शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कब हुआ था?

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आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवियों में से एक और हिंदी तथा उर्दू के विद्वान शमशेर बहादुर सिंह (Shamsher Bahadur Singh) ने हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान दिया है। इसके लिए उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ व ‘मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार’ आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं इस महान व्यक्ति का जन्म कब हुआ था? यह जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें।

शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कब हुआ था?

आधुनिक हिंदी कविता के प्रतिष्ठित कवि शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 13 जनवरी, 1911 को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘बाबू तारीफ सिंह’ और माता का नाम ‘प्रभुदेई’ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गोंडा और देहरादून में हुई। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद वह बी.ए की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद चले गए। यहाँ उन्होंने ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से अंग्रेजी साहित्य में बी.ए ऑनर्स की डिग्री हासिल की।

शमशेर बहादुर सिंह के बारे में अधिक जानकारी आप नीचे दिए गए टेबल से प्राप्त कर सकते हैं :

नाम शमशेर बहादुर सिंह (Shamsher Bahadur Singh)
जन्म 13 जनवरी, 1911
जन्म स्थान देहरादून, उत्तराखंड 
पिता का नाम बाबू तारीफ सिंह 
माता का नाम प्रभुदेई
पत्नी का नाम धर्मदेवी
शिक्षा इलाहबाद विश्वविद्यालय
पेशा कवि, लेखक, संपादक 
पुरस्कार एवं सम्मान ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ व ‘मैथलीशरण गुप्त पुरस्कार’
निधन 12 मई 1993 अहमदाबाद, गुजरात

शमशेर बहादुर सिंह को मिले ये पुरस्कार एवं सम्मान 

शमशेर बहादुर सिंह को हिंदी काव्य और शिक्षा के क्षेत्र में अतुल्नीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् का ‘तुलसी पुरस्कार’ – वर्ष 1977
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार – वर्ष 1977
  • मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार
  • कबीर सम्मान – वर्ष 1989

शमशेर बहादुर सिंह का निधन 

कई दशकों तक आधुनिक हिंदी साहित्य को अपनी अनुपम कृतियों से रौशन करने वाले शमशेर बहादुर सिंह का 82 वर्ष की आयु में 12 मई 1993 को अहमदाबाद में निधन हो गया।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको शमशेर बहादुर सिंह का जन्म कब हुआ था? इसके बारे में जानकारी मिल गयी होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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