जैसा कि आप जानते ही होंगे कि कंप्यूटर क्या होता है, आज का दौर कंप्यूटर का दौर है और इसके बिना आजकल हर कार्य असंभव सा लगने लग गया है। आज के समय में कंप्यूटर का उपयोग इस कदर हर चीज में बढ़ गया है। हमारे इस ब्लॉग Components of Computer in Hindi में जानेंगे कि कंप्यूटर के विभिन्न कंपोनेंट्स कौन-कौन से होते हैं और वह कैसे काम करते हैं। आइए शुरू करते हैं Components of Computer in Hindi के बारे में विस्तार से!
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कंप्यूटर क्या होता है?
जैसा कि आप जानते ही होंगे कि कंप्यूटर क्या होता है आज का दौर कंप्यूटर का दौर है और इसके बिना आजकल हर कार्य असंभव सा लगने लग गया है। आज के इस समय में कंप्यूटर का उपयोग इस कदर हर चीज में बढ़ गया है कि कंप्यूटर के बिना हम किसी भी कार्य को पूरा नहीं कर सकते चाहे वह गेम खेलना हो, पढ़ाई करने से रिलेटेड हो, फॉर्म भरना हो, टाइपिंग करनी हो हमें इन सभी कामों के लिए कंप्यूटर की जरूरत पड़ती है।
कंप्यूटर क्या होता है? कंप्यूटर एक मशीन है जो प्रत्येक इंसान के जीवन में लगभग सभी क्षेत्रों में इस्तेमाल की जा रही है कंप्यूटर पर अनुसंधान एवं विकास की गति के साथ हम यह कह सकते हैं कि यह हमें जीवन में नए नए अनुभवों से अवगत करवाता रहेगा।
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कंप्यूटर के विभिन्न फैक्टर्स कौन-कौन से होते हैं?
कंप्यूटर सिस्टम अपने आसपास के वातावरण से बातचीत करने के लिए कंप्यूटर पेरिफेरल्स या इनपुट/ आउटपुट डिवाइस का उपयोग करता है।सभी प्रकार के कम्प्यूटरों का बेसिक स्ट्रक्चर एक जैसा ही होता है लेकिन कंप्यूटर की इंटरनल डिज़ाइन विभिन्न प्रकार और आकार की होती है। 5 Components of Computer in Hindi नीचे दिए गए हैं-
- इनपुट यूनिट
- आउटपूत यूनिट
- CU
- ALU
- मेमोरी
इनपुट यूनिट
कंप्यूटर सिस्टम कि वह यूनिट जिसके द्वारा कमांड या इंस्ट्रक्शन को लिया जाता है, इनपुट यूनिट कहलाती है। उदाहरण: कीबोर्ड, माउस, ट्रैकबॉल, जॉयस्टिक, स्कैनर, बारकोड रीडर आदि।
आउटपुट यूनिट
कंप्यूटर सिस्टम कि वह यूनिट जिसके द्वारा लिए गए कमांड व इंस्ट्रक्शंस को प्रोसेस करके रिजल्ट दर्शाया जाता है उसे आउटपुट यूनिट कहा जाता है। उदाहरण: मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर आदि।
मेमोरी यूनिट
यह कंप्यूटर की स्टोरेज यूनिट होती है। कंप्यूटर मेमोरी मानव मस्तिष्क के समान होती है जो डाटा एवं इंफॉर्मेशन को स्टोर करती है। कंप्यूटर मेमोरी एक स्टोरेज स्पेस है जहां डाटा और इंफॉर्मेशन को रखा जाता है जिसको प्रोसेस किया जाना है।मेमोरी तीन प्रकार की होती है-
- कैश मेमोरी
- प्राइमरी मेमोरी और
- सेकेंडरी मेमोरी
कंट्रोल यूनिट (CU)
CU का पूरा नाम कंट्रोल यूनिट होता है। यह पूरे कंप्यूटर सिस्टम को कंट्रोल करता है तथा यह CPU का एक मुख्य भाग होता है। यह सीपीयू के विभिन्न भागों जैसे मेमोरी, अंकगणितीय तर्क इकाई (ALU) और इनपुट/आउटपुट उपकरणों को नियंत्रण संकेत भेजती है, उन्हें बताती है कि डेटा के साथ क्या करना है।
अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU)
ALU का पूरा नाम अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट होता है। इसके अंतर्गत सभी प्रकार के अर्थमैटिक गणितीय व लॉजिकल ऑपरेशन परफॉर्म किए जाते हैं यह कंप्यूटर सिस्टम की मुख्य यूनिट होती है। ALU प्रोसेसर के अंदर स्थित होता है।
