Bhagavad Gita Quotes in Hindi: जीवन, कर्म और धर्म पर श्रीमद्भगवत गीता के अमूल्य उपदेश और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण

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Bhagavad Gita Quotes in Hindi

Bhagavad Gita Quotes in Hindi: संस्कृत में रचित, दिव्य ज्ञान का सागर और धर्म-नीति का अनुपम ग्रंथ – श्रीमद्भगवद गीता न केवल हिन्दू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है, बल्कि समस्त मानव जाति के लिए एक अमूल्य उपदेश भी है। यह ग्रंथ हमें कर्म, धर्म, भक्ति और जीवन के गूढ़ रहस्यों को सरल शब्दों में समझाने का कार्य करता है। महाभारत के युद्धक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया यह उपदेश न केवल उस युग में प्रासंगिक था, बल्कि आज भी हमारे जीवन की चुनौतियों का समाधान देने में सक्षम है। भगवद गीता सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह जीवन का दर्पण है। इसमें दिए गए विचार हमें न केवल आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाते हैं, बल्कि हमें जीवन के संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा भी देते हैं। इस लेख में आपके लिए जीवन, कर्म और धर्म पर श्रीमद्भगवत गीता के अमूल्य उपदेश और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण (Bhagavad Gita Quotes in Hindi) दिए गए हैं, जिन्हें पढ़ने के लिए आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

श्रीमद्भगवत एक मात्र ऐसा ग्रंथ है, जो छात्रों को भी पग-पग पर प्रेरित करता है और जीवन की समस्याओं का साहस से सामना करने योग्य बनाता है। Bhagavad Gita Quotes in Hindi के माध्यम से आप उन कोट्स को पढ़ पाएंगे, जो विद्यार्थी जीवन में आपको सद्मार्ग दिखाएंगे। ऐसे कुछ प्रेरक कोट्स निम्नलिखित हैं-

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“कर्म ज्ञान से अज्ञात मानव, कोई महामानव नहीं केवल अज्ञानी है।”

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“मोह बंधन ही मानव को पथ से भटकाते हैं, सफलता के लिए सद्मार्ग पर चलना अनिवार्य है।”

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“योगियों की भांति ही ध्यान केंद्रित करना सीखें, जहाँ स्वार्थ का कोई स्थान न हो।”

“मनुष्य जैसा लेता है आहार, वैसे ही बन जाते हैं उसके विचार।”

“सफलता उसी व्यक्ति को मिलती हैं, जिसका स्वयं की इन्द्रियों पर बस हो।”

“यदि परिस्थितियां आपके हक़ में नहीं है, तो विश्वास कीजिए कुछ बेहतर आपकी तलाश में है।”

“हर प्राणी के जीवन में परीक्षा का समय आता है, इसका अर्थ यह नहीं कि निराश हुआ जाए।”

“दूसरे की कामयाबी से जलना क्यों है, आपका परिश्रम ही आपको सफल बनाता है।”

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“जीत हो या हार दोनों का सम्मान करना सीखें, क्योंकि दोनों में ही ईश्वर की इच्छा होती है।”

“”मन की परेशानी या समय की हैरानी का एक ही हल है कि आप अपने सवालों के जवाबों के पीछे ऐसे पड़ जाए, जैसे आप एक हठयोगी हो।”

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Best Quotes from Bhagavad Gita in Hindi

यहाँ आपके लिए Best Quotes from Bhagavad Gita in Hindi दिए गए हैं, जो आपका मार्गदर्शन करने का प्रमुख कार्य करेंगे। Best Quotes from Bhagavad Gita in Hindi इस प्रकार हैं –

कोई भी मनुष्य किसी प्रतिष्ठित कुल या कुटुंब में जन्म लेने से नहीं, बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है।

योग कर्मों में उत्कृष्टता लाने की कला है। जो व्यक्ति अपने कर्म को पूरी निष्ठा और समर्पण से करता है, वही सच्चा योगी है।

स्वयं का उद्धार स्वयं करो, स्वयं को नीचा मत गिराओ। क्योंकि हर व्यक्ति यहाँ स्वयं का मित्र भी होता है और का शत्रु भी।

सुख-दुख, लाभ-हानि, सफलता-असफलता में समान रहना ही योग कहलाता है।

आत्मा न जन्म लेती है, न मरती है। यह नित्य, शाश्वत और अजर-अमर है।

जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर नए वस्त्र धारण करता है, वैसे ही आत्मा पुराने शरीर को छोड़कर नया शरीर धारण करती है।

