क्या आप सोच रहे हैं Ravana Mein Kaunsa Samas Hai? तो आपको बता दें कि रावण में बहुव्रीहि समास है। यह जानने से पहले कि बहुव्रीहि समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? ‘बहुव्रीहि समास’ वह समास है, जिसके दोनों पद गौण होते हैं। वस्तुत: बहुव्रीहि समास में न तो पूर्वपद प्रधान होता है और न ही उत्तरपद। बल्कि इसके दोनों पद परस्पर मिलकर किसी तीसरे बाहरी पद के बारे में कुछ कहते हैं और यह तीसरा पद ही ‘प्रधान हाता है । Ravana Mein Kaunsa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगे रावण का समास विग्रह, रावण में बहुव्रीहि समास क्यों है, बहुव्रीहि समास क्या होता है और साथ ही बहुव्रीहि समास के कुछ अन्य उदाहरण।
Ravana Mein kaun Sa Samas Hai?
रावण में बहुव्रीहि समास है।
बहुव्रीहि समास क्या होता है?
यदि इसका विग्रह किया जाए -तीन हैं नेत्र जिसके अर्थात महादेव तो यही उदाहरण बहुव्रीहि समास का हो जाएगा; क्योंकि इस विग्रह में ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दोनों पद मिलकर तीसरे पद ‘महादेव’ की विशेषता बता रहे हैं। उदाहरण के लिए, त्रिलोचन शब्द की रचना पर ध्यान दीजिए। यह शब्द ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दो पदों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है-तीन नेत्र। यदि इस शब्द का यही विग्रह किया जाए तो विशेषण (तीन) तथा विशेष्य। (लोचन) होने के कारण यह कर्मधारय समास का उदाहरण होगा तथा यदि विग्रह ‘तीन लोचनों का समाहार’ किया जाए तो यह द्विगु समास का उदाहरण होगा।
समस्तपद | विग्रह | प्रधान पद | समस्तपद |
अंशुमाली | अंशु (किरणें) हैं मालाएँ जिसकी | सूर्य | अंशुमाली |
चारपाई | चार हैं पाए जिसके | पलंग | चारपाई |
तिरंगा | तीन रंग हैं जिसके | भारतीय राष्ट्रध्वज | तिरंगा |
विषधर | विष को धारण किया है जिसने | शिव | विषधर |
षडानन | षट् (छह) हैं आनन (मुख) जिसके | कार्तिकेय | षडानन |
चक्रधर | चक्र धारण किया है जिसने | विष्णु | चक्रधर |
रावण का समास विग्रह
वह जिसके दस ग्रीवा (गर्दन) है-रावण। जिनके दोनों पद गौण होते हैं। जिस समास के दोनों पद अप्रधान और समस्तपद के अर्थ के अलावा कोई सांकेतिक (symbolic) अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
द्विगु और कर्मधारय समास में अंतर
द्विगु समास तथा कर्मधारय समास में सबसे बड़ा अंतर यही है कि द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण होता है जबकि कर्मधारय समास का पूर्वपद विशेषण हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि द्विगु समास का उत्तरपद किसी समूह का बोध कराता है। यदि विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ समूह या समाहार शब्द का प्रयोग नहीं किया गया हो तो पूर्वपद संख्यावाची होते हुए भी यह कर्मधारय समास कहलाएगा।
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FAQs
बहुव्रीहि समास है।
तत्पुरुष समास है।
दशग्रीव या दशानन है।
दसग्रीवा या दशानन है।
उम्मीद है कि रावण शब्द कौन सा समास है आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बने रहें।