UPSC 2023 : Brexit upsc in Hindi : UPSC मेंस के लिए ब्रेक्जिट टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स 

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Brexit upsc in Hindi

UPSC मेंस एग्जाम के लिए Brexit upsc in Hindi एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक माना जाता है। इस साल इससे UPSC मेंस के पेपर में Brexit upsc in Hindi से  सम्बंधित प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान समय को देखते हुए इस विषय की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है। यहाँ Brexit upsc in Hindi से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं। ये नोट्स छोटे हैं इसलिए याद करने में आसान हैं।  

मुख्य सुर्खियां 

  • वर्ष 2020 में ब्रिटेन औपचारिक रूप से EU (यूरोपियन यूनियन) से अलग हो गया था।  
  • ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने की इस प्रक्रिया को Brexit (Britain exit) कहा जाता है।  
  • 23 जनवरी 2020 को ब्रिटिश संसद और यूरोपियन यूनियन से मंजूरी मिल जाने के बाद ब्रिटेन आधिकारिक रूप से यूरोपियन यूनियन से बाहर हो गया।  

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ब्रेक्जिट से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें 

यहाँ Brexit upsc in Hindi से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया जा रहा है : 

  • ब्रिटेन सर्वप्रथम वर्ष 1973 में यूरोपियन इकनॉमिक कम्युनिटी (EEC) का हिस्सा बना था।  
  • ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन में शामिल होने के बाद से ही वहां इसका विरोध शुरू हो गया था।  
  • जिस संधि के तहत ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हुआ है उसे लिस्बियन संधि के नाम से जाना जाता है।  
  • ब्रिटेन की कंज़र्वेटिव पार्टी शुरू से ही ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन में शामिल होने के खिलाफ थी और उसने यह वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आती है तो ब्रेक्जिट की प्रक्रिया को पूरा करेगी।  
  • ब्रिटेन की जनता ने अपनी पहचान और संस्कृति को बचाए रखने के लिए ब्रेक्जिट का समर्थन किया था।  
  • 27 मार्च 2017 में ब्रिटेन ने यूरोपीयन संघ से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू की थी।  
  • 23 जनवरी 2020 को ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन ने अलग होने के समझौते पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी से दी।  
  • यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को पूरी तरह से अलग होने की प्रक्रिया को पूरा करने में एक वर्ष का समय लगा था।  

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ब्रेक्जिट के ब्रिटेन पर पड़ने वाले प्रभाव 

यहाँ Brexit upsc in Hindi के ब्रिटेन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया जा रहा है : 

  • अब ब्रिटेन अपने देश के लिए स्वयं कानून बना सकेगा।  
  • ब्रिटेन अब बिना किसी रुकावट के अपनी प्रशासनिक गतिविधियों को पूरा कर सकेगा।  
  • अब ब्रिटेन खुद की इमीग्रेशन नीति बना सकता है।  
  • ब्रेक्जिट के कारण डॉलर की तुलना में पौंड की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है।  
  • ब्रेक्जिट से अलग हो जाने के बाद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को 15% तक का नुक्सान पहुंचा है।  

ब्रेक्जिट के भारत पर होने वाले प्रभाव 

यहाँ Brexit upsc in Hindi के ब्रिटेन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया जा रहा है : 

  • आगे चलकर ब्रेक्जिट के कारण भारत और ब्रिटेन के सम्बन्ध अच्छे होंगे क्योंकि ब्रिटेन भारत के माध्यम से यूरोपियन यूनियन से होने वाले बाज़ार की पूर्ति करने की कोशिश करेगा।  
  • पौंड की कीमतों में कमी आने के कारण बहुत सी ब्रिटिश कंपनियां भारत में निवेश कर सकेंगी, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। 
  • ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार करने के लिए स्वतंत्र होगा।  
  • भारतीय आईटी कंपनियों को अलग-अलग कार्यालय स्थापित करने और यूरोप तथा ब्रिटेन के लिये अलग-अलग टीमें नियुक्त करने की आवश्यकता पड़ेगी जिससे आईटी कंपनियों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा।
  • ब्रेक्जिट के कारण डॉलर की कीमतों में उछाल आने से रूपए की कीमत गिर सकती है।  
  • इसके कारण भारत के शेयर मार्किट में तीव्र गिरावट आ सकती है।  
  • पौंड का गिरता हुआ मूल्य भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले कई समझौतों के लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है।  
  • भारतीय आईटी कंपनियां ब्रिटेन और यूरोपियन संघ के अन्य देशों में अलग अलग ऑफिस बनाने की ज़रुरत पड़ेगी।  इसके लिए इन कंपनियों को अलग अलग टीमें नियुक्त करनी पड़ेंगे जिसमें भारी पूंजी लगेगी।   
  • यूरोपीय संघ में प्रवेश के लिये ब्रिटेन सदैव भारत के लिये प्रवेश द्वार रहा है, अतः ब्रेक्ज़िट के बाद भारतीय कंपनियों के लिये यह अल्पकालिक संकट उत्पन्न करेगा।

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