गुरू घंटाल मुहावरे का हिंदी अर्थ (Guru Ghantal Muhavare Ka Arth) दुष्टों का नेता या सरदार होना व बहुत धूर्त होना होता है। जब कोई व्यक्ति बहुत धूर्त होता है तब गुरू घंटाल मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप ‘गुरू घंटाल मुहावरे का अर्थ’ (Guru Ghantal Muhavare Ka Arth) का वाक्यों में प्रयोग और अन्य महत्वपूर्ण मुहावरों के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
गुरू घंटाल मुहावरे का अर्थ क्या है?
गुरू घंटाल मुहावरे का अर्थ (Guru Ghantal Muhavare Ka Arth) दुष्टों का नेता या सरदार होना व बहुत धूर्त होना होता है।
गुरू घंटाल मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
गुरू घंटाल मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित हैं:-
- वह तो गुरु घंटाल है, तुम्हें उससे बच कर रहना चाहिए।
- अंशुल अपने आपको गुरु घंटाल समझता है।
- हमारे समाज में गुरु घंटाल बढ़ते जा रहे हैं।
- सोहन एक जमाने में बहुत बड़ा गुरू घंटाल था।
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आशा है कि आपको, गुरू घंटाल मुहावरे का अर्थ (Guru Ghantal Muhavare Ka Arth) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।