” CU और ALU मिलकर CPU (Central Processing Unit) का निर्माण करते हैं जिसे कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है। सीपीयू पूरे कंप्यूटर सिस्टम को कंट्रोल करता है।”
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कंप्यूटर के भाग और उनके कार्य
कंप्यूटर कई सारे कंपोनेंट्स का एक संयोजन होता है जिसमें जिसमें प्रत्येक कंपोनेंट का अपना कार्य होता है इसी आधार पर कंप्यूटर के मुख्य 5 भाग होते हैं-
- इनपुट/आउटपुट डिवाइस
- सिस्टम यूनिट
- कंप्यूटर मेमोरी
- स्टोरेज यूनिट
- कम्युनिकेशन
इनपुट/आउटपुट डिवाइस
इनपुट/आउटपुट डिवाइस का उपयोग कंप्यूटर से इनपुट लेने और आउटपुट देने के लिए किया जाता है कुछ ऐसे डिवाइसेज भी होते हैं जो इनपुट व आउटपुट दोनों का कार्य करते हैं। जैसे मॉनिटर, प्रिंटर, कीबोर्ड।
कीबोर्ड
कंप्यूटर कीबोर्ड सबसे अधिक प्रयोग होने वाले इनपुट डिवाइस में से एक है जिसके द्वारा नंबर, अक्षर और विशेष कैरेक्टर को कंप्यूटर में इनपुट किया जाता है। कीबोर्ड का उपयोग कंप्यूटर को विशेष कार्य आदेश करने के लिए किया जाता है। एक कीबोर्ड में अल्फाबेटिक एवं न्यूमैरिक कीज़ होती है जिसका उपयोग टेक्स्ट एवं न्यूमैरिक डाटा को इनपुट करने के लिए किया जाता है। कीबोर्ड पर कई तरह के की होती है जैसे एडिटिंग की (Editing key), फंक्शन की (Function key), कैप्स लॉक की (Caps lock key), स्क्रॉल की (scroll key), नंबर लॉक की (Number lock key) आदि।
Caps lock/scroll/Number lock keys को Toggle key कहा जाता है जबकि control या alt key को कॉम्बिनेशन की कहा जाता है क्योंकि ये दूसरी की के साथ प्रयोग की जाती है।
पॉइंटिंग डिवाइस
ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUIs) जो कि बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं,मेन स्क्रीन पर कर सके स्थिति को बताने के लिए पेंटिंग डिवाइस की आवश्यकता होती है पोंटिंग डिवाइस निम्न प्रकार के होते हैं जैसे माउस, ट्रैकबॉल, टचपैड, ग्राफिक टेबलेट, जॉयस्टिक, टचस्क्रीन आदि।
माउस
माउस सबसे लोकप्रिय पॉइंट डिवाइस है जो यूजर के हाथ से मूव होता है।पुराने माउस में एक बॉल होती थी उसमें आंतरिक रोलर बोल के मूवमेंट को सेंस करके माउस केबल के माध्यम से कंप्यूटर को संचालित करते थे लेकिन आजकल ऑप्टिकल माउस प्रचलन में है जिसमें रोलिंग बॉल का उपयोग नहीं किया जाता है लाइट और छोटे सेंसर का उपयोग किया जाता है। माउस में स्क्रॉल व्हील भी होते हैं जो GUI के साथ काम करने में सहायक होते हैं।
स्कैनर
एक स्केनर प्रिंटेड पेज या ग्राफिक का डिजिटलीकरण करता है उसको छोटे-छोटे पिक्सल्स वाली इमेज में परिवर्तित करके कंप्यूटर को ट्रांसलेट करता है। यह लेजर तकनीक का उपयोग करके प्रिंटेड इंफॉर्मेशन को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में परिवर्तित करता है। स्कैनर किसी भी तरह की इनफार्मेशन को स्कैन कर सकता है जैसे हाथ से लिखा हुआ टेक्स्ट, इमेज, प्रिंटेड पेज, चित्र आदि।
टचपैड
आजकल सभी कंप्यूटर व लैपटॉप में टचपैड पॉइंट डिवाइस होती है जो यूज़र टचपैड की सतह पर उंगली को फैसला कर स्क्रीन पर कर सर को एक जगह से दूसरी जगह पर मुंह कर आता है लेफ्ट और राइट क्लिक बटन पेड़ के नीचे स्थित होते हैं टच पैड का इस्तेमाल माउस की अपेक्षा बहुत कम जगह की जरूरत पड़ती हैं।
