देश के सर्वश्रेष्ठ आज़ादी के योद्धाओं में से एक उल्लेखनीय नाम तात्या टोपे ने अपने युद्ध कौशल और बहादुरी के जरिए देश के इतिहस में स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम दर्ज़ कराया है। तात्या टोपे ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई का साथ दिया था। यहां तात्या टोपे का जन्म कब और कहां हुआ? और उनके बारे में महत्वपूर्ण बातें बताई जा रही हैं।
तात्या टोपे का जन्म कब और कहां हुआ?
तात्या टोपे का जन्म वर्ष 1814 में महाराष्ट्र के नासिक जिले में रामचंद्र पांडुरंगा के रूप में हुआ था। उनके पिता का नाम पांडुरंग राव था। उनके पिता मराठा पेशवा बाजीराव द्वितीय के दरबार में एक कुलीन थे। मराठा पेशवा के दत्तक पुत्र नाना साहब उनके घनिष्ठ मित्र थे।
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तात्या टोपे को यह नाम कैसे मिला?
तात्या टोपे का असली नाम पांडुरंग राव था। परन्तु लोग उन्हें प्यार से तात्या पुकारते थे। तात्या के नाम के आगे टोपे जुड़ने के पीछे दो किस्से सुनने में आते हैं। पहले किस्से के अनुसार कुछ समय तक तात्या ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की बंगाल सेना की तोपखाना रेजीमेंट में भी काम किया था। तोपखाने में काम करने की कारण ही उनका नाम तात्या टोपे पड़ गया।
एक अन्य किस्से के मुताबिक तात्या टोपे के पास एक बहुत ही सुन्दर और कीमती टोपी थी। तात्या बड़े शौक के साथ उस टोपी को पहनते थे। उनके इसी प्रेम और शौक से टोपी पहनने के कारण लोग इन्हें प्रेम से तात्या टोपे कहकर पुकारने लगे।
तात्या टोपे का 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
आपने तात्या टोपे का जन्म कब और कहां हुआ? इस बारे में जान लिया। इसी क्रम में अब 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में तात्या टोपे का योगदान जानिए :
- तात्या युद्ध कला में निपुण होने के साथ साथ गोरिल्ला युद्ध में भी निपुण थे।
- उन्होंने कानपुर और ग्वालियर में अंग्रेजों के खिलाफ जंग में मुख्य भूमिका निभाई थी।
- उन्होंने कानपुर पर कब्ज़ा कर लिया था और यहां नाना का शासन स्थापित कर दिया था।
- उन्होंने 1857 की लड़ाई में रानी लक्ष्मीबाई की भी मदद की थी।
- उन्होंने ग्वालियर में भी अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में विद्रोहियों का साथ दिया और अंग्रेजों की नाक में दम करके रखा।
- उन्होंने अपनी गोरिल्ला युद्ध कला से अंग्रजों को परेशान करके रख दिया था।
तात्या टोपे की मृत्यु कब और कहाँ हुई थी?
1857 के विद्रोह में अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए तात्या टोपे को गिरफ्तार किया गया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। वर्ष 1859 को 18 अप्रैल के दिन वर्तमान मध्य प्रदेश के शिवपुरी नामक नगर में तात्या टोपे को फांसी पर चढ़ा दिया गया।
आशा है कि आपको तात्या टोपे का जन्म कब और कहां हुआ? की जानकारी मिली होगी जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।