हिंदी कक्षा 6 से 9 के छात्रों के लिए व्याकरण काफी महत्वपूर्ण होती है। इसमें छात्रों को कई बुनियादी विषयों के बारे में बताया जाता है। इनमें से एक एक औपचारिक पत्र लेखन। Formal Letter in Hindi उन्हें कहा जाता है जो प्रोफेशनल कार्यों के लिए लिखे जाते हैं । व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। Formal Letter in Hindi की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है। आइए Formal Letter in Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं।
This Blog Includes:
- औपचारिक पत्र क्या होते हैं?
- औपचारिक पत्र क्यों लिखते हैं?
- पत्र लेखन के प्रकार
- औपचारिक पत्र के प्रकार
- याद रखने योग्य बातें
- औपचारिक पत्र का फॉर्मेट
- एप्लीकेशन फॉर प्रिंसिपल इन हिंदी
- औपचारिक पत्र सैंपल 1
- प्रधानाचार्य को हिन्दी में औपचारिक पत्र
- ऑफिसियल लेटर फॉर्मेट इन हिंदी
- कक्षा 9 के लिए औपचारिक पत्र
- कक्षा 10 के लिए औपचारिक पत्र
- FAQs
औपचारिक पत्र क्या होते हैं?
वे पत्र जो किसी व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति को भेजे जाते हैं या ऐसे व्यक्तियों को जो व्यावसायिक जीवन से जुड़े हों औपचारिक पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्र लिखने के लिए औपचारिक शब्दों जैसे कि श्रीमान, श्रीमति, निवेदन का प्रयोग किया जाता है। Formal letter in Hindi लिखते वक़्त अनौपचारिक (इनफॉर्मल) भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
औपचारिक पत्र क्यों लिखते हैं?
औपचारिक पत्र का काम किसी भी कार्य के लिए किया जा सकता है। जैसे, स्कूल में अपनी मैडम, प्रिंसिपल के लिए, कॉलेज में अपने प्रोफेसर या डीन के लिए, नौकरी के लिए, किसी आधिकारिक कार्य को पूरा करवाने के लिए औपचारिक पत्र लिखने की आवश्यकता होती है।
पत्र लेखन के प्रकार
- औपचारिक पत्र (Formal Letter)
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
औपचारिक पत्र के प्रकार
Formal Letter in Hindi को तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
- प्रार्थना-पत्र – जिन पत्रों में निवेदन अथवा प्रार्थना की जाती है, वे ‘प्रार्थना-पत्र’ कहलाते हैं। प्रार्थना पत्र में अवकाश, शिकायत, सुधार, आवेदन आदि के लिए लिखे गए पत्र आते हैं। ये पत्र स्कुल के प्रधानाचार्य से लेकर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी को भी लिखे जा सकते हैं।
- कार्यालयी-पत्र – जो पत्र कार्यालयी काम-काज के लिए लिखे जाते हैं, वे ‘कार्यालयी-पत्र’ कहलाते हैं। ये सरकारी अफसरों या अधिकारियों, स्कूल और कॉलेज के प्रधानाध्यापकों और प्राचार्यों को लिखे जाते हैं। इन पत्रों में डाक अधीक्षक, समाचार पत्र के सम्पादक, परिवहन विभाग, थाना प्रभारी, स्कूल प्रधानाचार्य आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
- व्यवसायिक-पत्र – व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने अथवा रुपयों के लेन-देन के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं, उन्हें ‘व्यवसायिक-पत्र’ कहते हैं। इन पत्रों में दुकानदार, प्रकाशक, व्यापारी, कंपनी आदि को लिखे गए पत्र आते हैं।
ज़रूर पढ़ें: पत्र लेखन उदाहरण कक्षा 6, 7, 8, 9 और10 के लिए
याद रखने योग्य बातें
औपचारिक पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें इस प्रकार हैं:
- औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
