छोटी कक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में संधि से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे ही संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि सतीश शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा।
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Satish ka Sandhi Viched क्या है?
सतीश का संधि विच्छेद ‘सती + ईश’ है। इस शब्द में दीर्घ संधि लागू होती है। तो आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
दीर्घ संधि की परिभाषा
दीर्घ संधि, स्वर संधि का एक प्रकार है जिसमें दो स्वर्ण या सजातीय स्वरों के बीच संधि होकर उनके दीर्घ रूप हो जाते है। अर्थात दो स्वर्ण स्वर मिलकर दीर्घ हो जाते हैं।
उदाहरण
शब्द | संधि विच्छेद |
स्व + अर्थी | स्वार्थी |
गज + आनन | गजानन |
धर्म + आत्मा | धर्मात्मा |
रेखा + अंकित | रेखांकित |
कारा + आवास | कारावास |
सतीश से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
सतीश से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- सतीश समझदार बालक है।
- मेरा दोस्त सतीश 10वीं कक्षा में पढ़ता है।
- मेरा नाम सतीश है और मेरे भाई का नाम संतोष।
- सतीश आज अपने घर जल्दी चला गया।
- सतीश कल से खेलने नहीं आया।
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