खुशी का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ (Khushi Ka Thikana Na Rehna Muhavare Ka Arth) होता है, जब किसी व्यक्ति का कोई काम या कोई बात पूरी हो जाती है, जिसका वो बेसब्री से इंतजार कर रहा था। तो हम उसके लिए खुशी का ठिकाना न रहना मुहावरें का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग के जरिये खुशी का ठिकाना न रहना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और व्याख्या जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है। इसे हम किस तरह से प्रयोग कर सकते हैं नीचे देखें। हम इस लेख में सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण मुहावरों को हिंदी वर्णमाला के क्रम में आपको बताएंगे।
खुशी का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ क्या है?
खुशी का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ (Khushi Ka Thikana Na Rehna Muhavare Ka Arth) होता है- बेहद खुशी होना।
खुशी का ठिकाना न रहना पर व्याख्या
सुरेश गांव से शहर कमाने को गया अपने खेत को सेठ के पास गिरवी रखकर, जब वह सालों बाद शहर से कमा कर वापस आया तो उसने सेठ को पैसे देकर अपने खेत को छुड़वा लिया जिससे उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था।
खुशी का ठिकाना न रहना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
- IAS परीक्षा पास करने पर दिनेश की खुसी का ठिकाना नहीं रहा।
- जब मोहित से गण गाने को कहा गया तो उसने कह दिया की तबला वादन ही गड़बड़ है। नाच न जाने आंगन टेढ़ा।
- बहुत समय से रोहन सारेगामा सीरियल में जाने की कोशिश कर रहा था, जब उसका नाम आया तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा।
- बहुत समय से कंपनी में मेहनत से काम करने वालों को जब प्रमोशन मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।
उम्मीद है, खुशी का ठिकाना न रहना मुहावरे का अर्थ (Khushi Ka Thikana Na Rehna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।