मॉनिटर
आउटपुट की सॉफ्ट कॉपी को डिस्प्ले करने के लिए सबसे लोकप्रिय डिवाइस मॉनिटर हैं। यूज़र मॉनिटर के द्वारा आउटपुट को स्क्रीन पर देख और पढ़ सकता है।
मॉनिटर के प्रकार
- CRT मॉनिटर – CRT मॉनिटर एक परंपरागत आउटपुट डिवाइस रहा है। यह एक TV के समान होता है।इसमें एक बड़ी कैथोड रे ट्यूब होती है जो की अलग अलग पावर की इलेक्ट्रान-बीम का उपयोग करके स्क्रीन के उपर पिक्चर बनाती है।
- फ्लैट पैनल मॉनिटर- एक फ्लैट पैनल मॉनिटर , कंप्यूटर से आउटपुट प्रदर्शित करने के लिए LCD (liquid crystal display) का उपयोग करता है। LCD कई पतली पर दो से मिलकर बनी होती है जब प्रकाश इन परतो से गुजरता है तो यह प्रकाश का ध्रुवीकरण करती है एलईडी प्लाज्मा डिस्प्ले भी एक फ्लैट पैनल तकनीक है जो कि आजकल सबसे अधिक इस्तेमाल की जाती है।
प्रिंटर
प्रिंटर सूचना को स्थाई पठनीय प्रारूप में प्रोवाइड करती है जिसे हम हार्ड कॉपी कहते हैं। आउटपुट एक कागज पर प्रिंट होता है प्रिंटर आउटपुट की गुणवत्ता DPI (Dot Per Inch) में मापी जाती है। प्रिंटर को मोटे तौर पर इम्पैक्ट और नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर में क्लासिफाइड किया जा सकता है।
सिस्टम यूनिट
सिस्टम यूनिट को सिस्टम कैबिनेट भी कहा जाता है के मुख्य भाग जैसे मदरबोर्ड, प्रोसेसर आदि सिस्टम यूनिट के अंदर ही रहते हैं। यह सभी कंप्यूटर हार्डवेयर का हिस्सा है। कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर की आज की तारीख में बहुत मांग है क्योंकि अब तो शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र रह गया होगा जहा कंप्यूटर तकनीकों का इस्तेमाल नहीं हो ऐसे में कंप्यूटर में समस्या तो होती ही रहती हैं और इन को सुलझाने के लिए कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर की आवश्यकता पड़ती है।
कंप्यूटर मेमोरी
कंप्यूटर मेमोरी का प्रयोग डेटा व प्रोग्राम को स्टोर करने मे होता है ताकि बाद में आवश्यकतानुसार उनका उपयोग किया जा सके।मेमोरी किसी भी कंप्यूटर का एक काफी महत्वपूर्ण अंग होता है।मेमोरी का उपयोग परिणामों को स्टोर करने में भी किया जाता है।कंप्यूटर की मेमोरी दो प्रकार की होती है- RAM और ROM
RAM-Random Access Memory
कंप्यूटर के पढ़ने और लिखने की मेमोरी कोकम वह कंप्यूटर मेमोरी कार्ड जाता है इसमें यूज़र इंफॉर्मेशन को रीड व राइट कर सकता हैं।
RAM दो प्रकार की होती है –
- डायनामिक RAM
- स्टेटिक RAM
ROM-Read Only Memory
यह नॉन-वोलेटाइल मेमोरी होती है।इस मेमोरी में स्टोर जानकारी में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। इसमें यूज़र केवल इंफॉर्मेशन को पढ़ सकता है राइट नहींं कर सकता।
ROM के प्रकार-
- Programmable Read Only Memory
- Erasable PROM
- Flash Memory
स्टोरेज यूनिट
स्टोरेज यूनिट में कंप्यूटर सभी यूज़र्स के डेटा को स्टोर करके रखता है ।इसमें स्टोर डाटा को कंप्यूटर यूजर बाद में उपयोग कर सकता है। जैसे DVD, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, हार्ड डिस्क ड्राइव आदि।
कम्युनिकेशन
संसार के लिए कई डिवाइसों का उपयोग किया जाता है इनका प्रयोग एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है।जैसे- internet, मॉडम, Wi-Fi आदि।
