऋषि , अमृत , पृथ्वी , मृग , वृत्त |
ए | े | देश , केला , शेर , तबेला , पेड़ , ठेला |
ऐ | ै | पैसा , वैसा , पैदल , तैयार , मैदान |
ओ | ो | लोटा , मोटा , छोटा , टोपी , गोल , मोर |
औ | ौ | मौत , मौजूद , मौसम , मौन , दौलत |
‘अ’ स्वर के कुछ उदाहरण
नमक = न+ अ + म + अ + क् + अ
कथन = क + अ + थ + अ + न + अ
कमल = क +अ + म + अ + ल + अ
‘आ’ स्वर के उदाहरण
बाजार = ब + आ + ज + आ + र + अ
मामा = म + आ + म + आ
आज्ञा=आ + ज + ञ + आ
‘इ’ स्वर के उदाहरण
दिन = द + इ + न + अ
किला = क + इ + ल + आ
किसान = क + इ + स + आ + न + अ
‘ई’ स्वर के उदाहरण
श्रीमान= श + र + ई+ म + आ +न +अ
मीठा = म + ई + ठ + आ
पीला = प + ई + ल + आ
‘उ’ स्वर के उदाहरण
बुलबुल = ब + उ + ल + अ + ब + उ + ल + अ
चुनाव = च + उ + न + आ + व + अ
गुलाब = ग + उ + ल + आ + ब + अ
‘ऊ’ स्वर के उदाहरण
फूल = फ + ऊ + ल + अ
सूरज = स + ऊ + र + अ + ज +अ
झूला = झ + ऊ + ल + आ
‘ऋ’ स्वर के उदाहरण
अमृत = अ + म + ऋ + त + अ
गृह = ग + ऋ + ह + अ
नृत्य = न + ऋ + त + य + अ
‘ए’ स्वर के उदाहरण
देश = द + ए + श + अ
ऐनक = ऐ + न + अ + क + अ
ठेला = ठ + ए + ल + आ
‘ऎ’ स्वर के उदाहरण
मैदान = म + ऐ + द + आ + न + अ
शैतान = श + ऐ + त + आ + न +अ
फैशन = फ + ऐ + श + अ + न + अ
‘ओ’ स्वर के उदाहरण
टोकरी = ट + ओ + क + अ + र + ई
बोतल = ब + ओ + त + अ + ल + अ
गोल = ग + ओ + ल + अ
ओखली =ओ + ख + अ + ल + ई
‘औ’ स्वर के उदाहरण
औरत = औ+ र + अ + त + अ
नौकर= न + औ + क + अ + र +अ
मौजूद = म + औ + ज + ऊ + द + अ
वर्ण-विच्छेद को हल करें एक मजेदार क्विज के द्वारा
Varn Viched
वर्ण विच्छेद के 100 उदाहरण (100 Examples of Varn Viched in Hindi)
Varn Vichhed के 100 उदाहरण इस प्रकार हैं:
नोट- ‘अनु०’ यहाँ ‘अनुस्वार’ के लिए लिखा गया है।
- अँगना= अँ+ ग + अ + न + आ
- अपर्णा = अ + प + अ + र + ण + आ
- इंदु = इ + अनुस्वार + द्+उ
- उद्धार = उ + द् + ध् + आ + र + अ
- ऋषि = ऋ + ष + इ
- ऐनक = ऐ + न + अ +क+ अ
- औरत = औ+ र + अ + त + अ
- कृपा =क + ऋ+ प् + आ
- खंड =ख + अ + अनु० + ड + अ
- चंडी=च + अ + अनु० + ड + ई
- झगड़ा = झ + अ + ग + अ + ड़+ आ
- ठंडाई = ठ+अ +अनु० + ड + आ +ई
- थाली =थ+आ + ल + ई
- अंगूर= अ + अनुस्वार + ग + ऊ + र + अ
- इलाज=इ + ल + आ + ज + अ
- ईंट= ईं + ट् + अ
- ऊँचाई = ऊँ+ च + आ + ई
- एकता =ए + क + अ + त + आ
- ओखली =ओ + ख + अ + ल + ई
- कंगन =क+अ+अनु० + ग + अ +न + अ
- क्रिया = क +र् + इ + य + आ
- गंगा= ग + अ + अनु० + ग + आ
- छज्जा= छ + अ + ज् + ज + आ
- टोकरी= ट + ओ + क + अ + र + ई
- डलिया = ड + अ + ल + इ + य + आ
- दृष्टि = द् + ऋ + ष् + ट + इ
- ध्रुव =ध +र् +उ+व+ अ
- भंडार=भ+ अ+अनु०+ ड+आ र+ अ
