हर साल UPSC की सिविल सेवा परीक्षा लाखों छात्रों के लिए एक बड़ी प्रतियोगिता होती है। इस परीक्षा में कई वैकल्पिक विषय होते हैं, जिनमें मैथ्स ऑप्शनल उन छात्रों में खासतौर से लोकप्रिय है, जिनकी पृष्ठभूमि इंजीनियरिंग, विज्ञान या अर्थशास्त्र से है और जिन्हें गणित में दिलचस्पी है। गणित वैकल्पिक न सिर्फ परीक्षा में अच्छे अंक पाने में मदद कर सकता है, बल्कि कुछ छात्रों के लिए आगे की पढ़ाई के लिए भी लाभकारी हो सकता है। इस लेख में स्टूडेंट्स के लिए UPSC गणित वैकल्पिक सिलेबस की आवश्यक जानकारी दी गई है, जिससे आप अपनी तैयारी को सही दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।
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UPSC में मैथ सब्जेक्ट की वेटेज
UPSC मेंस परीक्षा में यदि कैंडिडेट ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में मैथ का चुनाव करते हैं, तो उन्हें मैथ का पेपर देना होगा। प्रीलिम्स में CSAT का एक क्वालीफाइंग पेपर होता है, जिसमें क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड से प्रश्न शामिल होते हैं और इसे पास करने के लिए न्यूनतम 33% अंक लाना आवश्यक है। वहीं, मेंस परीक्षा में ऑप्शनल मैथ के लिए पूरी तैयारी करनी होती है और इसे पास करना अनिवार्य है।
UPSC CSAT में मैथ का सिलेबस
UPSC में मैथ्स दोनों चरणों में शामिल है: प्रीलिम्स में CSAT का मैथ सेक्शन होता है और मेंस में यह एक ऑप्शनल सब्जेक्ट है। UPSC CSAT में मैथ का सिलेबस इस प्रकार है:-
| बेसिक न्यूमेरिसी | जनरल मेंटल एबिलिटी |
| नंबर सिस्टम | पार्टनरशिप |
| L.C.M और H.C.F | प्राॅफिट एंड लाॅस |
| रेशनल नंबर्स एंड ऑर्डरिंग | टाइम एंड डिस्टेंस |
| डेसीमल फ्रैक्शंस | ट्रेंस |
| सिंप्लीफिकेशन | वर्क एंड बेजेस |
| स्क्वायर रूट्स एंड क्यूब रूट्स | टाइम एंड वर्क |
| रेशियो एंड प्राॅपोरशन | मेंसुरेशन एंड एरिया |
| प्रतिशत | वोट्स एंड स्ट्रीम्स |
| औसत | पाइप्स |
| सेट थ्योरी | सिंपल इंटरेस्ट एंड कंपाउंड इंटरेस्ट |
| डिविजबिलिटी रूल्स | एलैगेशन एंड मिक्सचर |
| रेमाइंडर थ्योरम। | ज्योमेट्री |
| – | काॅम्बिनेशंस |
| – | प्रोबैबिलिटी |
UPSC मेंस: मैथ ऑप्शनल सिलेबस
UPSC प्रीलिम्स में CSAT का मैथ सेक्शन आता है, जबकि मेंस में मैथ एक ऑप्शनल सब्जेक्ट होता है। जो कैंडिडेट ऑप्शनल में मैथ चुनते हैं, उन्हें सही तैयारी के लिए इसका सिलेबस समझना आवश्यक है। यूपीएससी मेंस में मैथ का पेपर दो भागों में होता है – पेपर 1 और पेपर 2। नीचे मैथ्स ऑप्शनल सब्जेक्ट का कंप्लीट सिलेबस दिया गया है:-
UPSC मैथ्स ऑप्शनल सिलेबस- पेपर 1
