Plasi ka Yudh क्यों बना अंग्रेजों के उदय का कारण

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Plassey ka Yudh

भारत पर अपना वर्चस्व बनाने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने कई कूटनीतिक और राजनितिक युद्ध किये थे। ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत पर वर्चस्व बनाने के लिए प्लासी के युद्ध ने अहम् भूमिका निभाई थी ।भारत पर 200 सालों तक राज किया। इस ब्लॉग में हम जानेगे Kya Hai Plasi ka Yudh, कौन था लार्ड रोबर्ट क्लाइव  की इस जीत ने ईस्ट इंडिया कंपनी को साउथ से लेकर सेंट्रल इंडिया तक स्थापित किया। ईस्ट इंडिया कंपनी अपने आपको बंगाल में स्थापित नहीं कर पा रही थी। Plasi ka Yudh मील का पत्थर साबित हुआ जिसने ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में मजबूत स्थिति में ले आई। जिस कारण से अंग्रेजीं हुकुमत ने भारत पर 200 सालों तक राज किया। इस ब्लॉग में  Plasi ke Yudh से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी है जो आपकी प्रतियोगी परीक्षा में काम भी आएगी।

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Plasi ka Yudh Kya Hai?

ये एक ऐसा युद्ध था जिसने ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल की राजनीति में दखलंदाजी करने का मौका दिया। बंगाल का निजाम अलीवर्दी खां बड़ा महत्वकांक्षी था, 9 अप्रैल को अलीवर्दी खां की मौत हो और उन्होंने अपनी छोटी बेटी के पुत्र सिराजुद्दौला को उत्तराधिकारी चयन किया था। रोबर्ट क्लाइव ने एक गुप्त संधि और उसके नवाब बनाने का लालच दिया । इसके बदले में मीरजाफर ने ढाका , कासिम बाज़ार और कलकत्ता की किलेबंदी और 1 करोड़ रूपए देना वादा किया । इसमें जगत सेठ , राय दुर्लभ और अमीचंद भी साथ आ गए। Plasi ka Yudh  23 जून 1757 को गंगा नदी के किनारे हुआ था। अग्रेजों और बंगाल के नवाब की सेना के बीच हुआ । जिसमें अंग्रेजों का नेतृत्व लार्ड रोबर्ट क्लाइव ने और बंगाल की सेना का नेतृत्व मीर जाफ़र ने किया। इस युद्ध में लार्ड रोबर्ट क्लाइव की सेना ने नवाब सिराजुद्दौला की सेना को हरा दिया। ये नामात्र का युद्ध इसमें एक  बड़े हिस्से ने भाग नहीं लिया था। लेकिन अंदरूनी कलह के बावजूद सिराजुद्दौला की सेना में मिर्मदन और मोहनलाल कर थे जो अंग्रेजों के सामने खड़े रहे ।

कौन था Plasi Yudh का संस्थापक ?

भारत में अग्रेज़ी हुकुमत के संस्थापक लार्ड रोबर्ट क्लाइव को ही माना जाता है। 18 साल की उम्र में मद्रास में क्लर्क के पद पर भर्ती हुई वही से ये ईस्ट इंडिया कंपनी शुरू हुई । 

सिराजुद्दौला कौन था ?

सिराजुद्दौला को नवाब बनाने के बाद भी कई विरोधियों का सामना करना पड़ा । उसका सबसे बड़ा विरोधी उसकी मौसी का पुत्र शौकतगंज था जो पुर्णिया का शासक था। उसने सिराजुद्दौला को हारने का सोचा लेकिन वो सतर्क था । अलीवर्दी खां ने ही सिराजुद्दौला को बतया था की अगेर्जों को बंगाल की राजनीति से दूर रखना ।