कंप्यूटर की मेमोरी के प्रकार
कंप्यूटर की मेमोरी वह होती है जिसमें डेटा को स्टोर किया जाता है। कंप्यूटर मेमोरी 1 स्टोरेज स्पेस होता हैं जहाँ डेटा और इंफोर्मेशन को रखा जाता है। जिसे बाद में प्रोसेस किया जा सकता है। मेमोरी तीन प्रकार की होती है-
- Cache Memory
- Primary Memory/Main Memory
- Secondary Memory
कैश मेमोरी (Cache Memory)
कैश मेमोरी बहुत और गति के सेमीकंडक्टर की मेमोरी होती है जो CPU और मैन मेमोरी की गति को बढ़ा देती हैं। यहा डेटा और प्रोग्राम के उस भाग को रखा जाता है जिसे बार बार इस्तेमाल किया जाता है। कैश मेमोरी के निम्नलिखित लाभ होते हैं-
- कैश मेमोरी मुख्य मेमोरी से तेज होती है।
- यह मेन मेमोरी की तुलना में कम समय का उपयोग करती है।
- यह टेंपरेरी उपयोग के लिए डाटा को store करती है।
प्राइमरी मेमोरी या मेन मेमोरी (Primary/Main Memory)
प्राइमरी मेमोरी केवल उन डेटा या निर्देशों को स्टोर करती है जिन पर वर्तमान मे काम चल रहा होता है। डेटा और निर्देश जो की प्रोसेस करने के लिए आवश्यक है ,मुख्य मेमोरी में रहते हैं। मुख्य मेमोरी की विशेषताएं-
- यह कंप्यूटर के काम करने वाली मेमोरी है।
- इसकी गति मुख्य मेमोरी से भी तेज होती है।
- एक कंप्यूटर प्राइमरी मेमोरी के बिना नहीं चल सकता।
Secondary Memory
सेकेंडरी मेमोरी को एक्सटर्नल या नॉन-वोलेटाइल मेमोरी भी कहा जाता है। यह मेमोरी मुख्य मेमोरी की तुलना में स्लो होती है।इसका प्रयोग स्थाई रूप से डेटा और इंफॉर्मेशन को स्टोर करने के लिए किया जाता है।सीपीयू इस मेमोरी को डायरेक्ट उपयोग नहीं करता बल्कि वह इनपुट आउटपुट रूटीन द्वारा मेमोरी को एसेस करता है। सेकेंडरी मेमोरी के कंटेंट पहले मुख्य मेमोरी में स्थानांतरित होते हैं इसके बाद सीपीयू इसका उपयोग कर सकता है।
- यह ऑप्टिकल और मैग्नेटिक मेमोरी होती है(यह बैकअप मेमोरी के रूप में उपयोगी होती है)।
- बिजली बंद हो जाने पर भी डाटा सुरक्षित रहता है ।
- प्राइमरी मेमोरी से शुरू होती है।
- बड़े और भारी डाटा कम लागत में स्टोर किए जा सकते हैं।
Components of Computer Worksheet in Hindi
Components of Computer in Hindi Worksheet नीचे दी गई है जिसके द्वारा आप अभ्यास कर सकते हैं –
FAQs
कंप्यूटर के कई कंपोनेंट्स होते हैं जैसे – कीबोर्ड, माउस, टचस्क्रीन, माइक्रोफोन, वेबकैम, मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर, सीपीयू, कंट्रोल यूनिट आदि।
कंप्यूटर के भौतिक भागों को हार्डवेयर कहा जाता है, जैसे – सीपीयू, मेमोरी, डिस्क और कंप्यूटर को चलाने वाले निर्देशों को सॉफ्टवेयर कहा जाता है।
हार्डवेयर को छुआ जा सकता है और सॉफ्टवेयर को नहीं छुआ जा सकता है।
हार्डवेयर भौतिक होता है, जबकि सॉफ्टवेयर डिजिटल होता है।
हार्डवेयर डेटा को संसाधित करता है, जबकि सॉफ्टवेयर डेटा को निर्देश देता है।
हार्डवेयर को बदलना मुश्किल है, जबकि सॉफ्टवेयर को आसानी से बदला जा सकता है।
हार्डवेयर में CPU, मेमोरी, डिस्क, मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस शामिल हैं। सॉफ्टवेयर में ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लिकेशन, प्रोग्राम शामिल हैं।
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