ता प्रत्यय से शब्द मित्रता, अराजकता, अधिकता, असमानता आदि होते हैं। सामान्य भाषा में प्रत्यय वे शब्द हैं जो अव्यय के बाद में लग कर उसे नया रूप और नया अर्थ प्रदान करते हैं।
प्रत्यय किसे कहते है?
प्रत्यय = प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे- दयालु= दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहाँ ‘आलू’ शब्दांश प्रत्यय है। प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है।
ता प्रत्यय से शब्द
ता प्रत्यय से शब्द की सूची नीचे दी गई है:
- प्राचीनता
- महानता
- अराजकता
- कठोरता
- घनिष्ठता
- तत्परता
- आवश्यकता
- अधीरता
- कटुता
- अनुकूलता
- एकता
- वीरता
- दरिद्रता
- शत्रुता
- कविता
- कायरता
- योग्यता
- मधुरता
- सुंदरता
- मधुरता
- अनेकता
- अनावश्यकता
- अनिवार्यता
- सक्षमता
- कुटिलता
- अधिकारिता
- मानवता
- महकता
- मौलिकता
- निर्धनता
- चंचलता
- अधिकता
- अक्रामकता
- निष्ठुरता
- जागरूकता
- प्रसन्नता
- प्रचुरता
- पराधीनता
- प्रभुता
- भव्यता
- प्रमुखता
- कुशलता
- विशालता
ता प्रत्यय से बनने बाले शब्दों का वाक्य प्रयोग
ता प्रत्यय से बनने बाले शब्दों का वाक्य प्रयोग नीचे दिया गया है:
- वह अक्रामकता से भरा हुआ है।
- सिंधुघाटी सभ्यता अपनी प्राचीनता के लिए जानी जाती है।
- मनुष्य को अपनी मानवता कभी नहीं खोनी चाहिए।
- ग्राहक को अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता होनी चाहिए।
- हिमानी में बहुत चंचलता है।
- अनेकता में ही एकता है।
उम्मीद है ता प्रत्यय से शब्द आपके लिए फायदेमंद होंगे। ऐसे ही अन्य प्रत्यय के बारे में पढ़ने के Leverage Edu के साथ बने रहिए।