अपने धर्म का पालन करना, भले ही वह दोषयुक्त हो, दूसरों के धर्म को अपनाने से श्रेष्ठ है।

जो व्यक्ति दुख में विचलित नहीं होता और सुख में आसक्त नहीं होता, वही स्थिरबुद्धि कहलाता है।

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Bhagwat Geeta Shlok with Meaning in Hindi

यहाँ आपके लिए श्रीमदभगवत गीता के श्लोकों को भावार्थ सहित (Bhagwat Geeta Shlok with Meaning in Hindi) लिखा गया है, जिन्हें अपने जीवन में अपनाकर आप सफलता के नवीन आयाम तक पहुँच सकते हैं। निम्नलिखित कोट्स में आपको महाभारत युद्ध के दौरान पवित्र गीता ज्ञान और उन अनमोल क्षणों के बारे में पता लगेगा, जिन क्षणों में स्वयं नारायण की वाणी गीता का अनमोल ज्ञान बनी। Bhagwat Geeta Shlok with Meaning in Hindi इस प्रकार हैं –

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

धृतराष्ट्र उवाच
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय। 

धृतराष्ट्र बोलेः हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित, युद्ध की इच्छावाले मेरे पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया? (जिस भूमि से धर्म ज्ञान का प्रचार होता है, वो भूमि ही धर्मभूमि कहलाती है।)
Bhagavad Gita Quotes in Hindi

अर्जुन उवाच
दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम्
सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति।
वेपथुश्च शरीरे मे रोमहर्षश्च जायते।

अर्जुन बोलेः हे कृष्ण! युद्धक्षेत्र में डटे हुए अपने स्वजनों को देखकर शरीर का हर अंग शिथिल हुए जा रहा हैं और मुख सूखा जा रहा है। (स्वजनों को युद्ध क्षेत्र में देखकर अर्जुन मोह बंधनों में फसने लगे)

न कांक्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च।
किं नो राज्येन गोविन्द किं भोगैर्जीवितेन वा।

हे कृष्ण! ऐसी विजय की लालसा क्या रखनी जिसमें स्वजनों से ही युद्ध लड़ना पड़े। हे गोविन्द ! हमें ऐसे राज्य या ऐसे जीवन से क्या ही लाभ मिलेगा? (बंधनों के फंदे में फसकर अर्जुन जब कर्मों पर ही प्रश्न उठाने लगते हैं।)

निहत्य धार्तराष्ट्रान्नः का प्रीतिः स्याज्जनार्दन।
पापमेवाश्रयेदस्मान् हत्वैतानाततायिनः।

हे जनार्दन! धृतराष्ट्र के पुत्रों को मारकर हमें क्या ही प्रसन्नता होगी? ऐसे पापियों को मारकर तो हमें केवल पाप ही लगेगा। (जब अर्जुन अपने धर्म को धारण करने में संकोच करने लगे।)

कुलक्षये प्रणश्यन्ति कुलधर्माः सनातनाः।
धर्मे नष्टे कुलं कृत्स्नमधर्मोऽभिभवत्युत।

अपने ही कुल के नाश से सनातन कुलधर्म नष्ट हो जाते हैं, कुलधर्म के नाश हो जाने पर सम्पूर्ण कुल में केवल पाप ही फैलता है।

संकरो नरकायैव कुलघ्नानां कुलस्य च।
पतन्ति पितरो ह्येषां लुप्तपिण्डोदकक्रियाः।

वर्णसंकर कुलघातियों को और कुल को नरक में ले जाने के लिए ही होता है, लुप्त हुई पिण्ड अर्थात् श्राद्ध और तर्पण से वंचित इनके पितर लोग भी अधोगति को प्राप्त होते हैं।

दोषैरेतैः कुलघ्नानां वर्णसंकरकारकैः।
उत्साद्यन्ते जातिधर्माः कुलधर्माश्च शाश्वताः।

इन वर्णसंकरकारक दोषों से, कुलघातियों द्वारा सनातन कुल, धर्म और जाति धर्म नष्ट हो जाते हैं।
Bhagavad Gita Quotes in Hindi

