अकाउंटेंट बनना आज के समय में एक बेहतरीन और स्थिर करियर ऑप्शन माना जाता है, खासकर उन स्टूडेंट्स के लिए जो मैथ, फाइनेंस मैनेजमेंट एंड एनालिसिस में रुचि रखते हैं। स्कूल या कॉलेज स्तर पर यदि आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अकाउंटिंग, फाइनेंस या कॉमर्स की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। बारहवीं के बाद बी.कॉम, बीबीए (फाइनेंस) या किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से अकाउंटिंग कोर्स करना एक अच्छा पहला कदम हो सकता है। एकाउंटिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए इस लेख को विस्तारपूर्वक पढ़ें।
This Blog Includes:
- अकाउंटेंट कौन होता है?
- अकाउंटेंट बनने के लिए कोर्सेज
- अकाउंटेंट बनने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
- अकाउंटेंट बनने के लिए आवश्यक योग्यता
- अकाउंटेंट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स
- सरकारी अकाउंटेंट या अकॉउंटिंग ऑफिसर कैसे बनें?
- अकाउंटेंट बनने के लिए टिप्स
- अकाउंटेंट के लिए रोजगार के क्षेत्र
- अकाउंटेंट को मिलने वाला वेतन
- FAQs
अकाउंटेंट कौन होता है?
अकाउंटेंट वह होता है जो किसी संस्था, कंपनी या व्यक्ति के वित्तीय लेन-देन का सही-सही रिकॉर्ड रखता है और उनकी आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करता है। अकाउंटेंट सही मायनों में टैक्स प्लानिंग, वित्तीय रिपोर्ट तैयार करने, बजट बनाने और कानूनी नियमों का पालन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अकाउंटेंट ही किसी संस्था, कंपनी या संगठन के वित्तीय रिकॉर्ड को सही और व्यवस्थित तरीके से संभालता है। अकाउंटेंट का मुख्य काम लेन-देन का हिसाब रखना, खर्च और आय का रिकॉर्ड तैयार करना, टैक्स से जुड़ी जानकारी को अपडेट करना और वित्तीय रिपोर्ट बनाना होता है।
अकाउंटेंट बनने के लिए कोर्सेज
सफल अकाउंटेंट बनने के लिए सही कोर्स का चुनाव आपके करियर की मजबूत नींव रख सकता है। इसके लिए बेस्ट कोर्सेस की जानकारी निम्नलिखित है –
चार्टर्ड एकाउंटेंसी (CA)
भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंसी (CA) कोर्स को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया (ICAI) द्वारा ऑफर किया जाता है। यह एक ऐसा सर्टिफिकेशन कोर्स है जिसकी अवधि 4.5 साल – 6 साल के करीब हो सकती है, साथ ही इस कोर्स में प्रवेश के लिए दो मार्ग जैसे- फाउंडेशन कोर्स या डायरेक्ट एंट्री ही होते हैं। इसे करने के लिए आपको 12वीं के बाद CA फाउंडेशन, CA इंटरमीडिएट, फिर 3 साल की Articleship करनी होती है। इसके बाद आपको अंत में CA फाइनल करना होता है। इसे पूरा करने के बाद आपको Big4, कॉर्पोरेट्स कंपनीज में काम करने का अवसर मिलता है।
इस कोर्स को करने के बाद आप ऑडिट, टैक्ससेशन, बैंकिंग, फाइनेंस, और मैनजमेंट जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं। इस कोर्स के किए आयोजित होने वाली परीक्षा में हर स्तर पर मल्टीपल पेपर्स देने होते हैं, जिनमें ऑब्जेक्टिव एंड सब्जेक्टिव क्वेस्शन के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज और केस स्टडी पर प्रश्नों को पूछा जाता है।
सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट (CPA)
सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट (CPA) दुनिया भर में एक प्रतिष्ठित पेशेवर अकाउंटिंग योग्यता मानी जाती है, जो खासतौर पर अमेरिका में मान्यता प्राप्त है। यह कोर्स एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त डिग्री कोर्स है, जो उन छात्रों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो वित्त, टैक्सेशन, ऑडिट और अकाउंटिंग के क्षेत्र में उच्च स्तर का करियर बनाना चाहते हैं। इसे AICPA/NASBA मिलकर रेगुलेट करते हैं। इसकी योग्यता और लाइसेंसिंग स्टेट-वाइज तय होती है, इसलिए इसकी जानकारी आप स्टेट वाइज इस कोर्स को करवाने वाले संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए अकाउंटिंग में गहरी समझ, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मानकों का ज्ञान और मजबूत विश्लेषण क्षमता का होना जरुरी है। इस कोर्स के लिए स्टूडेंट्स को यूनिफ़ॉर्म CPA परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है, जिसमें तीन मुख्य खंड (ऑडिटिंग और सत्यापन, वित्तीय लेखांकन और रिपोर्टिंग, और कराधान और विनियमन) शामिल होते हैं। इसके लिए आमतौर पर ग्रेजुएशन की डिग्री अनिवार्य होती है। इसे करने के बाद आपको ग्लोबल सैलरी और रिकग्निशन के साथ अपना करियर शुरू करने का अवसर प्राप्त होता है।
यह भी पढ़ें – डर्मेटोलॉजिस्ट कैसे बनें?
