नक्कार खाने में तूती की आवाज मुहावरे का अर्थ (Nakkar Khane Mein Tooti Ki Awaj Muhavare Ka Arth) ‘बड़ों के बीच छोटों की आवाज का निष्प्रभावी होना’ होता है। जब किसी भीड़ या बड़े समूह में किसी एक व्यक्ति की बात या राय का कोई असर नहीं होता तो ऐसी स्थिति को हम कहते हैं – नक्कार खाने में तूती की आवाज। इस ब्लाॅग में आप मुहावरे का अर्थ, वाक्यों में प्रयोग और इसके भाव के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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नक्कार खाने में तूती की आवाज मुहावरे का अर्थ क्या है?
नक्कार खाने में तूती की आवाज मुहावरे का हिंदी अर्थ (Nakkar Khane Mein Tooti Ki Awaj Muhavare Ka Arth) ‘बड़ों के बीच छोटों की आवाज का निष्प्रभावी होना’ होता है।
नक्कार खाने में तूती की आवाज मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
नक्कार खाने में तूती की आवाज मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग (Nakkar Khane Mein Tooti Ki Awaj Muhavare Ka Arth) इस प्रकार है-
- चुनाव के दौरान गांव की समस्याओं पर चर्चा करते हुए राम ने अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन वह नक्कार खाने में तूती की आवाज बनकर रह गया।
- पार्टी मीटिंग में एक कार्यकर्त्ता ने अपनी राय दी तो किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया, ये स्थिति नक्कार खाने में तूती की आवाज जैसी थी।
- बड़े लोगों के बीच में बच्चों का अपना पक्ष रखना व्यर्थ ही रहा, क्योंकि इस स्थिति में बच्चे नक्कार खाने में तूती की आवाज बनकर रह गया।
- मुखिया जी के आगे पंचायत में किसी की नहीं चलता, सारा गांव उनकी हाँ में हाँ मिलाता है। ऐसे में मुकेश के तर्क नक्कार खाने में तूती की आवाज बनकर रह गए।
- राकेश के दादा जी बच्चों को अनुशासित रखने के नाम पर उनके विचारों को अनसुना करते हैं, ऐसे में आज राकेश के विचार नक्कार खाने में तूती की आवाज बनकर रह गए हैं।
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आशा है कि आपको नक्कार खाने में तूती की आवाज मुहावरे का अर्थ (Nakkar Khane Mein Tooti Ki Awaj Muhavare Ka Arth) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरों के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।