उत्सन्कुलधर्माणां मनुष्याणां जनार्दन।
नरकेऽनियतं वासो भवतीत्यनुशुश्रुम।

हे जनार्दन! जिनका कुलधर्म नष्ट हो गया है, ऐसे मनुष्यों का अनिश्चित काल तक नरक में वास होता है, ऐसा हम सुनते आये हैं।

श्रीभगवानुवाच
कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितम्।
अनार्यजुष्टमस्वर्ग्यमकीर्तिकरमर्जुन।
क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते।
क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्तवोत्तिष्ठ परंतप।

श्री भगवान बोलेः हे अर्जुन! तुझे इस असमय में यह मोह किस हेतु से प्राप्त हो रहा है? क्योंकि यह श्रेष्ठ पुरुषों का आचरण नहीं, न ही यह आचरण  स्वर्ग को देने वाला है और न ही कीर्ति कमाने वाला है। इसीलिए हे अर्जुन! नपुंसकता को मत प्राप्त हो, तुझमें यह उचित नहीं जान पड़ती। हे पार्थ! हृदय की तुच्छ दुर्बलता को त्यागकर युद्ध के लिए खड़ा हो जा।

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Bhagavad Gita Motivational Quotes in Hindi

Bhagavad Gita Quotes in Hindi के माध्यम से आप दिल को छू जाने वाले उन कोट्स को पढ़ पाएंगे, जो जटिल से जटिल परिस्थिति में आपको साहस से काम लेना सिखाएंगे। Bhagavad Gita Motivational Quotes in Hindi इस प्रकार हैं-

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“मन को जीतने वाला‌ व्यक्ति ही परमात्मा को प्राप्त कर सकते हैं।”

“शांत मन से ही लक्ष्य की प्राप्ति की जाती है, मन की अशांति से मानव का पतन होता है।”

“निस्वार्थ भाव से की गई सेवा या दान ही सात्विक गुण का आधार होता है, सात्विकता से ही संसार को ऊर्जा प्राप्त करता है।”

“क्रोध, लालच और वासना यही नर्क के द्वार हैं क्योंकि यह मानव के पतन का मुख्य कारण होते हैं।”

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“ईश्वर का रूप केवल उतना ही नहीं जितना हम और आप समझते हैं, सृष्टि के हर कण में परमात्मा की उपस्थिति होती है।”

“सृष्टि के हर कण का एक विशेष गुण होता है, जिसका आधार स्वयं श्री हरि नारायण होते हैं।”

“अति से ज्यादा खाना खाने वाला मानव आलस के रथ का सारथी बनता है, एक योगी की यही पहचान होती है कि वह कम खाते हैं और हरि की महिमा गाते हैं।”

“श्रीकृष्ण ही तमस हैं और वही ज्ञान का प्रकाश हैं, नारायण ही सृष्टि सारी-श्री हरि ही आशाओं का आकाश हैं।”

“स्वर्ग और नर्क कर्म के तराजू पर समान रूप से तुलते हैं, इन्हीं के आधार पर आत्मा की गति होती है।”

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“चंचल मन की इच्छाओं का त्याग करने वाले व्यक्ति ही परमात्मा के हृदय में वास करते हैं।”

यह भी पढ़ें – सफलता पर अनमोल विचार

Bhagavad Gita Best Quotes in Hindi

यहाँ आपके लिए Bhagavad Gita Best Quotes in Hindi दिए गए हैं, जो हर प्राणी को वास्तविक सुख की प्राप्ति के लिए प्रेरित करते हैं। Bhagavad Gita Best Quotes in Hindi इस प्रकार हैं –

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“संशय से बाहर निकलकर कर्म को पहचानने वाला व्यक्ति ही सर्वश्रेष्ठ कहलाता है।”

“योगियों की यही पहचान होती है कि उनकी इंद्रियां उनके अधीन होती हैं।”

“भयमुक्त होता है वह प्राणी जो परमात्मा की इच्छा को अपने लिए आदेश मानकर चलता है।”

“चिंताओं की चिता को दाग वहीं प्राणी देता है, जो पूर्णतः मन भाव से स्थिर हो जाता है।”

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“सच्ची श्रृद्धा और परमात्मा के प्रति समर्पण तब ही सफल माना जाता है, जब उसमें कोई शंका न हो।”

“जीवन में अपने पथ से भटकने वाला व्यक्ति कभी भी परमात्मा की प्राप्ति नहीं कर सकता, फिर चाहे वह कितना भी कुछ क्यों न कर ले।”

