प्रेमचंद की किताबें: जानिए मुंशी प्रेमचंद की कालजयी रचनाओं के बारे में

1 minute read
मुंशी प्रेमचंद की किताबें

भारत में कई उपन्यासकार ऐसे हुए हैं जिनकी रचनाओं ने भारतीय समाज की चेतना जागृति में एक मुख्य भूमिका निभाई है, इन्हीं में एक मुंशी प्रेमचंद भी थे। मुंशी प्रेमचंद ने कई प्रसिद्ध उपन्यास, कहानियाँ और निबंध लिखे हैं, जिनका भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है। मुंशी प्रेमचंद ने अपने जीवन में कई उपन्यासों की रचना की, जिनको पढ़कर भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन का संचार हुआ। मुंशी प्रेमचंद की किताबें समाज को उनकी कुशल लेखन शैली से परिचित करवाने के साथ-साथ, आज भी प्रासंगिक बनकर युवाओं का मार्गदर्शन करती हैं। मुंशी प्रेमचंद की किताबें आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करेंगे, जिसकी पूरी जानकारी आपको इस ब्लॉग में मिल जाएगी।

मुंशी प्रेमचंद के बारे में

मुंशी प्रेमचंद की किताबें पढ़कर आप हिंदी साहित्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जान सकते हैं, लेकिन इससे पहले आपको मुंशी प्रेमचंद के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निकट लमही गाँव में हुआ था। आनन्दी देवी तथा मुंशी अजायबराय जी के घर जन्मे प्रेमचंद जी की शिक्षा का आरंभ हिंदी, उर्दू और फारसी से हुआ। उनके पिता लमही में एक डाकमुंशी थे। अपनी शिक्षा में BA में डिग्री करने के बाद मुंशी प्रेमचंद जी शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर नियुक्त किए गए।

मुंशी प्रेमचंद जी एक प्रमुख भारतीय उपन्यासकार, कहानीकार, नाटककार, और लेखक थे। वे हिंदी साहित्य के महान कवि और लेखक माने जाते हैं। मुंशी प्रेमचंद का असली नाम धनपत राय था, लेकिन उन्होंने अपने लेखकीय करियर के दौरान ‘मुंशी प्रेमचंद’ का पेन नाम अपनाया। उनकी लिखी हुई कई प्रसिद्ध कहानियाँ हैं, जैसे कि “गोदान,” “निर्गुण,” “गबन,” “इदगाह,” “शत्रुग्न मित्र, “निर्मला”, ” “मानसरोवर” और “पूस की रात” भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण हिस्से में आती हैं।

मुंशी प्रेमचंद की किताबों की सूची

मुंशी प्रेमचंद की किताबें आपको मुंशी प्रेमचंद के लेखन से परिचित कराएंगी, इन किताबों की सहायता से आप शब्दों और भावनाओं के संगम के दर्शन कर पाओगे। मुंशी प्रेमचंद की किताबों की सूची निम्नलिखित हैं;

मुंशी प्रेमचंद की किताबेंप्रकाशन का समय
सेवासदनवर्ष 1919
किशनावर्ष 1907
रूठी रानीवर्ष 1907
जलवए ईसारवर्ष 1912
सप्तसरोजवर्ष 1917
प्रेमाश्रमवर्ष 1922
रंगभूमिवर्ष 1925
निर्मलावर्ष 1925
कायाकल्पवर्ष 1926
अहंकारवर्ष 1926
प्रतिज्ञावर्ष 1927
गबनवर्ष 1928 
कर्मभूमिवर्ष 1932
गोदान वर्ष 1936
मंगलसूत्रवर्ष 1948

मुंशी प्रेमचंद की किताबें – Books by Munshi Premchand

मुंशी प्रेमचंद की किताबें पढ़कर आप समाज के हर पहलू को जानने के साथ-साथ, उनकी रचनाओं के बारे में भी गहराई से जान पाएंगे जो कुछ इस प्रकार हैं;

गबन

मुंशी प्रेमचंद का यह उपन्यास वर्ष 1931 में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास में उन्होंने भारतीय समाज की नैतिक दुविधाओं, आर्थिक कठिनाइयों, और सामाजिक समस्याओं को बखूबी उजागर किया है।

यहाँ से खरीदें

गोदान

मुंशी प्रेमचंद का यह उपन्यास उनकी महत्वपूर्ण कृतियों में से एक है, जिसे वर्ष 1936 में प्रकाशित किया गया था। यह उपन्यास भारतीय किसान की कठिनाइयों और संघर्षों को बहुत ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत करता है।

यहाँ से खरीदें

निर्मला

मुंशी प्रेमचंद का यह उपन्यास वर्ष 1925 में प्रकाशित किया गया था, जो उनकी साहित्यिक दृष्टि और समाज सुधारक दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। “निर्मला” उपन्यास का मुख्य संदेश यह है कि दहेज प्रथा और सामाजिक कुरीतियों के कारण महिलाओं को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

यहाँ से खरीदें

रंगभूमि

मुंशी प्रेमचंद का यह उपन्यास वर्ष 1924 में प्रकाशित किया गया था, जिसमें उन्होंने भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है, जिसमें विशेष रूप से स्वतंत्रता संग्राम, सामंती व्यवस्था, और गरीब किसानों की समस्याओं का चित्रण शामिल है।

यहाँ से खरीदें

प्रतिज्ञा

मुंशी प्रेमचंद का यह उपन्यास वर्ष 1927 में प्रकाशित हुआ था, जिसमें उन्होंने भारतीय समाज की समस्याओं, विशेषकर विधवा पुनर्विवाह और महिला शिक्षा, को बहुत ही संवेदनशीलता से उजागर किया है। “प्रतिज्ञा” एक प्रेरणादायक उपन्यास है, जो आज भी सामाजिक सुधार और महिला अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करता है।

यहाँ से खरीदें

वरदान

मुंशी प्रेमचंद का यह उपन्यास वर्ष 1931 में प्रकाशित हुआ था, जिसमें उन्होंने भारतीय समाज की विविध समस्याओं, विशेषकर प्रेम, विवाह, और सामाजिक संघर्षों को गहराई से उजागर किया है। यह उपन्यास समाज को प्रेमचंद की साहित्यिक प्रतिभा और समाज सुधार की दिशा में उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।

यहाँ से खरीदें

FAQs 

मुंशी प्रेमचंद की कुल कितनी रचनाएं हैं?

मुंशी प्रेमचंद की कुल 300 से ज़्यादा कहानियां, 3 नाटक, 15 उपन्यास, 10 अनुवाद, 7 बाल-पुस्तकें लिखीं हैं।

प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी कौन-कौन सी हैं?

प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियां सेवासदन, गबन, कर्मभूमि, प्रेमाश्रम, गोदान, रंगभूमि, निर्मला, कफन, पंच परमेश्वर, पूस की रात, बड़े घर की बेटी, दो बैलों की कथा और बूढ़ी काकी आदि हैं।

प्रेमचंद का सबसे बड़ा उपन्यास कौन सा है?

प्रेमचंद का सबसे बड़ा उपन्यास रंगभूमि है।

प्रेमचंद का सबसे छोटा उपन्यास कौन सा है?

प्रेमचंद का सबसे छोटा उपन्यास निर्मला है।

आशा है कि मुंशी प्रेमचंद की किताबें और उनके जीवन की आपको सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी, साथ ही यह पोस्ट आपको इंफॉर्मेटिव और इंट्रस्टिंग लगी होगी। इसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*