प्राण सूखना मुहावरे का अर्थ (Pran Sookhna Muhavare Ka Arth) बहुत अधिक डर जाना। जब कोई व्यक्ति किसी परिस्थिति में बहुत अधिक डर और सहम जाता है, तो इसे हम कहते हैं प्राण सूखना। इस ब्लाॅग में आप मुहावरे का अर्थ, वाक्यों में प्रयोग और इसके भाव के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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प्राण सूखना मुहावरे का अर्थ क्या है?
प्राण सूखना मुहावरे का हिंदी अर्थ (Pran Sookhna Muhavare Ka Arth) ‘बहुत अधिक डर जाना’ होता है।
प्राण सूखना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
प्राण सूखना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग (Pran Sookhna Muhavare Ka Arth) इस प्रकार है –
- अचानक गांव में बिजली गिरने की आवाज़ आते ही सबके प्राण सूख गए।
- परीक्षा के परिणाम का सोचने भर से प्रकाश के प्राण सूख रहे थे।
- जब अनजान शहर में माधवी को मुकेश ने आस-पास नहीं देखा तो उसके प्राण सूख गए।
- सड़क पर चलते हुए अचानक से सामने कार आ गई, तो मेरे प्राण सूख गए।
- समीर ने जैसे ही अपने सामने साँप देखा, वैसे ही उसके प्राण सूख गए।
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आशा है कि आपको प्राण सूखना मुहावरे का अर्थ (Pran Sookhna Muhavare Ka Arth) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।