- यज्ञ=य + अ +ज् + ज् +अ
- राष्ट्रीय =र + आ+ज+ञ्+अ
- वासना=व + आ +स +अ +न+आ
- सृष्टि=स+ ऋ+ष्+ट्+इ
- श्रृगाल=श+ऋ+ग+आ+ल्+अ
- ज्ञानी =ज् + ञ+ आ + न +ई
- नौकर= न् + औ + क + अ + र +अ
- बंदूक = ब+अ+ अनु० + द+ ऊ + क+ अ
- मंदिर = म + अ + अनु०+ द + इ + र+अ
- युधिष्ठिर = य +उ+ ध+ इ + ष् +ठ+ इ+ र+ अ
- वंश=व+अ+अनु०+श +अ
- संसार=स+ अ+अनु०+ स +आ+ र+अ
- स्वादिष्ट = स्+ व आ+द+ इ+ष +ट+ अ
- श्रीमान= श + र् + ई+ म् + आ +न +अ
- क्षत्रिय=क्+ष्+अ+त्+र्+इ+र्+अ
- आँधी = आँ+ ध+ई
- ऊँचा= ऊँ + च + आ
- भाँग=भ् +आँ+ग + अ
- पूँछ = प + ऊँ + छ + अ
- सींच =स + ईं + च + अ
- सेंध = स +एँ+ध +अ
- रक्षा=र+ अ + क + ष्+ आ
- सौंदर्य= स्+औ+अं+द्+अ+र्+य्+अ
- स्वागत- स् + व + आ + ग + अ + त + अ
- कलम = क + अ + ल + अ + म + अ
- कथन = क + अ + थ + अ + न + अ
- नाना = न + आ + न + आ
- पाप = प + आ + प + अ
- किताब = क + इ + त + आ + ब + अ
- दीवार = द + ई + व + आ + र + अ
- तीर = त + ई + र + अ
- कहानी = क + अ + ह + आ + न + ई
- चतुर = च + अ + त + उ + र + अ
- अनुमान = अ + न + उ + म + आ + न + अ
- चूक = च + ऊ + क + अ
- दूर = द + ऊ + र + अ
- गृह = ग + ऋ + ह + अ
- अमृत = अ + म + ऋ + त + अ
- खेल – ख + ए + ल + अ
- बेकार = ब + ए + क + आ + र + अ
- बैठक = ब + ऐ + ठ + अ + क + अ
- तैयार = त् + ऐ + य् + आ + र् + अ
- सोना = स +ओ + न + आ
- कोयल = क + ओ + य + अ + ल + अ
- कौशल = क + औ + श + अ + ल + अ
- सौभाग्य = स +औ + भ + आ + ग + य + अ
- क्ष = क् + ष् + अ
- त्र = त् + र् + अ
- ज्ञ = ज् + ञ् + अ
- श्र = श् + र् + अ
- क्षमा = क् + ष् + अ + म् + आ
- शिक्षा = श + इ + क् + ष् + आ
- चित्र = च+ इ + त् + र् + अ
- त्रिभुज = त् + र् + इ + + उ + ज + अ
- यज्ञ = य + अ + ज + ञ + अ
- ज्ञान = ज + ञ + आ + न + अ
- श्रोता = श् + र् + ओ + त + आ
- श्रुति = श् + र् + उ + त + इ
- इस्तेमाल = इ + स् + त + ए + म + आ +ल् + अ
- अमावस्या = अ + म + आ + व् + अ + स् + य + आ
- संबंध = स + अ + म् + ब + न् + ध + अ
- कंपन = क + अं + प + अ + न + अ
- साँप = स + आँ + प + अ
- चाँदनी = च + आँ + द + अ + न + इ
- क्रम = क + र + अ + म + अ
- कर्म = क + अ + र् + म +
- जरूर = ज + अ + र् + ऊ + र + अ
- द्वारा = द् + व् + आ + र + आ
- दृष्टि = द् + ऋ + ष् + ट + इ
- दरिद्र = द + अ + र् + इ + द् + र् + अ
- हृदय = ह् + ऋ + द + अ + य + अ
- चिह्न = च + इ + ह् + न् + अ
वर्ण-विच्छेद की महत्वपूर्ण बातें
वर्ण विच्छेद की कुछ महत्वपूर्ण बातें नीचे दी गई है:
हलंत चिह्न की व्यवस्था
हमारी वर्णमाला के सभी व्यंजन वर्णों में ‘अ’ स्वर मिला रहता है। अत: ‘अ’ स्वर के लिए अलग से मात्रा-चिह्न नहीं बनाया गया है। हाँ,जब भी किसी व्यंजन को स्वर रहित दिखाना होता है तो उसके नीचे ‘हलंत’ का चिह्न लगाया जाता है ।
