छोटी कक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में संधि से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे ही संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि परोपकार शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा।
यह भी पढ़े : संधि विच्छेद ट्रिक
Paropkar ka Sandhi Viched क्या है?
परोपकार का संधि विच्छेद ‘पर + उपकार’ है। इस संधि को बनाने का नियम है: अ + उ = ओ। इस शब्द में गुण संधि लागू होती है। तो आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
गुण संधि की परिभाषा
यदि ‘अ’ या ‘आ’ के साथ इ/ई आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ बनता है। इस प्रकार से बनने वाले शब्दों को गुण संधि कहा जाता है।
उदाहरण
शब्द | संधि विच्छेद |
गज + इंद्र | गजेन्द्र |
अंत्य + इष्टि | अंत्येष्टि |
प्र + ईक्षा | प्रेक्षा |
यथा + इष्ठ | यथेष्ठ |
ऋषिका + ईश | ऋषिकेश |
परोपकार से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
परोपकार से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- हर मनुष्य को परोपकार की भावना से दूसरों की मदद करनी चाहिए।
- परोपकार की भावना हम सभी को श्रेष्ठ बनाती है।
- परोपकार का अर्थ होता है – दूसरों का उपकार करना।
- परोपकारी भावना से हम किसी के साथ भी सच्चे और मजबूत रिश्ते बना सकते है।
- परोपकार का पर्यायवाची क्या है?
संबंधित आर्टिकल
आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको Paropkar ka Sandhi Viched पता चल गया होगा। संधि एवं संधि विच्छेद से संबंधित अन्य ब्लॉग्स के बारे में जानने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।