Matiram Ka Jivan Parichay : मतिराम हिंदी साहित्य के रीतिकाल में ‘रीतिबद्ध’ काव्य धारा के श्रेष्ठ कवि थे। वहीं रीतिबद्ध कवियों को आचार्य कवि भी कहा जाता है क्योंकि इन कवियों ने लक्षण तो संस्कृत काव्यांग से ग्रहण किया किंतु उदाहरण मौलिक कविता का देने के कारण यह रीतिबद्ध कवि कहलाए। मतिराम भी ऐसे महान कवियों में से एक हैं जिन्होंने अपनी लेखनी से कई अनुपम रचनाएँ हिंदी साहित्य को दीं। इसके साथ ही मतिराम अपने जीवनकाल में अनेक आश्रयदाताओं के पास रहे व बहुत सम्मान एवं यश प्राप्त किया। इन आश्रयदाताओं में ‘बादशाह जहांगीर’, ‘बूंदीनरेश भावसिंह’ व ‘कुमायूं नरेश ज्ञानचंद’ आदि का नाम प्रमुख है।
‘ललित ललाम’, ‘रसराज’, ‘साहित्यसार’, ‘लक्षणशृंगार’ और ‘मतिराम सतसई’ उनकी प्रमुख रचनाएँ मानी जाती हैं। वहीं ‘ललित ललाम’ काव्य ग्रंथ मतिराम की प्रसिद्धि का आधार है। बता दें कि मतिराम की कई रचनाओं को बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी मतिराम का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।
आइए अब ‘रीतिबद्ध’ काव्य धारा के श्रेष्ठ कवि मतिराम का जीवन परिचय (Matiram Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | मतिराम (Matiram) |
जन्म | संवत 1774 |
पेशा | कवि |
भाषा | ब्रज |
विधाएँ | पद्य |
मुख्य रचनाएँ | ‘ललित ललाम’, ‘रसराज’, ‘साहित्यसार’, ‘लक्षणशृंगार’ और ‘मतिराम सतसई’ |
आश्रयदाता | बादशाह जहांगीर, बूंदीनरेश भावसिंह व कुमायूं नरेश ज्ञानचंद |
साहित्यकाल | रीतिकाल (रीतिबद्ध) |
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मतिराम का जीवन परिचय
अन्य प्राचीन कवियों की भाँति कवि मतिराम का कोई प्रमाणिक जीवन वृत्त अब तक सुलभ नहीं हो सका हैं। वहीं मतिराम के जीवन और रचनाओं के बारे में आलोचकों और इतिहासकारों में मत मतांतर है। ‘मिश्र बंधु विनोद’ के अनुसार महाकवि मतिराम का जन्म संवत 1774 के आसपास उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में तिकवाँपुर नामक गांव में हुआ था। इन्हें ‘रत्नाकर त्रिपाठी’ का पुत्र और प्रसिद्ध कवि ‘भूषण’ का सगा भाई माना गया है। जबकि डॉ भगीरथ मिश्र ‘हिंदी साहित्य कोश’ में मतिराम नामक दो कवियों का उल्लेख करते हैं।
प्रथम मतिराम उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के तिकवाँपुर गांव के निवासी और रीतिकालीन कवि ‘चिंतामणि’ और ‘भूषण’ के सगे भाई थे। वहीं दूसरे मतिराम का परिचय केवल ‘वृत-कौमुदी’ ग्रंथ के आधार पर किया गया है।
मतिराम किस नरेश के दरबारी कवि थे?
मतिराम अपने जीवनकाल में कई आश्रयदाताओं के पास रहे थे और प्रभूत सम्मान प्राप्त किया था। किंतु मतिराम का अधिकांश समय बूंदी नरेश भावसिंह के यहाँ बीता। उन्होंने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘ललित ललाम’ में उन्होंने बूँदी के राजाओं की वीरता का वर्णन किया है। इसके आलावा ‘बादशाह जहांगीर’ और ‘कुमायूं नरेश ज्ञानचंद’ उनके प्रमुख आश्रयदाता थे।
मतिराम की रचनाएं – Matiram Ki Rachnaye
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी साहित्य के इतिहास में मतिराम के निम्न ग्रंथों का उल्लेख किया है इनमें ‘ललित ललाम’, ‘रसराज’, ‘साहित्यसार’, ‘फूलमंजरी’, ‘लक्ष्ण मंजरी’ और ‘मतिराम सतसई’ प्रमुख हैं। ये ग्रंथ अधिकांशत: भारतीय काव्यशास्त्र परंपरा का स्रोत ग्रहण कर लिखे गए हैं। यहां मतिराम (Matiram Ka Jivan Parichay) की प्रमुख प्रामाणिक रचनाओं के बारे में बताया गया है :-
काव्य-ग्रंथ
- ललित ललाम
- रसराज
- साहित्यसार
- फूलमंजरी
- लक्ष्ण मंजरी
- मतिराम सतसई
- अलंकार पंचाशिका
- वृत-कौमुदी
मतिराम की काव्यगत विशेषताएँ – Matiram Ki Kavyagat Visheshtayen
मतिराम ब्रजभाषा के कवि हैं। उन्होंने अपने काव्य में शृंगार और वीर रस को समान रूप से स्थान देकर जीवन के दो महत्वपूर्ण पक्षों भोग और कर्म का समन्वय किया है। मतिराम अपने युग के उन कवियों में से एक माने जाते हैं जिनके काव्य चित्रों में कला के सभी कौशल दृष्टिगोचर होते हैं। भावों का चित्रण करते समय तो वह रेखाओं का सहारा लेते हैं जबकि वस्तु चित्रण में उन्होंने यथासंभव रेखाओं और रंगों दोनों का प्रयोग किया है।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ महाकवि मतिराम का जीवन परिचय (Matiram Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
मतिराम का जन्म संवत 1774 के आसपास उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में तिकवाँपुर नामक गांव में हुआ था।
मतिराम हिंदी साहित्य के रीतिकाल में ‘रीतिबद्ध’ काव्य धारा के श्रेष्ठ कवि थे।
मतिराम मुख्यतः ‘बूंदीनरेश भावसिंह’ के दरबारी कवि थे।
‘रसराज’ रीतिबद्ध कवि मतिराम का लोकप्रिय काव्य ग्रंथ है।
‘ललित ललाम’, ‘रसराज’, ‘साहित्यसार’, ‘लक्षणशृंगार’ और ‘मतिराम सतसई’ मतिराम की प्रमुख रचनाएं हैं।
आशा है कि आपको महाकवि मतिराम का जीवन परिचय (Matiram Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।