- इस प्रकार के पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशल-मंगल समाचार आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।
- पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
- पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।
- यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए।
- पत्र पृष्ठ के बाई ओर से हाशिए (Margin Line) के साथ मिलाकर लिखें।
- पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि तारतम्यता/लयबद्धता बनी रहे।
- प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा व दिनांक लिखना चाहिए।
औपचारिक पत्र का फॉर्मेट
Formal Letter in Hindi के (फॉर्मेट) के निम्नलिखित 9 अंग होते हैं, जैसे-
- ‘सेवा में’ लिख कर, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कर पत्र की शुरुआत करें।
- विषय – जिसके बारे में पत्र लिखा जा रहा है, उसे केवल एक ही वाक्य में शब्द-संकेतों में लिखें।
- संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा रहा है- महोदय/महोदया, माननीय आदि शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
- विषय-वस्तु– इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चाहिए-
- पहला अनुच्छेद – “सविनय निवेदन यह है कि” से वाक्य आरंभ करना चाहिए, फिर अपनी समस्या के बारे में लिखें।
- दूसरा अनुच्छेद – “आपसे विनम्र निवेदन है कि” लिख कर आप उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) रखते हैं, उसे लिखें।
- हस्ताक्षर व नाम– धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए और अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्थी लिखकर अपने हस्ताक्षर करें तथा उसके नीचे अपना नाम लिखें।
- प्रेषक का पता– शहर का मुहल्ला/इलाका, शहर, पिनकोड आदि।
- दिनांक।
एप्लीकेशन फॉर प्रिंसिपल इन हिंदी
प्रधानाचार्य को लिखे गए प्रार्थना-पत्र
दीदी या बहन की शादी पर अवकाश के लिए आवेदन पत्र या प्रार्थना पत्र।
सेवा में,
प्रधानाचार्य मोहदय,
डी.ए.वी. स्कूल,
रामनगर (दिल्ली)
विषय – बहन की शादी के लिए अवकाश प्रदान हेतु प्रार्थना पत्र।
महोदय,
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके विद्यालय के कक्षा 10वीं का विद्यार्थी हूँ। मेरे घर में मेरी बहन की शादी है। जिसकी दिनांक 10/09/2018 और 11/09/2018 निश्चित हुई है, मैं अपने पिता का इकलौता पुत्र हूँ, अतः शादी में बहुत से कार्यों में मेरा होना अति आवश्यक है। इसी कारण मुझे 08/09/2018 से 12/09/2018 तक का अवकाश चाहिए।
अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मुझे अवकाश प्रदान करने की कृपा करें, इसके लिए मैं आपका आभारी रहुँगा।
धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
नाम – स्वाधीन शर्मा
कक्षा – 10वीं रोल नंबर – 34
दिनांक – 07/09/2018
औपचारिक पत्र सैंपल 1
कार्यालयी-पत्र
बस में यात्रा करते हुए आपका एक बैग छूट गया था जिसमें जरूरी कागज और रुपये थे। उसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए।
सेवा में,
अध्यक्ष,
हिमाचल राज्य परिवहन निगम,
शिमला।
दिनांक- 25 अप्रैल, 2019
विषय – बस में छूटे बैग का वापस मिलना।
महोदय,
कल दिनांक 24 अप्रैल, 2019 को मैंने चण्डीगढ़ में कार्य समाप्ति पर शिमला के लिए चण्डीगढ़ बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण हो जाने के बाद मैं बस से उतर कर शिमला चला गया।