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट (CMA)
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट (CMA) एक ऐसा कोर्स है, जो छात्रों को व्यवसाय में लागत नियंत्रण, वित्तीय प्रबंधन और रणनीतिक निर्णय लेने की गहरी समझ देता है। भारत में इसे द इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICMAI) द्वारा मान्यता प्राप्त है, साथ ही इस कोर्स को करने में लगभग 3-4 साल की समयावधि लगती है।
इस कोर्स को तीन चरणों ‘फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल’ के रूप में पूरा किया जाता है। इसके लिए कैंडिडेट्स किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त करने के बाद फाउंडेशन स्तर के लिए अपना पंजीकरण कर सकते हैं। यह कोर्स उन छात्रों के लिए बेहतरीन है जो अकाउंटिंग, ऑडिटिंग और बिज़नेस एनालिसिस में रुचि रखते हैं।
एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट्स (ACCA)
यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पेशेवर एकाउंटिंग कोर्स है, जो छात्रों को वित्त, ऑडिट, टैक्सेशन और बिज़नेस मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ बनने का अवसर देता है। ACCA की डिग्री 180 से अधिक देशों में मान्य है, जिससे करियर के अवसर वैश्विक स्तर पर बढ़ जाते हैं।
इस कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट्स का 10+2 में कॉलेज के आधार पर पासिंग मार्क्स थोड़े भिन्न हो सकते हैं, लेकिन इसके लिए कई कॉलेज छात्रों के 12वीं में गणित, इंग्लिश विषय के साथ न्यूनतम अंकों 65% की डिमांड करते हैं, जो कॉलेज-कॉलेज के आधार पर थोड़ी भिन्न हो सकती है। इसके साथ ही Foundation in Accountancy जैसे एंट्री लेवल अवार्ड्स को करना इस प्रोग्राम के लिए उपयोगी माना जाता है।
इस कोर्स में स्टूडेंट्स को 13 परीक्षाएं देनी होती हैं, जिन्हें तीन स्तर पर देना होता है। इस कोर्स को 12वीं कक्षा के बाद करने के लिए लगभग 2.5 से 3 साल की समयावधि लग सकती है।
अकाउंटेंट बनने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
यहाँ छात्रों के लिए सरल भाषा में अकाउंटेंट बनने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड दी गई है, जो छात्रों का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है –
स्टेप 1: 12वीं के बाद अपना ट्रैक तय करें
12वीं के बाद आपको किस अकॉउंटिंग कोर्स का चयन करना है या किसे अपने ट्रैक के रूप में चुनकर आगे बढ़ना है, सबसे पहले इसका निर्धारण करें। इसके लिए आपको 12वीं के बाद बी.कॉम, बीबीए (फाइनेंस) या अकाउंटिंग से संबंधित ग्रेजुएशन डिग्री में से किसी एक का चयन करना चाहिए। अपना ट्रेक चुनने के बाद आपका बेसिक स्किल के साथ-साथ, प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन पर भी फोकस करना जरुरी होता है।
स्टेप 2: एक प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन चुनें
