8 अगस्त 2023 को संसद के दोनों सदनों, राज्य सभा और लोकसभा में IIM अमेंडमेंट बिल पास कर दिया गया। संसद से पास हो जाने के बाद अब इस बिल को राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, जिनकी मंजूरी मिल जाने के बाद यह विधेयक क़ानून बन जाएगा।
क्या है IIM संशोधन बिल?
IIM संशोधन बिल के पास हो जाने के बाद महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत के सभी IIM संस्थानों की विज़िटर बन जाएंगी। इसका अर्थ यह है कि अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू IIM के कार्यों का ब्यौरा ले सकेंगी और IIM के निदेशक को नियुक्त कर सकेंगी और उन्हें पद से हटा भी सकेंगी।
ऐसा किए जाने से स्टूडेंट्स को भी काफी लाभ पहुँचने वाला है। जब राष्ट्रपति स्वयं IIM का निरीक्षण करेंगी तो उनकी नज़र स्टूडेंट्स से सम्बंधित मुद्दों पर भी रहेगी। स्टूडेंट्स से जुड़े किसी भी बड़े मामले को खुद राष्ट्रपति द्वारा संज्ञान में लिया जा सकेगा।
पहले से ही NIT और IIT की विज़िटर है राष्ट्रपति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहले से ही भारत के प्रतिष्ठित टेक्निकल संस्थानों जैसे IIT और NIT में विज़िटर की भूमिका में है। किसी संसथान में राष्ट्रपति के विज़िटर होने का अर्थ है कि राष्ट्रपति इन संस्थानों के काम करने के तरीकों का निरीक्षण कर सकती हैं और ज़रुरत पड़ने पर संस्थान के निदेशक की नियुक्ति या बर्खास्तगी से जुड़े निर्णय भी ले सकती हैं।
IIM की अकादमिक स्वायत्तता को नहीं होगा कोई ख़तरा
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संसद को सम्बोधित करते हुए कहा कि महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा IIM के विज़िटर की भूमिका निभाए जाने का अर्थ IIM की कार्य प्रणाली में हस्तक्षेप करना बिलकुल नहीं है। राष्ट्रपति एक सुपरवाइजर के रूप में IIM की प्रगति का निरीक्षण करेंगीं। राष्ट्रपति IIT और NIT में पहले से विज़िटर की भूमिका निभा रही हैं लेकिन कभी इन संस्थानों की अकादमिक स्वायत्तता पर कभी कोई भी सवाल नहीं उठाया गया।
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