Nadi Droni Kise Kahate Hain: नदी द्रोणी (River Basin) उस क्षेत्र को कहते हैं जहाँ से एक नदी और उसकी सहायक नदियाँ जल ग्रहण करती हैं। यह क्षेत्र नदी के जलग्रहण क्षेत्र (Catchment Area) के रूप में भी जाना जाता है। नदी द्रोणी में नदी का मुख्य मार्ग और उसकी सहायक नदियों द्वारा एकत्रित जल एक ही स्थान पर मिलता है और अंततः समुद्र या किसी अन्य जलाशय में बह जाता है। बताना चाहेंगे स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भूगोल विषय से संबधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में भूगोल के एक महत्वपूर्ण विषय नदी द्रोणी किसे कहते हैं? (Nadi Droni Kise Kahate Hain) के बारे में बताया गया है।
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नदी द्रोणी किसे कहते हैं? – Nadi Droni Kise Kahate Hain
Nadi Droni Kya Hai: नदी द्रोणी एक क्षेत्र है जिसके जल को नदी और उसकी सहायक नदियाँ बहा कर ले जाती हैं। बताना चाहेंगे बड़ी नदियों के जलग्रहण को नदी द्रोणी (River Basin) कहते हैं जबकि छोटी नदियों व नालों द्वारा अपवाहित क्षेत्र को जल-संभर कहा जाता है। नदी द्रोणी का आकार जल-संभर की तुलना में बड़ा होता है। नदी द्रोणी के आकार में परिवर्तन उस नदी के स्रोत, सहायक नदियों, जलवायु, स्थलाकृतिक ढांचे, और मानव क्रियाकलापों के आधार पर भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, गंगा नदी की द्रोणी उत्तर भारत का एक बड़ा जलग्रहण क्षेत्र है। इससे न केवल पानी की आपूर्ति होती है, बल्कि यह जलवायु, पारिस्थितिकी तंत्र और कृषि जैसी मानव गतिविधियों पर भी प्रभाव डालता है।
नदी द्रोणी के प्रकार
नदी द्रोणी के एक भाग में परिवर्तन का प्रभाव अन्य भागों व पूर्ण क्षेत्र में देखा जा सकता है। इसलिए इसे सूक्ष्म, मध्यम व बृहत नियोजन इकाइयों व क्षेत्रों के रूप में लिया जा सकता है। जल-संभर क्षेत्र के आकार के आधार पर भारतीय अपवाह द्रोणियों को तीन भागों में बांटा गया है:-
- प्रमुख नदी द्रोणी जिनका अपवाह क्षेत्र 20,000 वर्ग किमी से अधिक है। इसमें 14 नदी द्रोणियां शामिल हैं, जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, नर्मदा, तापी, माही, पेन्नार, साबरमती, बराक आदि।
- मध्यम नदी द्रोणी जिनका अपवाह क्षेत्र 2,000 से 20,000 वर्ग किमी है। इसमें 44 नदी द्रोणियां हैं, जैसे कालिंदी, मेघना, पेरियार आदि।
- लधु नदी द्रोणी जिनका अपवाह क्षेत्र 2,000 वर्ग किमी से कम है। इसमें न्यून वर्षा के क्षेत्रों में बहने वाली बहुत सी नदियां शामिल हैं।
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भारतीय अपवाह तंत्र के बारे में
भारतीय अपवाह तंत्र को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। समुंद्र में जल विसर्जन के आधार पर इसे दो समूहों में बांटा जा सकता है:-
- अरब सागर का अपवाह तंत्र
- बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र
बताना चाहेंगे ये अपवाह तंत्र दिल्ली, अरावली, कटक, एवं सहयाद्रि द्वारा विलग किए जाते हैं। वहीं कुल अपवाह क्षेत्र का लगभग 77% भाग, जिसमें गंगा, कृष्णा, ब्रह्मपुत्र, महानदी आदि नदियाँ शामिल हैं जो बंगाल की खाड़ी में जल विसर्जित करती हैं, जबकि 23% क्षेत्र, जिसमें सिंधु, नर्मदा, माही, तापी व पेरियार नदियाँ हैं, जो अपना जल अरब सागर में गिराती हैं।
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FAQs
भारत की सबसे विशाल नदी द्रोणी गंगा है। इसकी लंबाई 2525 किमी है।
नदी द्रोणी (River Basin) उस क्षेत्र को कहते हैं जहाँ से एक नदी और उसकी सहायक नदियाँ जल ग्रहण करती हैं। यह क्षेत्र नदी के जलग्रहण क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है।
एक नदी विशिष्ट क्षेत्र से अपना जल बहाकर लाती है जिसे ‘जलग्रहण’ क्षेत्र कहा जाता है।
एक नदी एवं उस सहायक नदियों द्वारा अपवाहित क्षेत्र को अपवाह द्रोणी कहते हैं।
अमेज़न नदी की द्रोणी दुनिया की सबसे बड़ी नदी द्रोणी है। यह उत्तरी दक्षिण अमेरिका में स्थित है।
आशा है कि आपको इस लेख में नदी द्रोणी किसे कहते हैं? (Nadi Droni Kise Kahate Hain) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और ट्रेंडिंग इवेंट्स से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।