जैसलमेर दुर्ग स्थापत्य कला की दृष्टि से उच्चकोटि की विशुद्ध स्थानीय दुर्ग रचना है। ये दुर्ग 250 फीट तिकोनाकार पहाडी पर स्थित है। इस पहाडी की लंबाई 150 फीट व चौडाई 750 फीट है। जैसलमेर के किले का निर्माण रावल जैसल ने करवाया था। उन्होंने ही जैसलमेर नगर को भी बसाया था और इसे अपनी राजधानी घोषित किया। जैसलमेर नगर का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है। यहाँ जैसलमेर दुर्ग का निर्माण कब हुआ? इस बारे में बताया जा रहा है।
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जैसलमेर दुर्ग का निर्माण वर्ष
जैसलमेर के दुर्ग का निर्माण वर्ष 1156 ईस्वी में रावल जैसल ने कराया था।
जैसलमेर के किले से जुड़े रोचक तथ्य
यहाँ जैसलमेर के किले से जुड़े रोचक तथ्य बताए जा रहे हैं :
- जैसलमेर के किले की दीवारें तीन परतों से बनाई गई हैं ताकि शत्रु इसे आसानी से न तोड़ सके।
- रेगिस्तान में होने के कारण जैसलमेर के किले का रंग सूरज का प्रकाश पड़ने से जैसलमेर के किले का रंग पीला प्रतीत होता है।
- जैसलमेर के किले के अंदर कई महल स्थित हैं, जिनमें से हरराज का मालिया सर्वोत्तम विलास, रंगमहल,मोतीमहल तथा गजविलास आदि प्रमुख हैं।
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जैसलमेर के किले की निर्माण शैली
यहाँ जैसलमेर के किले की निर्माण शैली के बारे में बताया जा रहा है :
- जैसलमेर दुर्ग की निर्माण शैली में पूरी तरह से हिन्दू दुर्ग निर्माण शैली पर आधारित है। यह मुग़ल किला शैली से बिलकुल अलग है। इसके अंदर महल, मंदिर, और महल में काम करने वाले कर्मचारियों के मकान बने हुए हैं।
- जैसलमेर के किले के चार मुख्य द्वार हैं। इन पर सुंदर नक्काशी बनी हुई है।
- जैसलमेर के अंदर स्थित महलों की दीवारों पर सुंदर नक्काशी और पिच्चेदारी का काम किया गया है।
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उम्मीद है कि इस ब्लॉग में आपको जैसलमेर दुर्ग का निर्माण कब हुआ? इस बारे में जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही अन्य रोचक और महत्वपूर्ण ब्लॉग पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ बने रहिए।