12वीं के बाद अपनी ग्रेजुएशन चुनने के साथ ही आपको एक प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन जैसे – CA, CMA, ACCA या CPA का चयन करना चाहिए। कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता और इसकी समयावधि को जानकर आप आधिकारिक वेबसाइट से इसमें आवेदन कर सकते हैं। प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन के भिन्न-भिन्न होने से इसकी समयावधि और योग्यता भी भिन्न-भिन्न होती है।
स्टेप 3: नॉलेज के साथ-साथ स्किल्स डेवलप करें
छात्रों को B.Com करते हुए या किसी प्रोफेशन क्वालिफिकेशन को करते हुए TallyPrime, Excel, GST Return Filing और GST जैसी बेसिक स्किल्स को खुद में डेवलप करना चाहिए। इसके साथ ही आप कुछ प्रमुख सॉफ्ट स्किल्स जैसे – प्रॉब्लम सॉल्विंग या डिसीजन मेकिंग आदि को भी समय रहते खुद में डेवलप करें। ये स्किल्स ही आपको इंटर्नशिप के लिए तैयार करती हैं, जो आपकी ग्रोथ के लिए एक जरूरी कदम है।
स्टेप 4: नॉलेज के साथ-साथ इंटर्नशिप पर भी ध्यान दें
अकाउंटेंट बनने के लिए जितना जरूरी प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन को चुनकर नॉलेज गेन करना है, उतना ही जरुरी इंटर्नशिप पर भी ध्यान देना भी है। इसके लिए आप लोकल CA फर्म्स, एकाउंटिंग आउटसोर्सिंग ऑफिसेस, GST कंसल्टेंट्स, स्मॉल बिज़नेस (जैसे – रिटेल शॉप्स, ट्रेडर्स) में इंटर्नशिप करके अपनी स्किल्स को बढ़ा सकते हैं।
स्टेप 5: सर्टिफिकेशन पूरा करें अपना मजबूत पोर्टफोलियों बनाएं
अब आप प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन जैसे- CA, CMA या ACCA में सर्टिफिकेशन पूरा करें। इसे पूरा करने में समय तो लगता है, लेकिन प्रैक्टिकल एक्सपोज़र के साथ पढ़ोगे तो पास होना आसान होगा। इसके साथ आपको मजबूत पोर्टफोलियों बनाएं जिसमें आप GSTR-3B सैंपल, एक्सेल रिपोर्ट्स, टैली स्क्रीनशॉट्स, इंटर्नशिप सर्टिफिकेट आदि को ऐड कर सकते हैं। साथ ही यदि आपने छोटे क्लाइंट्स के लिए बुककीपिंग की हो तो उसकी समरी लिखें।
अकाउंटेंट बनने के लिए आवश्यक योग्यता
अकाउंटेंट बनने के लिए आवश्यक योग्यता को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है:-
- इसके लिए 12वीं कक्षा में वाणिज्य (कॉमर्स) विषय के साथ अकाउंटेंसी, गणित और अर्थशास्त्र की पढ़ाई फायदेमंद होती है।
- इसके बाद छात्रों के पास बी.कॉम, बीबीए (फाइनेंस) या अकाउंटिंग से संबंधित ग्रेजुएशन डिग्री अनिवार्य मानी जाती है।
- इसके लिए यदि आप कुछ प्रमुख प्रोफेशनल कोर्स जैसे – चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA), कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट (CMA), या एमबीए (फाइनेंस) आदि करते हैं, तो इससे आपको नौकरी के अवसर अधिक मिलते हैं।
- अकाउंटेंट बनने के लिए आप में अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर (जैसे Tally, QuickBooks) की समझ, गणित में दक्षता, डिटेल पर ध्यान और विश्लेषण क्षमता ज़रूरी है।
- इसके साथ ही आपको इसके लिए नवीनतम टैक्स कानून, जीएसटी और वित्तीय नियमों का ज्ञान होना अनिवार्य है।
- क्लाइंट, टीम और ऑडिटर्स के साथ प्रभावी तरीके से संवाद करना भी एक अहम योग्यता है, जिसके होने पर आप एक कुशल अकाउंटेंट बन सकते हैं।
यह भी पढ़ें – असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर कैसे बनें?