| लीनियर अलजेब्रा | R और C पर वेक्टर स्पेश लीनियर डिपेनडेंस एंड इंडिपेनडेंस सब-स्पेश बेस डायमेंशंस लीनियर ट्रांर्सफार्मेशन रैंक न्यूलिटी मैट्रिक्स ऑफ लीनियर ट्रांर्सफार्मेशन एलजेब्रा ऑफ मैट्रिसेस; पंक्ति और स्तंभ के बीच अंतर सोपानक रूप सर्वांगसमता और समानता; एक मैट्रिक्स की रैंक; मैट्रिक्स का व्युत्क्रम; रैखिक समीकरणों की प्रणाली का समाधान कैरेक्टरस्टिक्स फिनाॅमल थ्योरम सिमैट्रिक स्क्यू सिमेट्रिक स्क्यू हर्मिटियन ऑर्थोगोनल और यूनिटरी मैट्रिक्स |
| कैलकुलस | रियल नंबर्स फंक्शंस ऑफ अ रियल वैरिएबल लिमिट्स काॅंटिन्यूटी डिफरेंसिएविलिटी मीन-वैल्यू थ्योरम टेलर्स थ्योरम विद रिमाइंडर्स इंडिटरमिनेट फाॅर्म्स मैक्सिमा एंड मिनिमम एसम्ट्स कर्व ट्रेसिंग फंक्शन ऑफ टू एंड थ्री वेरिएबल्स लिमिट्स काॅंटिन्यूटी पार्शियल डेरिवेटिव्स लाॅर्जेंस मेथड ऑफ मल्टीप्लायर्स जैकोबियन रिमियांस डिफनिशन ऑफ डिफिनिट इंटीग्रल्स; इंडिफिनिट इंटीग्रल्स; इंफाइनाइट एंड इंप्रापर इंटीग्रल; डबल एंड ट्रिपल इंटीग्रल्स; एरिया सरफेस एंड वाॅल्यूम्स। |
| एनालिटिक ज्योमेट्री | काॅर्शियन एंड पोलर कोऑर्डिनेट्स इन थ्री डायमेंशंस सेकंड डिग्री इक्यूशंस इन थ्री वैरिएबल्स रिडक्शन टू कैनोनिकल फाॅर्म्स; स्ट्रेट लाइन्स शाॅर्टेस्ट डिस्टेंस बिटवीन टू स्क्यू लाइन्स प्लेन स्फेयर कोन सिलंडर पैराबोलाइड एलिपसाॅइड हाइपरबोलाइड। |
| ऑर्डिनरी डिफरेंशियल इक्यूशंस | फाॅर्मुलेशन ऑफ डिफरेंशियल इक्यूशंस; इक्यूशंस ऑफ फर्स्ट ऑर्डर एंड फर्स्ट डिग्री इंटरग्रेटिंग फैक्टर; ऑर्थोजोनल ट्रेजेक्टरी; इंक्यूशंस ऑफ फर्स्ट ऑर्डर वट नाॅट ऑफ फर्स्ट डिग्री सिंगुलर साॅल्यूशन सेकंड एंड हाईअर ऑर्डर लिनियर इक्यूशंस विद कंस्टेंट कोइफिसिएंट्स कॉम्प्लिमेंट्री फंक्शन पर्टिकुलर इंटग्रल एंड जनरल साॅल्यूशन सेक्शन ऑर्डर लीनियर इक्वेशन एंड वेरिएबल कोएफिशेंट्स एप्लीकेशन टू इनिशियल वैल्यू प्राॅब्लम्स फाॅर सेकंड ऑर्डर लिनियर इक्यूशंस विद कांस्टेंट कोएफिशेंट्स। |
| डायनामिक्स एंड स्टैटिक्स | डायनामिक्स एंड स्टैटिक्स रेक्टिलिनियर मोशन सिंपल हार्मोनिक मोशन मोशन इन अ प्लेन प्रोजेक्टल्स काॅंस्ट्रेन्ड मोशन; वर्क एंड एनर्जी कंजर्वेशन ऑप इनर्जी; केप्लर्स लाॅज ऑर्विट्स अंडर सेंट्रल फोर्स इक्यूलिविरियम ऑफ अ सिस्टम ऑफ पार्टीकल्स; वर्क एंड पोटेंशियल एनर्जी फ्रिक्शन काॅमन केंटेनरी; प्रिंसिपिल ऑफ वर्चुअल वर्क; स्टेबिलिटी ऑफ इक्विलियम इक्विलिब्रियम ऑफ फोर्स इन थ्री डाइमेंशंस। |
