क्या आप सोच रहे हैं Gauri Shankar Mein Kaun Sa Samas Hai तो आपको बता दें कि गौरी और शंकर में द्वंद्व समास है। यह जानने से पहले की द्वंद्व समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। Gauri Shankar mein Kaun sa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगें गौरी और शंकर का समास विग्रह, गौरी और शंकर में द्वंद्व समास क्यों हैं, द्वंद्व समास क्या होता है साथ ही द्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण।
Gauri Shankar mein Kaun sa Samas Hai?
गौरी और शंकर में द्वंद्व समास है।
गौरी और शंकर शब्द का समास विग्रह
गौरी और शंकर का समास विग्रह करने पर इसका विग्रह होगा गौरी और शंकर होगा।
द्वंद्व समास क्या होता है?
द्वंद्व समास में कोई पद गौण नहीं होता बल्कि दोनों ही पद प्रधान होते हैं। समस्तपद बनाते समय दोनों पदों को जोड़ने वाले समुच्चयबोधक अव्ययों-‘और’, ‘तथा’, ‘या’ आदि को हटा दिया जाता है तथा विग्रह करते समय इनको पुनः दोनों पदों के बीच जोड़ दिया जाता है।
द्वंद्व समास के उदाहरण
समास का वह रूप जिसमें पहला और दूसरा दोनों पद प्रधान होते हैं, उसे द्वन्द्व समास कहते हैं।
- राम-श्याम. इसका विग्रह होगा- राम और श्याम।
- अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।
अन्य उदाहरण
समस्तपद | विग्रह |
दाल-चावल | दाल और चावल |
जल-थल | जल और थल |
माता-पिता | माता और पिता |
नदी-नाले | नदी और नाले |
बाप-दादी | बाप और दादा |
छोटा-बड़ा | छोटा और बड़ा |
राधा-कृष्ण | राधा और कृष्ण |
पूर्व-पश्चिम | पूर्व और पश्चिम |
आगे-पीछे | आगे और पीछे |
गुण-दोष | गुण और दोष |
स्वर्ग-नर्क | स्वर्ग और नर्क |
अन्न-जल | अन्न और जल |
खट्टा-मीठा | खट्टा और मीठा |
रात-दिन | रात और दिन |
FAQs
अव्ययीभाव समास।
द्वंद्व समास होता है।
संक्षेप होता है?
छ: भेद हैं।
उम्मीद है, Gauri Shankar Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बनें रहें।