सुप्रसिद्ध साहित्यकार नरेंद्र कोहली का जीवन परिचय और उनकी कालजयी रचनाएँ 

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Narendra Kohli Ka Jivan Parichay

नरेंद्र कोहली आधुनिक हिंदी साहित्य के विख्यात उपन्यासकार, कहानीकार, नाटककार एवं व्यंग्यकार थे। हिंदी साहित्य में ‘महाकाव्यात्मक उपन्यास’ की विधा को प्रारंभ करने का श्रेय नरेंद्र कोहली को ही जाता है। उन्होंने इतिहास और पुराणों की कहानियों को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में देखा और बेहतरीन रचनाएँ लिखी हैं। कहानी, उपन्यास, नाटक और व्यंग्य सभी विधाओं में अभी तक उनकी लगभग सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 में ‘पद्म श्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साथ ही उन्हें ‘व्यास सम्मान’, ‘साहित्य भूषण’, ‘डॉ. कामिल बुल्के पुरस्कार’, ‘अट्टहास शिखर सम्मान’ और ‘शलाका सम्मान’ भी प्राप्त हुए हैं।

बता दें कि नरेंद्र कोहली की कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, कई शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। साथ ही UGC-NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए भी नरेंद्र कोहली का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन आवश्यक हो जाता है।

नाम नरेंद्र कोहली
जन्म 6 जनवरी, 1940
जन्म स्थान सियालकोट, (अब पाकिस्तान) 
शिक्षा एम.ए. और  पीएच.डी.
पिता का नाम परमानंद कोहली 
माता का नाम विद्यावंती कोहली 
पत्नी का नाम डॉ. मधुरिमा कोहली
संतान कार्तिकेय कोहली व अगस्त्य कोहली 
भाषा हिंदी 
विधा उपन्यास, कहानी, नाटक, व्यंग्य
मुख्य रचनाएँ नमक का क़ैदी, दृष्टिदेश में एकाएक (कहानी-संग्रह) तोड़ो कारा तोड़ो, महासमर, आत्‍मदान (उपन्यास) जहाँ है धर्म वहीं है जय (निबंध)
पुरस्कार एवं सम्मान ‘पद्मश्री’, ‘व्यास सम्मान’,‘साहित्य सम्मान’ व ‘साहित्य सम्मान’ आदि। 
निधन 17 अप्रैल, 2021 दिल्ली 

सियालकोट (अविभाजित पंजाब) में हुआ था जन्म

नरेंद्र कोहली का जन्म 6 जनवरी 1940 को संयुक्त पंजाब के सियालकोट नगर में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उनके पिता का नाम परमानंद कोहली और माता का नाम विद्यावंती कोहली था। नरेंद्र कोहली की प्रारंभिक शिक्षा लाहौर में शुरू हुई, और भारत विभाजन के बाद उनका परिवार अमृतसर और दिल्ली होते हुए जमशेदपुर आ गया।

वर्ष 1961 में उन्होंने जमशेदपुर के को-ऑपरेटिव कॉलेज से बी.ए. की डिग्री प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आ गए। बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर और डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध आलोचक डॉ. नगेन्द्र के निर्देशन में उन्होंने ‘हिंदी उपन्यास: सृजन एवं सिद्धांत’ विषय पर शोध किया था।

दिल्ली विश्वविद्यालय में किया अध्यापन कार्य 

नरेंद्र कोहली जी ने वर्ष 1963 से 1965 तक दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध पी.जी.डी.ए.वी. (सांध्य) कॉलेज में हिंदी के अध्यापक के रूप में कार्य किया। इसके कुछ वर्षों बाद उन्होंने मोतीलाल नेहरू कॉलेज, नई दिल्ली में अध्यापन कार्य आरंभ किया और वहीं से वर्ष 1995 में पूर्णकालिक लेखन हेतु स्वैच्छिक अवकाश ग्रहण किया।

वैवाहिक जीवन 

नरेंद्र कोहली जी का विवाह 09 अक्टूबर, 1965 को डॉ. मधुरिमा कोहली से हुआ था। विवाह के पश्चात मधुरिमा जी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की थी। इनके दो पुत्र हैं कार्तिकेय कोहली और अगस्त्य कोहली। 

नरेंद्र कोहली की प्रमुख रचनाएँ

नरेंद्र कोहली बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। आधुनिक हिंदी साहित्य में उन्होंने उपन्यास, कहानी, नाटक, व्यंग्य, निबंध, बाल साहित्य, आलोचना और शोध जैसी विविध साहित्यिक विधाओं में लेखन कर साहित्य को समृद्ध किया। हालांकि प्रारंभ में उन्होंने लेखन कार्य उर्दू में शुरू किया था, परंतु शीघ्र ही वे हिंदी में लिखने लगे। इसके बाद उन्होंने हिंदी साहित्य को अनेक अमूल्य रचनाएँ प्रदान कीं। नीचे उनकी समग्र साहित्यिक कृतियों की सूची दी जा रही है:

