Pathar Kise Kahate Hain: पठार एक ऐसी स्थलाकृति है जो आस-पास की भूमि से उठी होती है और प्रायः इसकी सतह चपटी होती है। यह क्षेत्र आमतौर पर समतल या हल्के ढलान वाला होता है और इसमें अकसर पहाड़ी या पर्वत शृंखलाएं भी हो सकती हैं। बताना चाहेंगे विद्यालयों में सामाजिक विज्ञान और भूगोल की परीक्षा में पठार से संबंधित प्रश्न जरूर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में पठार किसे कहते हैं (Pathar Kise Kahate Hain) और ये कितने प्रकार के होते हैं? के बारे में बताया गया है।
पठार किसे कहते हैं? – Pathar Kise Kahate Hain
पठार (Plateau) एक प्रकार का भौगोलिक स्थलरूप होता है, जो भूमि के एक ऊँचे क्षेत्र को कहा जाता है, जो चारों ओर से कम ऊँचाई वाले क्षेत्रों से घिरा होता है। प्रायः इसकी सतह चपटी होती है। इसके कुछ पार्श्व सीधी ढलान वाले होते हैं। वहीं पर्वतों के समान कुछ पठार पृथ्वी के इतिहास के संदर्भ में नए और प्राचीन हो सकते हैं। पठारों का निर्माण विभिन्न भूतत्वीय घटनाओं के कारण होता है, जैसे कि ज्वालामुखी गतिविधि, भूमि के ऊँचे उठने या अन्य भौतिक प्रक्रियाओं से। पठारों की ऊंचाई कुछ सौ मीटर से लेकर कई हजारों मीटर तक हो सकती हैं।
बताना चाहेंगे तिब्बत का पठार विश्व का सबसे बड़ा और ऊँचा पठार है। इसकी औसत ऊंचाई 4,500 मीटर है, जिसके कारण इसे ‘विश्व की छत’ भी कहा जाता है। पूर्व से पश्चिम दिशा तक यह लगभग 2,500 किलोमीटर लंबा है- अर्थात् चंडीगढ़ से कन्याकुमारी तक की दूरी जितना। जबकि मध्य और दक्षिण भारत के दक्क्न का पठार विश्व के सबसे पुराने पठारों में से एक है, जो कई लाख वर्ष पहले ज्वालामुखी की सक्रियता के कारण बना था।
पठारों के प्रकार
विश्वभर के पठारों का पर्यावरण बहुत विविधतापूर्ण है। कई पठारों में चट्टानी मिट्टी पाई जाती है जो उन्हें मैदानी मिट्टी की तुलना में कम उपजाऊ बनाती है। इसलिए पठार कृषि के लिए कम अनुकूल होते हैं। किंतु ज्वालामुखी क्रियाओं से निर्मित लावा पठार उपजाऊ होते हैं, क्योंकि उनमें समृद्ध काली मिट्टी (Black Soil) पाई जाती है। उत्पति के आधार पर पठारों का वर्गीकरण इस प्रकार हैं;-
- गुम्बदाकार पठार – ज्वालामुखी उद्गार की क्रिया द्वारा बीच का भाग ऊँचा हो जाता है तथा किनारे वाले भाग गोलाकार होते है तो ऐसे पठार को गुम्बदाकार पठार कहते हैं।
- अंतरापर्वतीय पठार – जब पठार चारो ओर पर्वतो से घिरे हुए होते है तो ऐसे पठार को अतरापर्वतीय पठार कहा जाता है।
- महाद्वीपीय पठार – जब भूपटल का कोई भाग आंतरिक बलों के कारण भू-भाग से ऊपर उठ जाते है तो ऐसे पठार को महाद्वीपीय पठार कहते हैं।
- गिरिपदीय पठार – पर्वतों के तलहटी में स्थित पठारों को गिरिपदीय पठार कहते हैं। इनके एक और ऊँचे पर्वत तथा दूसरी ओर मैदान या सागर स्थित होता है।
- ज्वालामुखी निर्मित पठार – जब ज्वालामुखी उद्गार से निःसृत लावा के दरारी प्रवाह से पठारों का निर्माण होता है तो ऐसे पठार को ज्वालामुखी की क्रिया से निर्मित पठार कहा जाता है।
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पठारों का महत्व
पर्वतों की तरह, पठारों में खनिजों का प्रचुर मात्रा में जमाव देखने को मिलता है। इस कारण इन्हें खनिजों का ‘भंडार गृह’ भी कहा जाता है। इसलिए पठारों में खनन मुख्य गतिविधि है, जहाँ विश्व की सबसे बड़ी खानें पाई जाती हैं। उदाहरण के लिए पूर्वी अफ्रीका का पठार सोने और हीरे के खनन (Mining) के लिए प्रसिद्ध है। वहीं भारत में छोटा नागपुर के पठार में लौह, कोयला और मैगजीन के प्रचुर भंडार हैं।
पठारों में अनेक आकर्षक जल प्रपात भी होते हैं। दक्षिण अफ्रीका में स्थित जम्बेजी नदी (Zambezi River) पर विक्टोरिया जल प्रपात, छोटा नागपुर पठार में सुवर्ण रेखा नदी पर हुंडरू जल प्रपात और पश्चिमी घाट में शरावती नदी पर जोग जल प्रपात, ऐसे ही कुछ जल प्रपात हैं।
आशा है कि आपको इस लेख में पठार किसे कहते हैं (Pathar Kise Kahate Hain) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसी ही सामान्य ज्ञान और इंडियन एग्जाम से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।