| वेक्टर एनालिटिक्स | स्केलर एंड वेक्टर फील्ड्स डिफरेंसिएशन ऑफ वेक्टर फील्ड ऑफ अ स्केलर वैरिएबल; ग्रेडिएंट डायवर्जेंस एंड क्यूर्ल इन काॅर्सियन एंड सिलिंडरिकल कोऑर्डिनेट्स; हायर ऑर्डर डेरिवेटिव्स; वेक्टर आइडेंटिटी एंड वेक्टर इक्वेशन एप्लीकेशन ऑफ ज्योमेट्री: कर्व्स इन स्पेस क्योरावेचर एंड टोरिजन; सेरेट-फ्यूरनेटस फार्मुला गाॅस एंड स्टोक्स थ्योरम ग्रीन्स आइडेंटिटीज। |
यह भी पढ़ें – UPSSSC जूनियर असिस्टेंट सिलेबस और परीक्षा पैटर्न
UPSC मैथ्स ऑप्शनल सिलेबस- पेपर 2
| अल्जेब्रा | ग्रुप्स, सबग्रुप्स, साइकिल्क ग्रुप्स, कोस्ट्स, लैगरेंज्स थ्योरम, नाॅर्मल सबग्रुप्स, क्विटेंट ग्रुप्स, होमोमोरफिज्म ऑफ ग्रुप्स, बेसिक आईसोमाॅरफिज्म थ्योरम, पर्म्युटेशन ग्रुप्स, कैलिइस थ्योरम, रिंग्स, सबरिंग्स एंड आइडियल्स, होमोमोरफिज्म ऑफ रिंग्स; इंटीग्रल डोमेंस, प्रिंसिपल आइडियल डोमेंस यूलीडीन डोमेंस एंड यूनिक फैक्टराइजेशन डोमेंस; फील्ड्स, क्विटेंट फील्ड्स। |
| रियल एनालिसिस | रियल नंबर सिस्टम ऐज अ ऑर्डर्ड फील्ड विद अपर वाउंड प्राॅपर्टी; सिक्वेंसेस, लिमिट ऑफ सीक्वेंस, काॅची सिक्वेंस, कंप्लीटनेस ऑफ रियल लाइन; सीरीज एंड इट्स कनवर्जेंस, ऑवशल्यूट एंड कंडीशनल कनवर्जेंस ऑफ सीरीज ऑफ रियल एंड काॅंलेक्स टर्म्स,रिअरेंजमेंट ऑफ सीरीज, कंटिन्यूटी ऑफ फंक्शन, प्राॅपर्टीज ऑफ काॅंटिन्यूस फंक्शंस ऑन काॅम्पैक्ट सेट्स, रियम्न इंटीग्रल, इंपीरियल इंटीग्रल्स; फंडामेंटल थ्योरम्स ऑफ इंटीग्रल कैलकुलस, यूनिफाॅर्म कनवर्जेंस, काॅंटिन्यूटी, डिफरेंसियविलिटी एंड इंटग्रेविलिटी फाॅर सिक्वेंस एंड सीरीज ऑफ फंक्शंस; पार्शियल डेरिवेटिव्स ऑफ फंक्शंस ऑफ सेवरल वैरिएवल्स, मैक्जिमम एंड मिनिमम। |
| काॅंप्लेक्स एनालिसिस | एनालिटिक फंक्शन, काॅची-रियमन इक्यूशंस, काॅचीस थ्योरम, काॅचीस इंटीग्रल फाॅर्म्यूला, पाॅवर सीरीज, रिप्रजेंटेशन ऑफ एन एनालिटिक फंक्शन, टेलर्स सीरीज; सिंगुलराटीज; लाॅरैंट्स सीरीज; काॅचीस रेस्ड्यू थ्योरम; काॅन्ट्यूर इंटीग्रेशन। |
| लिनियर प्रोग्रामिंग | लीनियर प्रोग्रामिंग प्राॅब्लम्स, बेसिक साॅल्यूशन, बेसिक फेजिविल साॅल्यूशन एंड ऑप्टीमल साॅल्यूशन; ग्राफिकल मेथड एंड सिंप्लेक्स मेथड ऑफ साॅल्यूशंस; ड्यूअलिटी, ट्रांसपोर्टेशन एंड असाइनमेंट प्राॅब्लम्स |
| पार्शियल डिफरेंट इक्यूशंस | फैमिली ऑफ सरफेस इन थ्री डायमेंशंस एंड फाॅर्मुलेशन ऑप पार्शियल डिफरेंशियल इक्यूशंस; साॅल्यूशन ऑफ क्वासिलिनियर पार्शियल डिफरेंशियल इक्यूशंस ऑफ द फर्स्ट ऑर्डर, काॅचीस मेथड ऑफ कैरेक्टरस्टिक्स; लिनियर पार्शियल डिफरेंशियल इक्यूशंस ऑफ द सेकंड ऑर्डर विद कांसटेंस कोइफिशिएंट्स, कैनोनिकल फाॅर्म; इक्यूशन ऑफ अ वाइबरेटिंग स्ट्रिंग, हीट इक्यूशन, लाॅप्लेस एंड देयर साॅल्यूशन। |
