सिविल सर्विसेस के क्षेत्र में आपने IAS और IPS के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन क्या आप IFS के बारे में जानते हैं? IFS ऑफिसर एक प्रतिष्ठित A ग्रेड पद है। जिस प्रकार IAS, IPS देश में रह कर काम करते हैं, उसी प्रकार IFS ऑफिसर देश के बाहर नियुक्त होकर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। तो चलिए जान लेते हैं IFS Syllabus in Hindi में और साथ ही IFS officer कैसे बने और एक IFS ऑफिसर बनने के लिए किन-किन स्किल की आवश्यकता पड़ती है।
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IFS क्या है?
IFS का पूर्ण रूप भारतीय विदेश सेवा है, और यह भारत में सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक है। आईएफएस केंद्रीय सिविल सेवा का हिस्सा है और इसके अधिकारियों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से की जाती है।
भारतीय विदेश सेवा (IFS) देश की केंद्रीय सेवाओं का हिस्सा है। आईएफएस एक राजनयिक को मिलने वाले मौद्रिक लाभ और जीवनशैली के साथ-साथ उसके सामने आने वाली अनोखी चुनौतियों के लिए भी एक लोकप्रिय टैग है।
IFS एग्जाम के बारे में
IFS ऑफिसर भारतीय सिविल सर्विसेस के एक अधिकारी पद की नौकरी है, जिसे देश का प्रतिनिधत्व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करना होता है। आइये इसे और आसानी से समझ लें – जिस प्रकार एक IAS ऑफिसर देश में रहकर किसी क्षेत्र या उससे जुड़े मामलों में रूचि लेता है, उसी तरह एक IFS ऑफिसर अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और अन्य कई देशों के साथ काम करते हैं। IFS ऑफिसर का फुल फॉर्म है इंडियन फॉरेन सर्विस है।
IFS एग्जाम का सम्पूर्ण सिलेबस
IFS ऑफिसर की तैयारी कर रहे हैं तो IFS Syllabus in Hindi में जान लेना जरूरी है। तैयारी के समय आपको कुछ विषयों का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। प्रिलिमिनरी एग्ज़ाम और मेन्स एग्ज़ाम के लिए निम्न विषयों का अध्ययन करें –
पेपर I : सामान्य अध्ययन I – (200 अंक)
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं।
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
- भारतीय और विश्व भूगोल-भौतिक, सामाजिक, भारत और विश्व का आर्थिक भूगोल।
- भारतीय राजनीति और शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि।
- आर्थिक और सामाजिक विकास-सतत विकास, गरीबी, समावेश, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल आदि।
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे
- सामान्य विज्ञान।
पेपर II : सामान्य अध्ययन II (CSAT) – (200 अंक)
- संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल
- तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता
- निर्णय लेना और समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक क्षमता
- बुनियादी संख्या (संख्या और उनके संबंध, परिमाण के आदेश, आदि) (कक्षा X स्तर), डेटा व्याख्या (चार्ट, रेखांकन, तालिकाओं, डेटा पर्याप्तता आदि) – कक्षा X स्तर)
मुख्य परीक्षा मेन्स का सिलेबस
IFS Syllabus in Hindi में संपूर्ण जानकारी-
पेपर A: अनिवार्य भारतीय भाषा
UPSC की परीक्षा में सफल होने के लिए निम्नलिखित बिंदु की समझ अति आवश्यक है।
- दिए गए पैसेज की समझ।
- सटीक लेखन।
- उपयोग और शब्दावली।
- लघु निबंध।
- अंग्रेजी से भारतीय भाषा में अनुवाद और इसके विपरीत भारतीय भाषा से अंग्रेजी भाषा में अनुवाद
पेपर B: अंग्रेजी
UPSC की परीक्षा में सफल होने के लिए निम्नलिखित बिंदु की समझ अति आवश्यक है।
- दिए गए पैसेज की समझ। (Comprehension of given passages)
- सटीक लेखन।
- उपयोग और शब्दावली।
- लघु निबंध।
पेपर I : निबंध
UPSC के अनुसार उम्मीदवारों को कई विषयों पर निबंध लिखने पड़ सकते हैं इसलिए उम्मीदवारों को निबंध लेखन की अच्छी समझ होनी आवश्यक है।
पेपर 2 : सामान्य अध्ययन II
UPSC के सामान्य अध्ययन- I: में भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व और समाज का इतिहास और भूगोल आदि के बारे में पूछा जाता है।
- भारतीय विरासत
- आधुनिक भारतीय इतिहास
- विश्व इतिहास
- भारतीय समाज
- भूगोल
पेपर 3: सामान्य अध्ययन- II
UPSC के सामान्य अध्ययन- II विषय में शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
- भारतीय संविधान
- भारतीय राजव्यवस्था
- सामाजिक न्याय
- भारतीय शासन
- अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध
पेपर 4: सामान्य अध्ययन– III
UPSC के सामान्य अध्ययन– III में प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन बारे में पूछा जाता है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- विज्ञान और तकनीक
- पर्यावरण और जैव विविधता
- आपदा प्रबंधन
- आपदा प्रबंधन
- सुरक्षा
- पेपर 5 : सामान्य अध्ययन– IV: नैतिकता, अखंडता और योग्यता
- नैतिकता और मानव इंटर फ़ेस
- मनोवृत्ति
- योग्यता
- भावनात्मक बुद्धि
- सार्वजनिक / सिविल सेवा मूल्य और लोक प्रशासन में नैतिकता
- शासन में संभावना
पेपर 6 & 7: वैकल्पिक विषय पेपर I और II उम्मीदवार कोई भी वैकल्पिक विषय चुन सकते हैं।
UPSC में निम्नलिखित दिए गए विषयों में से कोई भी वैकल्पिक विषय चुन सकते हैं इसकी सूची नीचे दी गई है:
- कृषि विज्ञान
- पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान
- मनुष्य जाति का विज्ञान
- वनस्पति विज्ञान
- रसायन विज्ञान
- असैनिक अभियंत्रण
- वाणिज्य और लेखा
- अर्थशास्त्र
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- भूगोल
- भूगर्भशास्त्र
- इतिहास
- कानून
- असमिया
- बंगाली
- डोगरी
- अंग्रेज़ी
- गुजराती
- हिंदी
- कन्नड़
- कश्मीरी
- कोंकणी
- मैथिली
- मलयालम
- मणिपुरी
- मराठी
- नेपाली
- ओड़िया
- पंजाबी
- संस्कृत
- संथाली
- सिंधी
- तामिल
- तेलुगू
- उर्दू
- गणित
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- चिकित्सा विज्ञान
- दर्शन
- भौतिक विज्ञान
- राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय
- मनोविज्ञान
- सार्वजनिक प्रशासन
IFS एग्जाम के लिए योग्यता क्या है?
