मनोहर श्याम जोशी (Manohar Shyam Joshi) आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रख्यात कथाकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार, दूरदर्शन धारावाहिक लेखक, कुशल संपादक और स्तंभ-लेखक थे। क्या आप जानते हैं कि दूरदर्शन के लोकप्रिय धारावाहिक ‘मुंगेरी लाल के हसीं सपने’, ‘हम लोग’ और ‘बुनियाद’ आदि के कारण वे भारत के घर-घर में प्रसिद्ध हो गए थे।
मनोहर श्याम जोशी ‘दिनमान’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ (हिंदी) और ‘वीकेंड रिव्यू’ (अंग्रेजी) का संपादक भी रहे हैं। वहीं साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘शलाका सम्मान’, ‘शिखर सम्मान’ व ‘चकल्लस पुरस्कार’ आदि से सम्मानित किया जा चुका है।
बता दें कि मनोहर श्याम जोशी (Manohar Shyam Joshi) की कहानी ‘सिल्वर वैडिंग’ व कुछ अन्य रचनाओं को विद्यालय के अलावा बीए और एमए के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। उनकी कृतियों पर कई शोधग्रंथ लिखे जा चुके हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं।
इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी मनोहर श्याम जोशी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम प्रख्यात साहित्यकार और पटकथा-लेखक मनोहर श्याम जोशी का जीवन परिचय (Manohar Shyam Joshi Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | मनोहर श्याम जोशी (Manohar Shyam Joshi) |
जन्म | 09 अगस्त, 1933 |
जन्म स्थान | अजमेर, राजस्थान |
शिक्षा | विज्ञान स्नातक, लखनऊ विश्वविद्यालय |
पेशा | साहित्यकार, संपादक, दूरदर्शन धारावाहिक लेखक, स्तंभ-लेखक |
भाषा | हिंदी |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
विधाएँ | कहानी, उपन्यास, व्यंग्य, संस्मरण, पटकथा, निबंध, साक्षात्कार |
संपादन | ‘दिनमान’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ (हिंदी) और वीकेंड रिव्यू (अंग्रेजी) |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘शलाका सम्मान’, ‘शिखर सम्मान’ व ‘चकल्लस पुरस्कार’ आदि |
निधन | 30 मार्च, 2006 |
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राजस्थान के अजमेर में हुआ था जन्म – Manohar Shyam Joshi Ka Jivan Parichay
समादृत साहित्यकार और पटकथा-लेखक मनोहर श्याम जोशी (Manohar Shyam Joshi) का जन्म 09 अगस्त, 1933 को राजस्थान के अजमेर जिले में एक संपन्न परिवार में हुआ था। बताया जाता है कि उनकी प्रारंभिक और इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अजमेर में हुई थी। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ आ गए और यहाँ उन्होंने ‘लखनऊ विश्वविद्यालय’ से विज्ञान स्नातक की डिग्री हासिल की।
साहित्य सृजन और संपादन
बताया जाता है कि छात्र जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण मनोहर श्याम जोशी ने लेखक और पत्रकार के रूप में कार्य किया था। फिर उन्होंने प्रेस, रेडियो, टी.वी. वृत्तचित्र, फ़िल्म और विज्ञापन-सम्प्रेषण आदि क्षेत्रों में भी लेखन कार्य किया। वे ‘दिनमान’ पत्रिका में सहायक संपादक और ‘साप्ताहिक हिंदुस्तान’ में संपादक भी रहे। इसके अलावा उन्होंने ‘वीकेंड रिव्यू’ (अंग्रेजी) का भी कुछ समय तक संपादन किया। किंतु कुछ समय बाद टेलीविजन धारावाहिक ‘हम लोग’ की पटकथा लिखने के लिए उन्होंने वर्ष 1984 में संपादन कार्य छोड़ दिया और आजीवन स्वतंत्र लेखन में जुट गए।
धारावाहिक लेखन की शुरुआत