जैसे- म= म् +अ ,
क=क्+अ,
ल=ल्+अ आदि।
अत: वर्ण-विच्छेद करते समय प्रत्येक व्यंजन वर्ण के नीचे ‘हलन्त’ अवश्य लगाएं।
वर्ण विच्छेद करते समय शब्द में आने वाले मात्रा चिह्न के स्थान पर स्वतंत्र स्वर वर्ण लिखें । जैसे-धानी’ शब्द का वर्ण- विच्छेद ‘ध्+आ+न+ई’ होगा न कि ध्+ा+न+ी।
संयुक्त व्यंजनों का वर्ण विच्छेद
आप जानते ही हैं कि संयुक्त व्यजनो में पहला वर्ण अधूरा होता है, जैसे ‘प्प’, ‘च्च’ आदि। परंतु वर्ण-विच्छेद करते समय इन अधूरे वर्णों को पूरे रूप में हो लिखे; जैसे-क्य=क्+य्+अ’, फ्त=फ्+ त्+ अ, न्न =न्+ न्+अ आदि।
र-व्यंजन के संयुक्त रूपों का वर्ण विच्छेद
आप जानते हैं कि ‘र + व्यंजन’ को मिलाकर लिखे जाने के लिए तीन वर्ण हैं- र् [र्]तथा [/] । परंतु वर्ण- विच्छेद करते समय ‘र्’ के सभी चिह्नों के स्थान पर केवल ‘र्’ वर्ण से हो लिखे: जैसे- रात= र्+आ त् +अ, क्रम =क्+ र् +अ+ म्+अ, प्रेम =प्+र्+ए+म+अ आदि।
अनुस्वार युक्त शब्दों का वर्ण विच्छेद
आप जानते ही हैं कि अनुस्वार के लिए बिंंदु [ ं] चिन्ह बनाया गया है। वर्ण-विच्छेद करते समय अनुस्वार के लिए ‘अनुस्वार’ शब्द लिखें स्वर वर्ण के ऊपर बिंदु लगाकर न लिखें; जैसे-
हिंदी =ह+इ+अनुस्वार+द+ई,
गंगा =ग+अ+अनुस्वार + ग +आ,
अनुनासिक युक्त शब्दों का वर्ण विच्छेद
आप जानते ही हैं कि अनुनासिक एक ‘नासिक्यीकृत स्वर’ (Nasalized Vowel) है। इसके लिए दो चिह्न बनाए गए हैं-बिंदु [ं] तथा चद्रबिंदु [ ॅ]
अनुनासिक युक्त शब्दों के वर्ण-विच्छेद के समय अनुनासिक स्वरों को यथावत रूप में चंद्रबिंदु तथा बिंदु लगाकर लिखें, जैसे-
आँधी = आँ+ ध+ई
ऊँचा= ऊँ + च + आ
संयुक्त व्यंजन ‘क्ष’, ‘त्र’,’ज्ञ’ तथा ‘श्र’ युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद
आपको ‘क्ष’,’त्र’, ‘ज्ञ’ तथा ‘श्र’ संयुक्त व्यंजनों के बारे में बताया जा चुका है कि इनकी रचना निम्नलिखित विवरण के अनुसार हुई है-क्ष = क् + ष, त्र= त् + र,
ज्ञ=ज् + ञ तथा श्र् + श्+ र । अन्य व्यंजनों की तरह इनके वर्णों में भी एक ‘अ’ स्वर मिला हुआ है, अतः इनका वर्ण-विच्छेद उन्हीं वर्गों में किया जाएगा जिन वर्णों से इनकी रचना हुई है;
जैसे-
रक्षा=र+ अ + क + ष्+ आ
भिक्षा=भ + इ + क्+ ष् + आ
यात्रा=य + आ + त् + र् + आ
मित्र=म + इ + त् + र् + अ
आज्ञा=आ + ज् + ञ् + आ
प्रतिज्ञा= प + र् + अ + त + इ + ज + ञ + आ
श्रम =श् + र् + अ + म + अ
श्रीमान = श + र+ ई + म + आ + न + अ
विसर्ग युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद
विसर्ग युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद करते समय अनुस्वार की तरह विसर्ग को भी ‘विसर्ग’ शब्द से ही लिखें; जैसे-