नरेंद्र कोहली के उपन्यास

  • आत्‍मदान
  • पुनरारम्‍भ 
  • आतंक
  • आश्रितों का विद्रोह
  • साथ सहा गया दु:ख
  • मेरा अपना संसार
  • दीक्षा
  • जंगल की कहानी
  • संघर्ष की ओर
  • युद्ध’ (दो भाग)
  • अभिज्ञान
  • प्रीतिकथा
  • बनधन (महासमर-1)
  • अधिकार (महासमर-2) 
  • कर्म (महासमर-3)
  • निर्माण (तोड़ो कारा तोड़ो-1)
  • साधना (तोड़ो कारा तोड़ो-2)
  • धर्म (महासमर-4)
  • क्षमा करना जीजी!
  • अंतराल (महासमर-5)
  • प्रच्छन्न (महासमर-6)
  • अभ्युदय (दो खंड)

कथा-संग्रह

  • परिणति 
  • कहानी का अभाव 
  • दृष्टिदेश में एकाएक 
  • शटल 
  • नमक का क़ैदी 
  • नरेंद्र कोहली की कहानियाँ
  • संचित भूख
  • समग्र कहानियाँ (दो खंड)

नाटक

  • शंबूक की हत्या 
  • निर्णय रुका हुआ 
  • हत्यारे 
  • गारे की दीवार 
  • समग्र नाटक

व्यंग्य

  • एक और लाल तिकोन
  • पाँच एब्सर्ड उपन्यास
  • जगाने का अपराध
  • मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ
  • आधुनिक लड़की की पीड़ा
  • त्रासदियाँ
  • परेशानियाँ
  • आत्मा की पवित्रता
  • समग्र व्यंग्य
  • मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ

निबंध 

  • नेपथ्य
  • माजरा क्या है?
  • जहाँ है धर्म वहीं है जय
  • किसे जगाऊँ

बाल साहित्य 

  • गणित का प्रश्न 
  • आसान रास्ता 
  • तुम अभी बच्चे हो 
  • एक दिन मथुरा में 
  • हम सब का घर

शोध-समीक्षा

  • प्रेमचंद के साहित्य सिद्धांत
  • हिंदी उपन्यास: सृजन और सिद्धांत
  • संस्मरण-पत्र: बाबा नागार्जुन 
  • प्रतिनाद

पुरस्कार एवं सम्मान 

हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नरेंद्र कोहली को कई सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:-

  • व्यास सम्मान – वर्ष 2012 
  • पद्मश्री – वर्ष 2017 
  • उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार
  • शलाका सम्मान
  • साहित्य सम्मान
  • साहित्यिक कृति पुरस्कार
  • साहित्य भूषण
  • इलाहाबाद नाट्य संघ पुरस्कार
  • डॉ. कामिल बुल्के पुरस्कार
  • अट्टहास शिखर सम्मान
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान
  • मानस संगम साहित्य पुरस्कार

दिल्ली में हुआ था निधन 

नरेंद्र कोहली का निधन 17 अप्रैल 2021 को 81 वर्ष की आयु में हुआ था। किंतु आज भी वे अपनी लोकप्रिय कृतियों के लिए जाने जाते हैं।

FAQs

नरेंद्र कोहली का जन्म कब और कहां हुआ था?

उनका जन्म 6 जनवरी, 1940 को संयुक्त पंजाब के सियालकोट नगर में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। 

नरेंद्र कोहली कौन हैं?

वे हिंदी के सुप्रसिद्ध लेखक और उपन्यासकार हैं।

नरेंद्र कोहली की प्रमुख कृतियाँ कौन सी हैं?

आश्रितों का विद्रोह, संघर्ष की ओर, अभिज्ञान, तोड़ो कारा तोड़ो (उपन्यास) दृष्टिदेश में एकाएक, शटल, नमक का क़ैदी (कहानी-संग्रह) एक और लाल तिकोन (निबंध) उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। 

नरेंद्र कोहली की पत्नी का नाम क्या है?

उनकी पत्नी का नाम डॉ. मधुरिमा कोहली है। 

नरेंद्र कोहली का लेखन शैली क्या है?

नरेंद्र कोहली की लेखन शैली ऐतिहासिक और धार्मिक कथा पर आधारित है। 

नरेंद्र कोहली को कौन से पुरस्कार मिल चुके हैं?

नरेंद्र कोहली को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए ‘पद्म श्री’, ‘उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार’, ‘डॉ. कामिल बुल्के पुरस्कार’, ‘अट्टहास शिखर सम्मान’ व ‘शलाका सम्मान’ आदि से सम्मानित किया जा चुका हैं। 

नरेंद्र कोहली के माता-पिता का क्या नाम था?

उनकी माता का नाम ‘विद्यावंती कोहली’ और पिता का नाम ‘परमानंद कोहली’ था। 

तोड़ो कारा तोड़ो उपन्यास के लेखक कौन है?

तोड़ो कारा तोड़ो, नरेंद्र कोहली का लोकप्रिय उपन्यास है।  

नरेंद्र कोहली का निधन कब हुआ था?

नरेंद्र कोहली का 17 अप्रैल, 2021 को 81 वर्ष की आयु में निधन हुआ था। 

आशा है कि आपको महाकाव्यात्मक लेखन शैली के पुरोधा नरेंद्र कोहली का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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