| न्यूमेरिकल एनालिसिस एंड कंप्यूटर प्रोग्रामिंग | न्यूमेरिकल मेथ्ड्स: सॉल्यूशन ऑफ अलजेब्रिक एंड ट्रांस स्केडंटल इक्वेशन ऑफ वन वेरिएबल वाइ बाइसेक्शन, रेगुला-फाल्सी एंड नेटवन-रैफ्सन मेथड्स, सॉल्यूशन ऑफ सिस्टम ऑफ लीनियर इक्वेशन वाइ गौसियन एलिमिनेशन एंड गाॅस-जार्डन, गाॅस-सेडेल मेथ्ड्स, न्यूटंश एंड इंटरपोलेशन, लैरेजेंस इंटरपोलेशन। न्यूमेरिकल इंटीग्रेसन: ट्रापेजोडियल रूल, सिंपशंस रूल, गाॅसियन क्वाडिरेचर फाॅर्म्यूला, न्यूमेरिकल साल्यूशन ऑफ आर्डिनरी डिफरेंशियल इक्यूशंस: इयूलर एंड रूंगा कुटा मेथ्ड्स। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग: बाइनरी सिस्टम; अर्थमेटिक एंड लाॅजिकल ऑप्रेशं ऑन नंबर्स; ऑक्टल एंड हेक्साडेसीमल सिस्टम्स; कनवर्जन टू एंड फाॅर्म डेसीमल सिस्टम्स; अलजेब्रा ऑफ बाइनरी नंबर्स, एलिमेंट्स ऑप कंप्यूटर सिस्टम्स एंड काॅंसेप्ट ऑफ मेमोरी; बेसिक लाॅजिक गेट्स एंड ट्रूथ टेबल्स, बूलेन, अलजेब्रा, नाॅर्मल फाॅर्म्स। रिप्रजेंटेशन ऑफ अनसाइन्ड इंटीगर्स, साइंड इटीगर्स एंड रियल्स, डबल प्रीसिजन रियल्स एंड लाॅंग इंटीगर्स, एल्गोरिदम्स एंड फ्लो चार्ट्ट फाॅर साॅल्विंग न्यूमेरिकल एनालिसिस प्राॅब्लम्स। |
| मैकेनिक्स एंड फ्लयूड डायनामिक्स | जनरलाइज्ड कोऑर्डिनेट्स; डी’अल्बर्ट्स प्रिंसिपल एंड लैगरेंज्स इक्यूशंस; हैमिलटन इक्यूशंस; मूमेंट ऑफ इनर्शिया; मोशन ऑफ रिगिड बाॅडीज इन टू डायमेंशंस। इक्यूशंन ऑफ काॅंटिन्यूटी; इयूलर्स ऑफ मोशन फाॅर इनविजिड फ्लो; स्ट्रीम्स-लाइंस, पाॅथ ऑफ अ पार्टिकल; पोटेंशियल फ्लो; टू-डायमेंशनल एंड एग्जीमेट्रिक मोशन; सोर्शेज एंड सिंक्स, वोर्टेक्स मोशन; नेवियर स्टोक्स इक्यूशन फाॅर अ विसकाॅउज फ्लाॅड। |
यह भी पढ़ें – RPSC RO EO सिलेबस और परीक्षा पैटर्न
UPSC मैथ्स एग्जाम पैटर्न
नीचे यूपीएससी मैथ्स ऑप्शनल का परीक्षा पैटर्न दिया गया है:-
| मेंस पेपर्स | विषय | अंक |
| पेपर VI | ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर 1 | 250 |
| पेपर VII | ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर 2 | 250 |
| समय अवधि | – | 3 घंटे |
FAQs
यदि आपकी पृष्ठभूमि इंजीनियरिंग, विज्ञान या अर्थशास्त्र की है और आपको गणित में रुचि है, तो UPSC में मैथ्स ऑप्शनल लेना फायदेमंद हो सकता है। यह विषय अच्छे अंक लाने में मदद कर सकता है और शुद्ध व अनुप्रयुक्त गणित के साथ थ्योरीटिकल फिजिक्स के लिए भी आधार तैयार करता है। हालांकि, तैयारी और रणनीति पर सफलता निर्भर करती है। अन्य छात्रों के लिए, अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार वैकल्पिक विषय चुनना बेहतर होता है।