ऐसा माना जाता है कि दूरदर्शन के शुरूआती दिनों में मनोहर श्याम जोशी ने धारावाहिक लिखना शुरू किया था। उनके चर्चित और लोकप्रिय धारावहिकों में ‘हम लोग, बुनियाद’ और ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ प्रमुख माने जाते हैं। फिर उन्होंने सिनेमा जगत के लिए भी ‘हे राम’, ‘अप्पू राजा’, ‘पापा कहते हैं’, निर्माणाधीन ज़मीन’ और ‘भ्रष्टाचार’ जैसी फिल्मों की पटकथा लिखी।
मनोहर श्याम जोशी की साहित्यिक रचनाएँ – Manohar Shyam Joshi Ki Rachnaye
मनोहर श्याम जोशी ने साहित्य की अनेक विधाओं में अनुपम कृतियों का सृजन किया हैं। बता दें कि उनकी पहली कहानी अठारह वर्ष की आयु में छपी थी लेकिन पहली बड़ी साहित्यिक कृति सैंतालीस वर्ष की आयु में प्रकाशित हुई। वहीं, ‘कसप’ (Kasapa) उपन्यास के लिए उन्हें वर्ष 2005 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ (Sahitya Akademi Award) से सम्मानित किया गया था। यहाँ मनोहर श्याम जोशी का जीवन परिचय (Manohar Shyam Joshi Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी संपूर्ण रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
उपन्यास
- कुरु-कुरु स्वाहा
- कसप
- हरिया हरक्यूलीज की हैरानी
- हमज़ाद
- क्याप
- ट-टा प्रोफ़ेसर
- उत्तराधिकारिणी
- हम लोग
- कौन हूँ मैं
- एक पेंच और
- क़िस्सा पौने चार यार
- क़ैद से छूटा हुआ परमात्मा
- बॉल गिनुवा
- 21 वीं सदी
कहानी-संग्रह
- एक दुर्लभ व्यक्तित्व
- कैसे क़िस्सागो
- मंदिर घाट की पैड़ियाँ
- मनोहर श्याम जोशी की संपूर्ण कहानियाँ
व्यंग्य
- नेताजी कहिन
साक्षात्कार
- बातों-बातों में
- महानगरी के नायक
- बातें मुलाकातें आत्मपरक साहित्यपरक
निबंध
- आज का समाज
- बात ये है कि
यात्रा-संस्मरण
- क्या हाल हैं चीन के
- पश्चिमी जर्मनी पर उड़ती नज़र
- लखनऊ मेरा लखनऊ
नाटक
- गाथा कुरुक्षेत्र की
- कक्काजी कहिन
आलोचना
- भीड़ में खोया हुआ समाज
- स्वदेशी की संस्कृति
कविता
- कूर्मांचली की कविताएँ
मीडिया
- मास मीडिया और समाज
समीक्षा
- आओ करें चाँद की सैर
टेलीविज़न धारावाहिक
- हम लोग
- बुनियाद
- मुंगेरीलाल के हसीन सपने
- कक्काजी कहिन
- हमराही
- ज़मीन-आसमान
पुरस्कार एवं सम्मान
मनोहर श्याम जोशी (Manohar Shyam Joshi Ka Jivan Parichay) को आधुनिक हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- साहित्य अकादमी पुरस्कार
- शलाका सम्मान
- शिखर सम्मान
- चकल्लस पुरस्कार
- व्यंग्यश्री सम्मान
72 वर्ष की आयु में हुआ निधन
मनोहर श्याम जोशी (Manohar Shyam Joshi) ने आधुनिक हिंदी साहित्य और पटकथा लेखन में दशकों तक अपनी लेखनी चलाई हैं। किंतु 30 मार्च, 2006 को उनका दिल्ली में निधन हो गया। लेकिन आज भी वे अपनी लोकप्रिय रचनाओं और प्रसिद्ध धारावाहिकों के लिए जाने जाते हैं।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ प्रख्यात कथाकार और पटकथा लेखक मनोहर श्याम जोशी का जीवन परिचय (Manohar Shyam Joshi Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका जन्म 09 अगस्त, 1933 को राजस्थान के अजमेर जिले में हुआ था।
‘कसप’ उपन्यास के लिए उन्हें वर्ष 2005 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
उन्होंने ‘दिनमान’ और ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ नामक पत्रिका का संपादन किया था।
उनका निधन 72 वर्ष की आयु में 30 मार्च, 2006 को दिल्ली में हुआ था।
‘कुरु कुरु स्वाहा’ उपन्यास के लेखक मनोहर श्याम जोशी है।
‘नेताजी कहिन’ मनोहर श्याम जोशी का लोकप्रिय व्यंग्य-संग्रह है।
आशा है कि आपको प्रख्यात कथाकार और पटकथा लेखक मनोहर श्याम जोशी का जीवन परिचय (Manohar Shyam Joshi Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।