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Plasi ka Yudh Kyon Hua

मॉडर्न इंडिया में ये युद्ध अति महत्वपूर्ण है। इस युद्ध से ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के नवाब को हराया और अग्रेज़ी साशन की नींव रखी इसलिए ये एक महत्वपूर्ण युद्ध हैं । औरगंजेब की मृत्यु के बाद सबने अपने आपको स्वतंत्र घोषित कर दिया।   

  1. सुविधाओं का दुरूपयोग – अंग्रेज़ बिना रकम नवब को दिए व्यापार करते थे साथ ही रिश्वत देकर अपनी काम करवाते थे। पूर्व मे अलीवर्दी खाँ और पश्चात् सिराजुद्दौला ने इस भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयत्न किया तथा अंग्रेजों ने जब इस पर ध्यान नही दिया तो यही संघर्ष का कारण बना। 
  2. अंग्रेजोंऔर फ्रांसीसी शत्रुता – अंग्रेजों और फ्रांसीसियों मे जंग बहुत पुरानी थी। दक्षिण मे भी इस कारण युद्ध हुए  और  बंगाल मे भी एक-दूसरे के खिलाफ संघर्ष के लिये तैयार रहते थे। इसलिए अंग्रेज़ सिराजुद्दौला को हटाना चाहते थे ।
  3. सप्तवर्षीय युद्ध : यूरोप मे सप्तवर्षीय युद्ध आरंभ हो चुका था  ।  फ्रांसीसियों से सुरक्षा के लिये अंग्रेजों ने नवाब की अनुमति के बिना किले  बनाना शुरू  कर दिया । नवाब ने इन्हें गिरा देने का आदेश दिया। इस आदेश का उल्लंघन संघर्ष का कारण बना।
  4.  शत्रुओं को शरण :शौकतजंग, रायवल्लभ  अमीचन्द और जगत सेठ नबाव के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे थे। अंग्रेजों ने इनका साथ दिया और  रायवल्लभ  के पुत्र ने भारी मात्रा मे खजाना लेकर अंग्रेजों की शरण मे चला गया।

Plasi Ke Yudh में सिराजुद्दौला और अंग्रेजों की लड़ाई 

सिराजुद्दौला ने फोर्ट विलियम को तोड़ने का आदेश दिया , अंग्रेजों ने इसे नकार दिया । सिराजुद्दौला ने गुस्से में 1756 को हमला किया और 20 जून को उस पर अपना अधिकार बना लिया ।अग्रेज़ी सेना ने बंगाल में हथियार दाल दिए जिसके फलस्वरूप अंग्रेजों को बंदी बना लिया गया और इस परिस्तिथिति में The Black Hole Tradegy ने संबंध ओ भी खराब कर दिए ।

फोर्ट विलियम में बंद बच्चे , महिलाएं दम घुटने से मर गए ।  लार्ड क्लाइव को जैसे ही इसके बारे में पता चला वो कलकत्ता पहुँच कर रिश्वत के बाल पर मानिकचंद से हुगली का अधिकार ले लिया और नवाब को अंग्रेजों से समझौता करना पड़ा।

अलीगढ़ की संधि 

नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 9 फरवरी हो हुई थी।  अंग्रेजो का नेतृत्व वाटसन और क्लाइव ने किया । अंग्रेजो द्वारा कलकत्ता पर अधिकार करने के लिए संधि की गयी थी। ईस्ट इंडिया कंपनी को मुगल बादशाह के फरमान के अनुसार व्यापार की सुविधाएं फिर से दे दी गई,

  • कोलकाता पर अधिकार करने में अंग्रेजों का जो नुकसान हुआ  उसका हर्जाना नवाब को देना पड़ा,
  • दोनों पक्षों ने भविष्य में शांति बनाए रखने का वादा किया,
  • अंग्रेजों को कोलकाता में सिक्के बनाने का अधिकार प्राप्त हो गया।

इस संधि का महत्व इसलिए भी है कि अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला के खिलाफ युद्ध के लिए तात्कालिक कारण के रूप में अलीनगर की संधि के उल्लंघन को ही मुद्दा बनाया था।

Plasi ka Yudh का धोखेबाज कौन था?