“भय के होने पर मन की स्थिति भयानक हो जाती है, वीर वही है जो कर्मज्ञान का अनुसरण करता हो।”

“सृष्टि में हर जीव के हृदय में नारायण का ही वास है, मनुष्य को चाहिए कि वह अपने भीतर के नारायण का स्वरूप जाने।”

“जब कभी भी सृष्टि पापियों के पाप से आतंकित होती है, तब नारायण इस धरती पर धर्म बचाने, सृष्टि की संस्कृति, ज्ञान और मानवता के संरक्षण के लिए अवतार लेते हैं।”

“परमात्मा की लीलाओं को जिसने शून्य होकर जान लिया, उसने जीवन के अनन्त ज्ञान की प्राप्ति कर ली।”

“राजसी, तामसी और सात्विक के आधार पर ही मानव के गुण, प्रकृति और व्यवहार का निर्धारण होता है।”

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

“जीवन का एक ही सार होता है “श्रीमद्भागवत गीता”, यही सार यदि जीवन का आधार बन जाए तो जीवन सफल बन जाता है।”

FAQs

भगवद गीता में सबसे प्रसिद्ध श्लोक कौन-सा है?

भगवद गीता का सबसे प्रसिद्ध श्लोक “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” (अध्याय 2, श्लोक 47) है, जो निष्काम कर्म योग की शिक्षा देता है।

भगवद गीता का कौन-सा श्लोक नकारात्मकता दूर करने में सहायक है?

“वितरागभयक्रोधा मन्मया मामुपाश्रिताः” (अध्याय 4, श्लोक 10) जीवन से डर, क्रोध और नकारात्मकता को दूर करने में मदद करता है।

क्या भगवद गीता के कोट्स जीवन में सफलता दिला सकते हैं?

हाँ, भगवद गीता के श्लोक जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए प्रेरित करते हैं। ये कोट्स आत्म-ज्ञान, धैर्य, और सही निर्णय लेने में मदद करते हैं।

भगवद गीता को हिंदी में कहां पढ़ सकते हैं?

भगवद गीता के हिंदी अनुवाद ऑनलाइन वेबसाइट्स, PDF फॉर्मेट और गीता प्रेस गोरखपुर जैसी पुस्तकों में उपलब्ध हैं।

भगवद गीता का कौन-सा श्लोक जीवन में भय को समाप्त करता है?

“मच्चित्तः सर्वदुर्गाणि मत्प्रसादात्तरिष्यसि” (अध्याय 18, श्लोक 58) यह श्लोक हमें भगवान पर विश्वास रखने और जीवन में निर्भय रहने की प्रेरणा देता है।

क्या भगवद गीता कोट्स छात्रों के लिए फायदेमंद हैं?

हाँ, गीता के श्लोकों से फोकस, आत्म-अनुशासन, और धैर्य विकसित करने में मदद मिलती है, जो छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं।

भगवद गीता से कर्मयोग का क्या महत्व है?

गीता सिखाती है कि हमें फल की चिंता किए बिना कर्म करना चाहिए, क्योंकि कर्म ही हमारा कर्तव्य है, फल नहीं।

भगवद गीता के किन श्लोकों से मानसिक शांति मिलती है?

अध्याय 12 (भक्तियोग) और अध्याय 18 (संन्यासयोग) के श्लोकों को पढ़ने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है।

क्या भगवद गीता केवल हिंदू धर्म से संबंधित है?

नहीं, भगवद गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है। इसके ज्ञान को कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में लागू कर सकता है।

भगवद गीता के कौन-से श्लोक आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करते हैं?

“न हि कश्चित् क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्” (अध्याय 3, श्लोक 5) यह सिखाता है कि निरंतर कर्म करने से ही आत्मविश्वास और सफलता मिलती है।

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आशा करते हैं कि आपको इस लेख में दिए गए जीवन, कर्म और धर्म पर श्रीमद्भगवत गीता के अमूल्य उपदेश और सर्वश्रेष्ठ उद्धरण (Bhagavad Gita Quotes in Hindi) पसंद आए होंगे। इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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2 comments
    1. Hi Akshay! Thanks for taking the time to comment! to better understand the Bhagavad Gita, you can read simple commentaries, watch explanation videos, or join a study group. Taking guidance from a teacher or expert can also be very helpful. Keep reading, and it will become clearer over time.

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