स्वत: =स् + व् + अ + त् + अ + विसर्ग
प्रातः = प् + र् + आ + त् + विसर्ग
मतिः=म् + अ + त् + इ + विसर्ग
साधुः=स् + आ + ध्+उ+विसर्ग
वर्ण विच्छेद वर्कशीट
Varn Vichhed की वर्कशीट नीचे दी गई हैं-
वर्ण विच्छेद से संबंधित महत्वपूर्ण बातें
Varn Vichhed की महत्वपूर्ण बातें नीचे दी गई हैं-
- लिखित भाषा में शब्दों की रचना ‘वर्णों’ से होती है। अतः शब्दों की रचना जानने के लिए उन वर्णों को जिनसे मिलकर शब्द बने हैं, अलग-अलग करके दिखाया जाता है। शब्द के वर्णों को अलग-अलग करके दिखाना ही वर्ण- विच्छेद कहलाता है।
- वर्ण-विच्छेद के लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि शब्द की रचना किन-किन वर्णों से हुई हैं।
- वर्ण-विच्छेद के लिए शब्दों का सही उच्चारण ध्यान से सुनना चाहिए और फिर स्वयंउच्चारण करना चाहिए। Varn Viched in Hindi के लिए वर्तनी के नियमों की जानकारी भी ज़रूरी है।
- हमारे यहाँ दो तरह के स्वर-वर्ण हैं-स्वतंत्र रूप से स्वर को लिखने हेतु- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ आदि तथा व्यंजनों के साथ मिलाकर लिखे जाने के लिए ॊ,ॏ आदि का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें ‘मात्रा’ कहते हैं। वर्ण-विच्छेद करते समय स्वर ध्वनियों को स्वतंत्रस्वर वर्णों के रूप में ही लिखा जाता है।
- अनुस्वार तथा विसर्ग युक्त शब्दों का वर्ण-विच्छेद करते समय इन दोनों व्यंजन ध्वनियों के लिए अनुस्वार और विसर्ग ही लिखना चाहिए न कि ‘अं’ या अः।
- अनुनासिक युक्त शब्दों के वर्ण-विच्छेद के समय अनुनासिक स्वरों को उनके चिह्नों (बिंदु) या चंद्रबिंदु के साथ ही लिखा जाता है।
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- शब्द और पद के अंतर
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FAQs
उत्तर-भाषा की सबसे छोटी इकाई जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते उसे वर्ण कहते हैं l
जैसे: न, ह, प आदिl
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52
उम्मीद है आपको Varn Vichhed का यह ब्लॉग अच्छा लगा होगा। हिंदी व्याकरण के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
-
बहुत ही अच्छा लगा सर
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Nice very good
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धन्यवाद
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9 comments
Some mistakes are there article is good
समीना जी, आपका आभार। आपके सुझाव को हम जल्द ही अपने ब्लॉग में अपडेट करेंगे।
Sistachar ka varn vichad kagiya
स+ई+स+ट+आ+च+आ+र=शिष्टाचार
good
बहुत स्पष्ट रूप से समझ आया
बहुत ही अच्छा लगा सर
Nice very good
धन्यवाद