अकाउंटेंट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स
एक अच्छे अकाउंटेंट बनने के लिए न सिर्फ अकाउंटिंग के बेसिक सिद्धांत सीखना ज़रूरी है, बल्कि टैक्सेशन, ऑडिटिंग, फाइनेंशियल एनालिसिस और कंप्यूटराइज्ड अकाउंटिंग जैसे आधुनिक स्किल्स भी जानना जरूरी है। इसके साथ ही अकाउंटेंट बनने के लिए आप में निम्नलिखित स्किल्स होनी चाहिए –
- कम्युनिकेशन स्किल्स
- डिसीजन मेकिंग
- क्रिटिकल थिंकिंग
- प्रॉब्लम सॉल्विंग
- कंप्यूटर स्किल्स
- टीमवर्क
सरकारी अकाउंटेंट या अकॉउंटिंग ऑफिसर कैसे बनें?
सरकारी अकाउंटेंट का प्रमुख कार्य सरकारी बजट तैयार करना, खर्च की निगरानी, ऑडिट रिपोर्ट बनाना और वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखना है। इनका रोल बजट तैयार करना, सरकारी फंड के खर्च की मॉनिटरिंग, बिल पास करना, ऑडिट रिपोर्ट में मदद करना, टैक्स और वित्तीय रिकॉर्ड संभालना, और किसी विभाग की फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी में योगदान देना भी होता है।
SSC CGL से ऑडिटर / जूनियर अकाउंटेंट
SSC CGL भारत में सरकारी अकाउंटेंट बनने का सबसे पॉपुलर रास्ता है। यह रास्ता स्टेबल है, ग्रेड-पे ठीक है, और प्रमोशन स्ट्रक्चर क्लियर है। CGL के जरिए आपको निम्नलिखित वित्तीय पोस्टें मिलती हैं:
- ऑडिटर (CAG, CGDA)
- जूनियर अकाउंटेंट
- सीनियर अकाउंटेंट
- असिस्टेंट एकाउंट्स ऑफिसर (कुछ साल अनुभव के बाद प्रमोशन)
न्यूनतम योग्यता
- किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन अनिवार्य।
- अकाउंटिंग बैकग्राउंड आपकी ग्रोथ और नॉलेज के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
CGA (कंट्रोलर जनरल ऑफ़ एकाउंट्स) में अकाउंटेंट/जूनियर अकाउंटेंट
CGA भारत सरकार का केंद्रीय लेखा विभाग है। यहां अकाउंटेंट और जूनियर अकाउंटेंट को SSC CHSL या SSC CGL के जरिए ही भरा जाता है। CGA का काम पूरी सरकार के पेमेंट, रसीद और अकाउंटिंग सिस्टम PFMS के जरिए चलता है, इसलिए यह पोस्ट प्रैक्टिकल फाइनेंशियल ऑपरेशंस में ज्यादा इन्वॉल्व होती है।
न्यूनतम योग्यता
- 12वीं पास (CHSL के जरिए) – जूनियर अकाउंटेंट जैसे एंट्री-लेवल रोल्स
- ग्रेजुएशन (CGL के जरिए) – अकाउंटेंट
स्टेट अकाउंट / स्टेट फाइनेंस डिपार्टमेंट (राज्य लेखा सेवा)
हर राज्य में फाइनेंस डिपार्टमेंट और लेखा विभाग होता है, जहां राज्य सार्वजनिक सेवा आयोग (स्टेट PSC) भर्ती करवाता है। इन पदों के लिए प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू जिसमें अकाउंटिंग, अर्थशास्त्र, जनरल स्टडीज और आंचलिक ज्ञान शामिल होते हैं।
- अकाउंटेंट
- ऑडिटर
- ट्रेज़री अकाउंटेंट
- एकाउंट्स ऑफिसर (कुछ साल अनुभव के बाद प्रमोशन)
आवश्यक न्यूनतम योग्यता
- ग्रेजुएशन अनिवार्य होता है।
- कुछ राज्यों में कॉमर्स डिग्री को प्रिफ्रेंस दिया जाता है।
यह भी पढ़ें – रेडियोलॉजिस्ट कैसे बनें?