क्लाइव ने पता लगाया की उसकी सेना में एक आदमी ऐसा है जो बंगाल को बेच सकता हैं और उसे कुर्सी का लालच दे तो किसी को भी बेच सकता है । वो व्यक्ति था मीरजाफर , वो बंगाल का नवाब बनाने का सपना देखता था । क्लाइव  ने मीरजाफर को पत्र लिखा और मीरजाफर को सता दे दी मगर ये किसी को पता नहीं था की वो कठपुतली था । कंपनी ने जमकर रिश्वत ली और बंगाल को तबाह कर दिया।

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नवाब के साथ साजिश 

शुरुआत से ही अंग्रेजों की नज़र बंगाल पर थी। बंगाल के उपजाऊ और धन सपन्न प्रान्त थ। बंगाल पर साशन करके अधिक से अधिक धन कमाना चाहते थे।  उन्होंने हिन्दू व्यापारियों के साथ साठगाठ करके उन्हें नवाब के खिलाफ भड़कान शुरू कर दिया।

Plasi ke Yudh में व्यापारिक सुविधाएँ

मुग़ल शासक  ने अंग्रेजों को  निशुल्क समुद्री व्यापार करने की आज्ञा दी उसका वो गलत उपयोग करने लगे । इससे अपना व्यक्तिगत व्यापार शुरु कर दिया जिसे नवाब को आर्थिक नुकसान हुआ ।जब उन्होंने आर्थिक सहायता बांध कर दी अंग्रेज़ लड़ाई पर उतर गए ।  

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Plasi ka Yudh ke Parinam

  1. प्लासी के युद्ध का परिणाम काफी विरत और स्थिर निकले। मीरजाफर को बंगाल का नवाब घोषित कर दिया ।
  2. ईस्ट इंडिया कंपनी ने खूब धन दिया और अंग्रेजों को साड़ी सुविधा मिली वो एक कठपुतली नवाब था ।
  3. इस युद्ध के बाद प्लासी पर अंग्रेज़ी हुकमत का शासन रहा , इसका परिणाम भारत पर बहुत बुरा पड़ा ।
  4. बंगाल का खूब शोषण हुआ इसी धन के आधार पर फ्रांसिसियों पर जीत हासिल की ।

Plasi Yudh का लाभ  

बंगाल के नवाब पर प्रभाव क्योंकि सत्ता कंपनी ने दी थी । बंगाल के नवाब से नज़राने के रूप में भर धन लेना  24 परगना अंग्रेजों के अधीन आ गया । बंगाल से इतना धन प्राप्त हुआ की इंग्लैंड से धन मांगने की जरूरत नही पड़ी । इस धन को चीन से व्यपार में भी उपयोग किया गया ।

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रोचक तथ्य

  • बंगाल के नवाब के 40,000 सैनकों और 50 फ्रांसिसियों तोपों के साथ लड़े।
  • प्लासी का युद्ध गंगा नदी के किनारें लड़ा गया था ।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी के पास 1,000 अंग्रेज और 2,000 भारतीय सैनिक थे ।
  • मीरजाफर के मूत्र मीरान ने जाफर ही हत्या कर दी ।

FAQ

प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?

23 जून 1757 के दिन मुर्शिदाबाद के दक्षिण में हुआ

प्लासी के युद्ध में अंग्रेजी सेना जा नेतृत्व किसने किया ?

ईस्ट इंडिया कंपनी का नेतृत्व रोबर्ट क्लाइव ने किया था।

प्लासी के युद्ध से अंग्रेजों को क्या लाभ हुआ ?

24 परगना की ज़मीन, ओडिशा और बिहार में अंग्रेज़ मुफ्त व्यापार करने लगे ।

सिराजुद्दौला की हार का क्या कारण था  ?

मीरजाफर का धोखा सिराजुद्दौला की हार का मुख्य कारण था ।

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