गुणों की खान मुहावरे का अर्थ (Gunon Ki Khaan Muhavare Ka Arth) होता है, किसी व्यक्ति में उत्तम गुण या अनेक विशेषताएं होना। जब किसी व्यक्ति के भीतर अनेक विशेषताएं होती है, तो उस स्थिति के संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप गुणों की खान मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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गुणों की खान मुहावरे का अर्थ क्या है?
गुणों की खान मुहावरे का अर्थ (Gunon Ki Khaan Muhavare Ka Arth) होता है- किसी व्यक्ति में उत्तम गुण या अनेक विशेषताएं होना। आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसमें किसी व्यक्ति में अनेक उत्तम गुण होते हैं।
गुणों की खान पर व्याख्या
“गुणों की खान” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- किसी व्यक्ति में उत्तम गुण या अनेक विशेषताएं होना। इस मुहावरे के माध्यम से ऐसी स्थिति को परिभाषित करना आसान हो जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति अनेक गुणों वाला होता है।
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गुणों की खान मुहावरे का वाक्य प्रयोग
गुणों की खान मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- स्तुति जान चुकी थी कि देवांग एक गुणों की खान है, इसलिए उसने उसका साथ नहीं छोड़ा।
- गौरव ने गुणों की खान बनकर सैदव समाज का हित किया है।
- गुणों की खान एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति के भीतर अनेक विशेषताएं हैं।
- विशाखा सही मायनों में गुणों की खान है, इसी कारण से उसका परिवार उस पर गर्व करता है।
- माधव का जीवनभर केवल यही प्रयास रहा है कि वह गुणों की खान बनकर अपनी जीवनयात्रा को खुलकर जिए।
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आशा है कि आपको गुणों की खान मुहावरे का अर्थ (Gunon Ki Khaan Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।