अकाउंटेंट बनने के लिए टिप्स
अकाउंटेंट बनने के लिए आप निम्नलिखित टिप्स को फॉलो कर सकते हैं –
- अकाउंटिंग में कैलकुलेशन और डाटा एनालिसिस सबसे जरूरी है, इसलिए मैथ और बुककीपिंग के बेसिक कॉन्सेप्ट को अच्छे से समझें।
- 11वीं से कॉमर्स स्ट्रीम लेकर अकाउंट्स, इकोनॉमिक्स और बिज़नेस स्टडीज जैसे सब्जेक्ट्स पढ़ना शुरू करें।
- इसके लिए बी.कॉम, बीबीए (फाइनेंस), या चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) जैसे ग्रेजुएशन और प्रोफेशनल कोर्स करें।
- टैली, क्विकबुक, या ज़ीरो जैसे अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना सीखें, क्योंकि आज के अकाउंटेंट सिर्फ रजिस्टर में नहीं बल्कि डिजिटल टूल्स से काम करते हैं।
- पढ़ाई के साथ-साथ इंटर्नशिप लेकर रियल-लाइफ अकाउंटिंग का अनुभव प्राप्त करें।
अकाउंटेंट के लिए रोजगार के क्षेत्र
अकाउंटेंट बनने के लिए आप निम्नलिखित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर ढूंढ सकते हैं –
- CA फर्म्स
- मैन्युफैक्चरिंग कम्पनीज
- रिटेल चेन्स
- E-कॉमर्स कंपनीज
- लॉजिस्टिक्स फर्म्स
- NGOs
यह भी पढ़ें – कस्टम ऑफिसर कैसे बनें?
अकाउंटेंट को मिलने वाला वेतन
अकाउंटेंट को मिलने वाला अनुमानित सालाना सैलरी Ambitionbox.com के अनुसार नीचे दी गई तालिका में दर्शाई गई है। वास्तविक सैलरी आपके शहर, कंपनी में आपके अनुभव, कौशल और परफॉर्मेंस के आधार पर कम-ज्यादा भी हो सकती है।
| अकाउंटेंट का प्रकार | मुख्य कार्य | औसत सालाना सैलरी (INR) |
| फाइनेंशियल अकाउंटेंट | कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड बनाना और रिपोर्ट तैयार करना | 1.5 लाख – 13 लाख |
| मैनेजमेंट अकाउंटेंट | बजट और लागत नियंत्रण और भविष्य की योजना बनाना | 3.6 लाख – 26 लाख |
| टैक्स अकाउंटेंट | टैक्स रिटर्न फाइल करना और टैक्स प्लानिंग करना | 1.5 लाख – 12 लाख |
| इंटरनल ऑडिटर | कंपनी के अंदरूनी वित्तीय नियंत्रण की जांच करना | 1.8 लाख – 14.5 लाख |
| फॉरेंसिक अकाउंटेंट | वित्तीय धोखाधड़ी की जांच करना | 3 लाख – 13 लाख |
| कॉस्ट अकाउंटेंट | उत्पादन लागत का विश्लेषण और सुधार करना | 2 लाख – 15 लाख |
FAQs
अकाउंटेंट बनने के लिए आपको आमतौर पर अकॉउंटिंग या उससे संबंधित किसी विषय के साथ ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त करनी होती है, इसके बाद एकाउंटेंसी का ज्ञान देने वाले कुछ स्पेशल कोर्सेज को करना होता है।
अकाउंटेंट बनने में आमतौर पर आपको लगभग 2 से 5 सालों का समय लगता है, हालाँकि इसमें लगने वाला समय कोर्स के स्तर और आपकी समझने की गति पर भी निर्भर करता है।
अकाउंटेंट बनने के बाद आप टैक्स कंसल्टेंट, ऑडिटर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, बुककीपर या अकाउंट्स मैनेजर के रूप में काम कर सकते हैं।
बीकॉम, एमकॉम, चार्टर्ड अकाउंटेंसी, सीएमए और एमबीए इन फाइनेंस जैसे कोर्सेज अकाउंटेंट के लिए सबसे लोकप्रिय और उपयोगी माने जाते हैं।
अकाउंटेंट बनने के लिए भारत में दिल्ली यूनिवर्सिटी, मुंबई यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, सेंट जेवियर्स कॉलेज और क्राइस्ट यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान आपके लिए बेस्ट ऑप्शन रहेंगे।
हमें आशा है कि आप इस लेख में जान पाए होंगे कि अकाउंटेंट कैसे बनें। ऐसे ही करियर से संबंधित अन्य लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।
One app for all your study abroad needs






60,000+ students trusted us with their dreams. Take the first step today!