मेरी ख़ुशी की उस समय कोई सीमा ना रही जब तीन घंटे के बाद बस के कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब तक मुझे यह ज्ञात ही नहीं था कि मैं अपना जरुरी बैग बस में ही भूल आया था। इस बैग में मेरे बहुत जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा ज़ारी आधार कार्ड था। उसी पर लिखे पते के कारण कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा मेरे घर का पता ढूँढ़ने में सफल हुए थे। मुझे कंडक्टर का यह व्यवहार बहुत ही सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। उनकी ईमानदारी से प्रभावित हो कर मैं उन्हें कुछ ईनाम देना चाहता था परन्तु उन्होंने यह कह कर ताल दिया कि यह तो उनका कर्तव्य था।
मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। मैं कंडक्टर श्री रामकृष्ण शर्मा का फिर से आभार व्यक्त करता हूँ।
धन्यवाद।
भवदीय,
रमेश कुमार
38/5 हीमुंडा कॉलोनी,
शिमला।
दूरभाष – xxxxxxxxxx
आ गई सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा की डेटशीट, यहां देखें
प्रधानाचार्य को हिन्दी में औपचारिक पत्र
ऑफिसियल लेटर फॉर्मेट इन हिंदी
कक्षा 9 के लिए औपचारिक पत्र
कक्षा 9 के लिए औपचारिक पत्रों को कई उपवर्गों में बाँटा जा सकता है; जैसे –
- प्रधानाचार्य को लिखा जाने वाला प्रार्थना पत्र
- कार्यालयों को लिखा जाने वाला प्रार्थना पत्र
- शिकायत सुझाव संबंधी पत्र
- संपादकीय पत्र
- आवेदन पत्र
- अन्य पत्र
इन पत्रों को लिखने का ढंग तथा इनकी भाषा-शैली में अंतर होता है। इन पत्रों का प्रारूप समझ लेने से पत्र लेखन में सुविधा होती है तथा परीक्षा में पूरे अंक लाए जा सकते हैं। आइए इनके प्रारूप और उदाहरण देखते हैं।
कक्षा 10 के लिए औपचारिक पत्र
कक्षा 10 के लिए औपचारिक पत्रों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता है –
- प्रधानाचार्य को लिखे जाने वाले पत्र (प्रार्थना-पत्र)।
- कार्यालयी प्रार्थना-पत्र-विभिन्न कार्यालयों को लिखे गए पत्र।
- आवेदन-पत्र-विभिन्न कार्यालयों में नियुक्ति हेतु लिखे गए पत्र ।
- संपादकीय पत्र-विभिन्न समस्याओं की ओर ध्यानाकर्षित कराने वाले संपादक को लिखे गए पत्र।
- सुझाव एवं शिकायती पत्र-किसी समस्या आदि के संबंध में सुझाव देने या शिकायत हेतु लिखे गए पत्र।
- अन्य पत्र-बधाई, शुभकामना और निमंत्रण पत्र ।
FAQs
फॉर्मल लेटर उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। व्यवसाय से संबंधित, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। Formal Letter in Hindi की भाषा सहज और शिष्टतापूर्ण होती है।
सबसे पहले सादे कागज पर बायीं ओर जिसके द्वारा पत्र लिखा जा रहा है उसका पता व दिनांक लिखी जाती है तत्पश्चात बायीं ओर ‘सेवा में’ लिखने के बाद प्रेषित (पत्र भेजने के लिए) के लिए संपादक, समाचार-पत्र का नाम, शहर का नाम लिखा जाता है।
औपचारिक पत्र के भाग पत्र भेजने वाले (प्रेषक) का पता औपचारिक पत्र लिखते समय सर्वप्रथम पत्र – भेजने वाले का पता लिखा जाता है। प्रेषक का पता बायीं ओर लिखा जाता है। तिथि/दिनांक प्रेषक के पते के ठीक नीचे जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है उस दिन की दिनांक लिखी जाती है।
औपचारिक पत्र के छ अंग होते है जो ये है, जैसे महोदय, प्रिय महोदय. अभिवादन भी व्यक्ति के पद या मर्यादा के अनुरूप लिखा जाता है. जैसे सादर प्रणाम, नमस्कार, आशीर्वाद लिखा जाता है।
आशा करते हैं कि आपको Formal Letter in Hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800572000 पर कॉल करें और 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें।
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