नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी-2020 का उद्देश्य भारत में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा सहित पूरी शिक्षा प्रणाली को बदलना है। सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए National Council of Educational Research and Training (NCERT) द्वारा स्कूली शिक्षा का मसौदा (Draft NCF) जारी किया गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व प्रमुख कृष्णस्वामी कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक पैनल ने NEP के अनुरूप मसौदा तैयार किया, जिसमें कहा गया कि स्कूली पाठ्यक्रम में समावेश और लैंगिक समानता (gender equality) जैसे मानवीय मूल्यों को शामिल किया जाना चाहिए।
भारत के स्कूलों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञ पैनल ने जेंडर-न्यूचरल यूनिफाॅर्म्स, मिक्स्ड-जेंडर ग्रुप्स इन स्पोर्ट्स, बैलेंस्ड जेंडर रिप्रेजेंटेशन इन टेक्स्टबुक्स एंड क्लासरूम डिस्कशन के माध्मय से लैंगिक मुद्दों की सिफारिश की है।
लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए दिए गए सुझाव
Draft NCF में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए क्लासेज, सिलेबस और अन्य स्कूली गतिविधियों को शामिल करने के लिए कई सुझाव दिए गए हैं। पैनल ने कहा कि स्कूल की यूनिफाॅर्म का भी प्रतीकात्मक मूल्य है। रंग के साथ-साथ जिस तरह की पोशाक चुनी जाती है, वह दुनिया को स्कूल के विश्वास के बारे में बताती है।
सभी ऐज ग्रुप में एक साथ खेलें सभी स्टूडेंट्स
इस बात पर जोर देते हुए कि सभी छात्रों को सभी खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, मसौदा दस्तावेज में कहा गया है कि सभी छात्रों को नियमित रूप से सभी ऐज ग्रपु में एक साथ खेलना चाहिए। NEP-2020 में पाठ्यक्रम में संस्कृति की अच्छी नींव, बहुभाषावाद, अनुभवात्मक शिक्षा, विषय वस्तु के बोझ को कम करने, कला और खेल के एकीकरण आदि पर ध्यान दिया गया है।
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