संधि, हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
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Bhavuk ka Sandhi Viched क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि भावुक का संधि विच्छेद क्या होगा। तो आईये आपको बताते हैं कि भावुक का संधि विच्छेद होगा ‘भौ + उक‘। भावुक शब्द में अयादि संधि लागू होती है।
अयादि संधि क्या है?
यदि ए, ऐ, ओ और औ के बाद भिन्न स्वर आये तो ‘ए’ का अय ‘ऐ’ का आय, ‘ओ’ का अव और ‘औ’ का आव हो जाता है। अय, आय, अव और आव के य और व आगे वाले भिन्न स्वर से मिल जाते है |
- जब ए,ऐ,ओ,औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ” ए- अय “, ” ऐ- आय”, “ओ- अव ” , “औ- आव” में हो जाता है।
- य, वह से पहले व्यंजन पर अ,आ की मात्रा हो तो वह अयादि संधि हो सकती है परंतु अगर कोई विच्छेद ना निकलता हो तो के + बाद आने वाले भाग को वैसा ही लिखना होगा अयादि संधि कहलाता है।
उदाहरण
- गै + इका = गायिका
- भो + अति = भवति
- प्रभौ + इत = प्रभावित
भावुक से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
भावुक से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- वह मेरी कहानी सुनकर भावुक हो उठी।
- मेरे लिए वह समय बहुत ही संवेदनशील और भावुक था।
- तुम्हें अपनी भावुकता पर नियंत्रण रखनी चाहिए।
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आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको Bhavuk ka Sandhi Viched पता चल गया होगा। संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।