IFS ऑफिसर बनने के लिए किसी भी स्ट्रीम आर्ट्स, कॉमर्स, और साइंस से 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन करना जरूरी है। अगर आप स्नातक के लास्ट ईयर में हैं तो IFS ऑफिसर के लिए होने वाले प्री-एग्जाम दे सकते हैं।
IFS (भारतीय विदेश सेवा )- भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ
- अपनी पोस्टिंग के देश में सभी हितधारकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित करने चाहिए।
- प्रतिनियुक्ति के देश में होने वाले किसी भी विकास, जो संभवतः भारत की नीतियों को प्रभावित कर सकता है, की सूचना दी जानी चाहिए।
- पोस्टिंग के देश में संबंधित अधिकारियों के साथ महत्व के विभिन्न मामलों पर सफलतापूर्वक बातचीत करना,
- भारतीय और विदेशी नागरिकों को कांसुलर पहुंच प्रदान करें।
- MEA विदेश मंत्रालय भारत के विदेशी संबंधों से संबंधित सभी मामलों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।
- 2 विभाग होते है । उनमें से एक प्रादेशिक प्रभाग है जो संबंधित देशों के साथ आर्थिक, राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों को संभालता है।
- दूसरा प्रभाग कार्यात्मक प्रभाग है जो बहुपक्षीय संगठनों, निरस्त्रीकरण मुद्दों, विभिन्न क्षेत्रीय समूहों, कानूनी, प्रेस, प्रचार, नीतिगत मामलों और कई अन्य मुद्दों से संबंधित कई मुद्दों को संभालता है।
IFS एग्जाम की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स
IFS भारत में सबसे प्रतिष्ठित और मांग वाली सिविल सेवाओं में से एक है। IFS कार्यालय की मूल भूमिका अपनी बाहरी नीतियों के लिए दुनिया भर में देश का प्रतिनिधित्व करना है। यह परीक्षा हर साल यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाती है और इसे सिविल सेवा परीक्षा के रूप में भी जाना जाता है । यह एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है जिसमें सही किताबें पढ़ने सहित बहुत सारी तैयारी की आवश्यकता होती है। इस ब्लॉग में, हम भारतीय विदेश सेवा परीक्षा के लिए सर्वोत्तम पुस्तकों पर चर्चा करेंगे।
पुस्तकें | लेखक | |
भारतीय कला और संस्कृति | नितिन सिंघानिया | |
आधुनिक भारत | बिपिन चंद्रा | |
भारत: एक व्यापक भूगोल | खुल्लर | |
भारतीय अर्थव्यवस्था | रमेश सिंह | |
हमारा संविधान | सुभाष सी कश्यप | |
भारतीय राज व्यवस्था | एम लक्ष्मीनाथ | |
विज्ञान एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकें | सभी प्रकाशक |
IFS एग्जाम की तैयारी के लिए टिप्स
IFS Officer कैसे बने इसके लिए जानिए कुछ बेहतरीन टिप्स जो नीचे दी गयी है-
- अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान की अच्छी पकड़ होनी चाहिए।
- आपको एग्ज़ाम की तैयारी हमेशा मेन्स एग्ज़ाम के आधार पर करनी चाहिए।
- तैयारी से पहले IFS Syllabus in Hindi में जान लेना बेहद जरूरी होता है।
- अपनी पढ़ाई को 10 से 12 घंटे का समय दें।
- जो भी पढ़ें उनके अपनी भाषा में नोट्स बनाते रहें ताकि जब आपको दुबारा वही टॉपिक पढ़ना हो तो आपको नोट्स पढ़ के आसानी से टॉपिक समझ में आ जाए।
- नियमित रूप से अख़बार पढ़ें और देश विदेश में राजनितिक, आर्थिक समाजिक, विदेशी व्यापार, विदेशी रिश्तों से जुड़ी घटनाओं पर नज़र रखें।
- आपका बेहतर आत्मविश्वास इंटरव्यू राउंड में आपकी मदद करेगा।
FAQs
इंडियन फॉरेन सर्विस है।
एक IFS ऑफिसर दूसरे देशों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके मुख्य काम है विदेशी सरकार से अपने सरकार के बीच रिश्ते मजबूत करना।
इंटरव्यू प्रोसेस में सफल होने के बाद आपका रिजल्ट आता है जिसमें आपको एक रैंक दी जाती है। अगर आपके अंक सबसे ज्यादा हैं तो आपको IAS और IFS की पोस्ट मिलती है जिसमें किसी एक का चयन आपको करना है।
आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में IFS Syllabus in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य कोर्स और सिलेबस से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।