मैथ्स ऑप्शनल के लिए रोज़ाना 3 से 4 घंटे पढ़ना पर्याप्त हो सकता है, अगर आपकी पृष्ठभूमि इंजीनियरिंग या साइंस से है। यदि गणित में कमजोर हैं, तो 4 से 6 घंटे रोज़ाना नियमित अभ्यास और समझ बनाने के लिए जरूरी हैं। थ्योरी और प्रैक्टिस दोनों पर ध्यान देना सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।
मैथ्स ऑप्शनल के लिए दोनों तरीके सही हैं। अगर आपकी पृष्ठभूमि मजबूत है और आप खुद से नियमित पढ़ाई कर सकते हैं, तो सेल्फ- स्टडी काफी है। लेकिन अगर आपको विषय जल्दी समझना है या मार्गदर्शन चाहिए, तो कोचिंग हेल्पफुल हो सकती है। कई छात्र सेल्फ-स्टडी के साथ कभी-कभार कोचिंग भी लेते हैं।
UPSC मैथ्स ऑप्शनल सिलेबस में बीजगणित, कैलकुलस, अवकल समीकरण, वास्तविक विश्लेषण, रेखागणित, मैट्रिक्स, सांख्यिकी, यांत्रिकी और आधुनिक गणित से जुड़े प्रमुख विषय शामिल हैं।
आशा है कि इस ब्लॉग में आपको UPSC मैथ्स ऑप्शनल सिलेबस की आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य इंडियन एग्जाम से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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upsc math optional par questions kitne puche jate hai
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प्रीती जी , UPSC में अगर आप Math को ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनते हैं, तो आपसे 500 नंबर के सवाल पूछे जाते हैं। इसमें दो पेपर होते हैं — पेपर 1 और पेपर 2, हर पेपर 250 नंबर का होता है। Math सिर्फ उन्हीं से पूछा जाता है जो इसे ऑप्शनल के तौर पर चुनते हैं। अगर आपकी मैथ्स में पकड़ अच्छी है, तो ये स्कोर बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा विषय है।
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Bhut aacha laga jankar , es thra ki jankari dene ke liye aapka bhut bhut dhanyawad 🙏 🙏🙏
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गौरव जी आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहें।
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4 comments
upsc math optional par questions kitne puche jate hai
प्रीती जी , UPSC में अगर आप Math को ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनते हैं, तो आपसे 500 नंबर के सवाल पूछे जाते हैं। इसमें दो पेपर होते हैं — पेपर 1 और पेपर 2, हर पेपर 250 नंबर का होता है। Math सिर्फ उन्हीं से पूछा जाता है जो इसे ऑप्शनल के तौर पर चुनते हैं। अगर आपकी मैथ्स में पकड़ अच्छी है, तो ये स्कोर बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा विषय है।
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